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महाराष्ट्र चुनाव के लिए MVA में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तो तय हो गया लेकिन मामला यहां फंसा है

महाविकास अघाड़ी (MVA) में कुछ सीटों पर मामला कांग्रेस और शिवसेना (UBT) के बीच फंसा है. महायुति गठबंधन में भी सीटों के बंटवारे पर समझौता हो गया है.

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Sanjay Raut
MVA में 28 सीटों पर मामला अब भी फंसा हुआ है. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
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ऋत्विक भालेकर
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23 अक्तूबर 2024 (Updated: 23 अक्तूबर 2024, 15:31 IST)
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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए महाविकास अघाड़ी (MVA) सीट बंटवारे के मुद्दे को लगभग सुलझा लिया है. हालांकि, मुंबई की तीन सीटों समेत 28 सीटों पर विवाद अब भी बना हुआ है. रिपोर्ट है कि इन सीटों पर अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान को लेना है. इसमें मुंबई रीजन की वर्सोवा, बांद्रा ईस्ट और बायकुला सीट भी शामिल है.

22 अक्टूबर को लगभग 4 घंटे तक चली बैठक के बाद MVA ने इस फॉर्मूले पर मुहर लगा दी. बैठक के बाद शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने कहा कि सीट शेयरिंग पर फैसला लिया जा चुका है. और अब इस संबंध में इसके बाद कोई और बैठक नहीं होगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विधानसभा चुनाव में सीटों का बंटवारा लोकसभा चुनाव में दलों के प्रदर्शन के आधार पर तय किया गया है.

MVA में कांग्रेस 100 से 105 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. वहीं शिवसेना (UBT) 96 से 100 सीट पर और NCP (शरद) 80 से 85 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. वहीं 3 से 6 सीटें MVA के अन्य दलों के हिस्से आ सकती है.

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 288 सीटों में से करीब 260 सीटों के बंटवारे पर गठबंधन का समझौता हो गया है. MVA ने गठबंधन के प्रत्येक दल के प्रमुखों को विवादित सीटों की सूची भेजने का भी फैसला किया है. सीट बंटवारे के फॉर्मूले को लेकर इससे पहले भी एक बैठक हुई थी. पिछले सप्ताह मुंबई के एक होटल में MVA के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई थी. इस बैठक में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने 12 सीटों की मांग की थी.

लोकसभा चुनाव 2024 में NCP (शरद पवार), शिवसेना (UBT) और कांंग्रेस सहित अन्य दलों ने मिलकर महाराष्ट्र की 48 में से 30 सीटें जीती थीं. इसे एक अच्छा प्रदर्शन माना गया. 13 लोकसभा सीटें जीतकर कांग्रेस राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. इससे उत्साहित होकर कांग्रेस इस चुनाव में अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है.

MVA से जुड़े एक सूत्र ने इंडिया टुडे को बताया कि 28 विवादित सीटें मुंबई और विदर्भ क्षेत्र में हैं. इनमें से अधिकतर विदर्भ रिजन की सीटें हैं. इन सीटों पर कांग्रेस और शिवसेना (UBT) दोनों ने अपनी दावेदारी ठोकी है. मुंबई की विवादित सीटों में वर्सोवा, बायकुला और बांद्रा ईस्ट शामिल है. 

वर्सोवा सीट पर 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार उतारा था. हालांकि, कांग्रेस के बालदेव खोसा चुनाव हार गए थे. BJP के भारती हेमंत लावेकर को लगभग 5 हजार वोटों से जीत मिली थी. बायकुला सीट पर पिछले चुनाव में शिवसेना को जीत मिली. शिवसेना तब दो गुटों में नहीं बंटी थी. यामिनी यशवंत जाधव को करीब 20 हजार वोटों से जीत मिली थी. AIMIM के वारिश पठान दूसरे स्थान पर रहे थे. बांद्रा ईस्ट की सीट पर कांग्रेस के जीशान सिद्दीकी (बाबा सिद्दीकी) को 5 हजार से अधिक वोटों से जीत मिली थी. इसके अलावा धारावी और घाटकोपर (पश्चिम) पर भी विवाद बना हुआ है.

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हालांकि, 2019 के चुनाव में अविभाजित शिवसेना BJP के साथ गठबंधन में थी. MVA तब अस्तित्व में नहीं था. ऐसे में उन सीटों पर विवाद है जिन पर पिछले चुनाव में कांग्रेस और शिवसेना दोनों ने ही अपने उम्मीदवार उतारे थे. या इन दोनों में से किसी एक दल को जीत मिली थी.

महायुति में भी हुआ सीट बंटवारा

दूसरी तरफ महायुति गठबंधन में भी सीटों का बंटवारा लगभग तय माना जा रहा है. इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से इसे रिपोर्ट किया है. महायुति गठबंधन में BJP के साथ शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और NCP (अजित पवार) शामिल है. सूत्रों के अनुसार, BJP 152 से 155 सीटों पर, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) 78 से 80 सीटों पर और NCP (अजित पवार) 52 से 54 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.

BJP ने 99 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है. भाजपा ने अधिकतर सीटों पर मौजूदा विधायकों को मौका दिया है.

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