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Purnia Loksabha Results: पूर्णिया के चुनावी रण में पप्पू यादव को मिली जीत, RJD की बीमा भारती जमानत भी नहीं बचा पाईं

लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी Pappu Yadav ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी JDU के संतोष कुमार कुशवाहा को हरा दिया है. RJD की Bima Bharti लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में असफल रहीं.

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पूर्णिया लोकसभा सीट से .................. जीत रहे हैं.
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आनंद कुमार
4 जून 2024 (Published: 18:53 IST)
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बिहार के पूर्णिया लोकसभा सीट (Purnia Lok Sabha Seat) से निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने जदयू के संतोष कुमार कुशवाहा को 30 हजार से अधिक वोटों से हरा दिया है. राजद की प्रत्याशी बीमा भारती (Bima Bharti) तीसरे स्थान पर रहीं. बीमा भारती अपनी जमानत भी नहीं बचा पाईं. इस सीट पर पप्पू यादव और संतोष कुशवाहा के बीच सीधा मुकाबला रहा. राजद की बीमा भारती इस मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में असफल रही. इस सीट से पप्पू यादव को हराने के लिए तेजस्वी यादव ने पूरा जोर लगाया था. RJD के सभी बड़े नेता इस सीट पर प्रचार के लिए आए थे. लेकिन बीमा भारती इस सीट पर लड़ाई से बाहर रहीं. 

सीट चर्चा में क्यों?                

पूर्णिया लोकसभा 2024 के लोकसभा चुनाव में सबसे हॉट सीटों में से एक रहा, जिसकी चर्चा पटना से लेकर दिल्ली तक रही. मीडिया से लेकर आम लोगों के जुबान तक पूर्णिया लोकसभा का नाम छाया रहा, जिसका सबसे बड़ा कारण यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे पप्पू यादव थे. लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही पप्पू यादव ने अपनी पार्टी जनअधिकार पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया. पप्पू यादव को उम्मीद थी कि उन्हें पूर्णिया से कांग्रेस उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ने को मिलेगा, लेकिन जब इंडिया गठबंधन से सीटों का बंटवारा हुआ तो यह सीट राजद के खाते में चली गई. पप्पू यादव पूर्णिया लोकसभा सीट से इससे पहले 1991, 1996 और 1999 में सांसद रह चुके हैं. राजद की ओर से यहां जेडीयू की बागी विधायक बीमा भारती को मैदान में उतारा गया. जबकि एनडीए की ओर से यह सीट जेडीयू के खाते में गई. जिसने यहां से सिटिंग सांसद संतोष कुमार को तीसरी बार ने मैदान में उतारा है.

2014 और 2019 के चुनाव नतीजे

साल 2014 में हुए लोक सभा चुनाव में संतोष कुमार कुशवाहा जेडीयू के टिकट पर चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. इस चुनाव में जदयू और भाजपा अलग-अलग चुनाव लड़ी थी. संतोष कुमार कुशवाहा ने भाजपा के उदय सिंह को 1,16,669 वोट से हराया. कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े अमरनाथ तिवारी तीसरे स्थान पर रहे.

साल 2019 में जदयू भाजपा साथ लड़ें. और संतोष कुमार कुशवाहा  दूसरी बार संसद पहुंचे. इस बार उदय सिंह पाला बदलकर कांग्रेस के टिकट पर उनके सामने थे. इस चुनाव में संतोष कुमार कुशवाहा को 6,32,924 वोट, जबकि उदय सिंह को 3,69,463 वोट मिलें.

जातीय और धार्मिक समीकरण

पूर्णिया को सीमांचल की राजधानी भी माना जाता है. सीमांचल की अन्य सीटों की तरह यहां भी मुस्लिम आबादी अधिक है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक,  पूर्णिया में  लगभग 6.5 लाख मुस्लिम आबादी है. जबकि कुशवाहा आबादी 3.5 लाख है. इसके अलावा यहां 1.5 लाख यादव, 2.5 लाख वैश्य, 1.5 लाख गंगैता और लगभग 1.5 लाख आबादी सवर्णों की है. बीते दो दशकों से यह सीट बीजेपी-जेडीयू के खाते में रही है. 2004 और 2009 में यहां बीजेपी के उदय सिंह चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे जबकि 2014 और 2019 में यहां जेडीयू के संतोष कुमार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे. 

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