पूरे महाराष्ट्र की प्रचंड जीत पर भारी है यूपी के कुंदरकी की जीत, BJP ने ऐसा कमाल किया है
Kundarki By-Election Result: BJP उम्मीदवार Ramveer Singh ने 1 लाख 70371 वोट हासिल कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. वहीं सपा के उम्मीदवार Mohammad Rijwan को 25580 वोट मिले.
यूपी विधानसभा उपचुनाव में मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट से BJP उम्मीदवार रामवीर सिंह जीत गए हैं. उन्होंने समाजवादी पार्टी के मोहम्मद रिजवान को 1 लाख 44791 वोटों से हराया है. सपा ने इन नतीजों पर ऐतराज जताते हुए चुनाव में ‘धांधली’ का आरोप लगाया है. वहीं सीएम योगी ने इसे कुंदरकी में ‘राष्ट्रवाद की विजय’ बताया है. बीजेपी के लिए कुंदरकी की जीत वाकई में उत्साह बढ़ाने वाली है, क्योंकि यहां 62 पर्सेंट वोटर मुस्लिम हैं और रामवीर सिंह यहां से चुनाव लड़ने वाले इकलौते गैर-मुस्लिम उम्मीदवार थे.
चुनाव आयोग के मुताबिक रामवीर सिंह को 1 लाख 70371 वोट मिले हैं. वहीं दूसरे नंबर पर रहे सपा के उम्मीदवार मोहम्मद रिजवान को महज 25580 लोगों ने वोट किया. BSP की इस सीट पर जमानत जब्त हो गई. उसके उम्मीदवार रफ़ातुल्ला को सिर्फ 1099 वोट मिले. BJP के लिए कुंदरकी जीतना इसलिए भी बड़ी बात है क्योंकि पार्टी ने 31 साल बाद इस सीट पर 'कमल' खिलाया है. साल 1993 के उपचुनाव में चंद्र विजय सिंह ने जीत दर्ज की थी. उसके बाद से मुस्लिम वोटों के बदौलत सपा ने अपना वर्चस्व स्थापित रखा था.
चुनाव परिणामों पर हो रही चर्चाओं में कहा जा रहा है कि इस बार कुंदरकी विधानसभा चुनाव में ‘हिंदू और मुस्लिम ध्रुवीकरण’ नहीं चला. जानकारों का कहना है कि इस चुनाव में मुसलमानों के भीतर तुर्क और शेख बिरादरी के ध्रुवीकरण ने BJP के लिए जीत सुनिश्चित की.
मुस्लिम वोटरों को कैसे साधा?
इस विधानसभा चुनाव में 12 प्रत्याशियों में रामवीर सिंह अकेले हिंदू उम्मीदवार हैं. तीन बार चुनाव हार चुके रामवीर को मालूम था कि मुस्लिम वोट के बिना कुछ नहीं हो सकता. इसलिए वो लगातार मुसलमानों के बीच बने रहे. पूरे प्रदेश में सीएम योगी के 'बटेंगे तो कटेंगे' वाले बयान ने सियासत को गर्म रखा. इसके बावजूद कुंदरकी में रामवीर सिंह नमाजी टोपी और अरबी गमछा पहने मुसलमानों के बीच रहे.
इस सीट पर सपा और बसपा हमेशा से ही तुर्क प्रत्याशी यहां उतारती रही हैं. BJP ने मुद्दा बनाया कि तुर्कों की तुलना में सपा-बसपा ने बाकी मुस्लिम बिरादरियों की अनदेखी की है. तुर्कों के बाद यहां सबसे अधिक शेखजादा वोटर हैं. रामवीर सिंह ने सबसे ज्यादा शेख बिरादरी को भाजपा से जोड़ने का काम किया. बीती 18 नवंबर को एक वीडियो भी सामने आया था. इसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रामवीर सिंह को पैसे से तोला था. रामवीर ने उन पैसों को अपने माथे से लगाकर लोगों के प्रति अपना आभार जताया था. उस दौरान गांव के मुस्लिमों ने रामवीर सिंह से कहा था, “हम इस मिथक को तोड़ देंगे कि मुसलमान BJP को वोट नहीं देता है.”
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उधर, सपा उम्मीदवार हाजी रिजवान की हार में उनके खिलाफ एंटी इनकंबेंसी का भी बड़ा रोल रहा. इंडिया टुडे/आजतक के मुताबिक तीन बार जीतने के बाद भी हाजी रिजवान जनता के उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे. इस उपचुनाव में कुंदरकी विधानसभा सीट पर कुल 57 पर्सेंट वोटिंग हुई थी. तब मोहम्मद रिजवान ने चुनाव रद्द करने की मांग भी की थी.
जीत पर बोले सीएम योगीकुंदरकी की जीत बीजेपी के लिए कितनी बड़ी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि परिणामों की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री योगी ने खासतौर पर इसका जिक्र किया. मीडियो से बात करते हुए उन्होंने कहा,
तीन बार के विधायक रहे मोहम्मद रिजवान“कुंदरकी में राष्ट्रवाद की विजय हुई है. ये विरासत और विकास की विजय है. हर व्यक्ति को अपनी जड़ और मूल की याद आती है. मुझे लगता है कि जो भूले भटके रहे होंगे उन सब में, किसी को अपना गोत्र याद आया होगा, किसी को अपनी जाति याद आई होगी. कुंदरकी की विजय बताती है कि आने वाले समय में समाजवादी पार्टी कहां जाने वाली है.”
70 साल के हाजी मोहम्मद रिजवान का राजनीतिक अनुभव करीब 40 साल का है. उनकी जीत की शुरुआत 2002 में हुई थी. साल 2002 में वह कुंदरकी सीट से चुनाव जीते थे. इसके बाद साल 2007 में बसपा के हाजी अकबर से चुनाव हार गए थे. उसके बाद 2012 और 2017 के चुनाव में लगातार दो बार जीत दर्ज की थी.
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