Bihar Election Results: काराकाट में पवन सिंह ने NDA का खेल बिगाड़ दिया
Bihar की Karakat Loksabha Seat से CPI-ML(L) कैंडिडेट राजाराम सिंह 105858 वोटों से जीत गए हैं. निर्दलीय प्रत्याशी पवन सिंह दूसरे और उपेंद्र कुशवाहा तीसरे स्थान पर रहें.
बिहार की काराकाट लोकसभा सीट से CPI-ML के राजाराम सिंह 105858 वोटों से जीत गए हैं. इस सीट पर उनका मुकाबला NDA के उपेंद्र कुशवाहा और निर्दलीय प्रत्याशी पवन सिंह से था. इलेक्शन कमीशन के मुताबिक राजाराम सिंह को 3,80,581 वोट मिले हैं. दूसरे नंबर पर भोजपुरी स्टार पवन सिंह रहें. उनको 2,74,723 वोट मिले. वहीं NDA प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा तीसरे नंबर पर रहें. उनको 2,53,876 वोट मिले.
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2014 और 2019 के चुनाव नतीजेकाराकाट लोकसभा सीट पहली बार 2009 में अस्तित्व में आई. तब यहां से जदयू के महाबली सिंह चुनाव जीते थे. 2014 में NDA की ओर से उपेंद्र कुशवाहा अपनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के चुनाव चिह्न पर यहां से लड़े. उनको इस चुनाव में 3 लाख 38,892 वोट मिले. दूसरे नंबर पर रहीं राजद की कांति देवी. उन्हें 2 लाख 33,651 लोगों ने वोट किया था.
2019 के चुनाव में पाला बदलकर उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन की ओर चले गए. और फिर से अपनी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ा. लेकिन इस बार उनको जदयू के महाबली सिंह से हार का सामना करना पड़ा. इस चुनाव में महाबली सिंह को 3 लाख 98,408 वोट मिले, जबकि उपेंद्र कुशवाहा के हिस्से 3 लाख 13,866 वोट आए.
त्रिकोणीय मुकाबला
काराकाट लोकसभा सीट बिहार की उन लोकसभा सीटों में से एक है जहां मुकाबला त्रिकोणीय स्थिति में है. एनडीए से यह सीट एक बार फिर से उपेंद्र कुशवाहा के पाले में गई है. वहीं इंडिया गठबंधन की ओर से CPI-ML(L) नेता राजाराम सिंह को टिकट मिला है. इनके अलावा भोजपूरी स्टार पवन सिंह भी अपनी मजबूत दावेदारी के साथ चुनावी मैदान में हैं.
जातीय समीकरण
काराकाट लोकसभा यादव और कुर्मी-कुशवाहा बहुल सीट मानी जाती है. यहां लगभग 3 लाख से यादव वोटर हैं जबकि 3 लाख कुर्मी-कुशवाहा वोटर हैं. इसके बाद यहां सबसे अधिक राजपूत वोटर्स हैं जिनकी संख्या लगभग 2 लाख मानी जाती है. काराकाट में वैश्य समाज के वोटरों की संख्या भी लगभग 2 लाख है. इसके अलावा यहां लगभग 1 लाख ब्राह्मण वोटर और 50 हजार भूमिहार वोटर्स हैं. NDA को सबसे अधिक राजपूत वोटर्स के खिसकने का डर था. क्योंकि यह बीजेपी के परंपरागत वोटर्स माने जाते हैं. और अगर नतीजों को देखें तो आशंका सही साबित होती दिख रही है.
स्टारडम
भोजपूरी स्टार पवन सिंह को बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल से मैदान में उतारा था, लेकिन TMC ने उनके गानों में बंगाली महिलाओं को गलत तरीके से दिखाने का दावा करते हुए उनकी उम्मीदवारी का विरोध करना शुरू कर दिया. विवाद बढ़ा तो पवन सिंह ने ख़ुद यहां से उम्मीदवारी छोड़ने का फ़ैसला किया.
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उसके कुछ समय बाद उन्होंने काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की. पवन सिंह के चुनावी सभाओं और रैलियों में आने वाली भीड़ ने NDA और इंडिया दोनों गठबंधन के नेताओं को मुश्किल में डाल दिया था. भोजपूरी स्टार होने के चलते पवन सिंह की रैलियों और जनसभाओं में सभी समुदाय के लोग आ रहे थे. बीजेपी ने राजपूत समुदाय से आने वाले इस स्टार को काउंटर करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और लवली आनंद जैसे नेताओं को प्रचार में उतारा था
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