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J&K Election Results: कुलगाम में खड़ा रहेगा वामपंथ का किला, मोहम्मद यूसुफ तारिगामी फिर जीते

Mohammad Yusuf Tarigami: Kulgam सीट को CPI(M) का गढ़ कहा जाता है. कुलगाम सीट से मोहम्मद यूसुफ तारिगामी 1996 से जीतते रहे हैं. 1996 के बाद उन्हें 2002, 2008 और 2014 के चुनाव में भी जीत मिली थी.

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मोहम्मद यूसुफ तारिगामी की जीत हो गई है. (फाइल फोटो: PTI)
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रवि सुमन
8 अक्तूबर 2024 (Published: 16:47 IST)
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जम्मू-कश्मीर की कुलगाम विधानसभा सीट से CPI(M) के मोहम्मद यूसुफ तारिगामी (Mohammad Yusuf Tarigami) की जीत हो गई है. इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट के अनुसार, सभी 17 राउंड की गिनती के बाद उन्हें कुल 33634 वोट मिले हैं. निर्दलीय उम्मीदवार सायर अहमद रेशी से उनका मुकाबला हुआ. रेशी को कुल 25796 वोट मिले. इस तरह यूसुफ को 7838 वोटों से जीत मिली. कुलगाम सीट पर PDP के मोहम्मद अमीन दार तीसरे स्थान पर रहे. उन्हें मात्र 7561 लोगों ने वोट किया.

आखिरी बार जब 2014 में चुनाव हुआ था, तब भी यहां से मोहम्मद यूसुफ तारिगामी को ही जीत मिली थी. हालांकि, जीत का अंतर बहुत कम था. उन्हें कुल 20574 वोट मिले थे. और जीत का अंतर मात्र 334 वोट था. उस साल यूसुफ का सामना PDP के नजीर अहमद लावे से हुआ था. उन्हें कुल 20240 वोट मिले थे.

इस सीट को CPI(M) का गढ़ कहा जाता है. कुलगाम सीट से मोहम्मद यूसुफ तारिगामी 1996 से जीतते रहे हैं. 1996 के बाद उन्हें 2002, 2008 और 2014 के चुनाव में भी जीत मिली. 

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Tarigami नाम के पीछे दिलचस्प कहानी

यूसुफ का जन्म कुलगाम के तारिगाम गांव में हुआ. उनके पिता का नाम गुलाम रसूल राथर है. कश्मीर में राजनीतिक उथल-पुथल के कारण वो अपने स्नातक के अंतिम साल की परीक्षा नहीं दे पाए. हालांकि, छात्र जीवन के दौरान ही उन्होंने राजनीति में एंट्री ले ली थी. वामपंथी छात्र संगठन रेवोल्यूशनरी स्टूडेंट एंड यूथ फेडरेशन से जुड़े रहे. इस दौरान उन्होंने आंदोलन भी किया. तारिगामी ने किसानों के मुद्दों को भी उठाया. उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा. ऐसे ही एक जेल की कहानी से उनके नाम में 'तारिगामी' जुड़ गया.

एक इंटरव्यू के दौरान यूसुफ कहते हैं कि 1979 में जब शेख अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे, तब उन्हें गिरफ्तार किया गया था. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में PTI के पत्रकार पीएन जलाली ने अब्दुल्ला से इस गिरफ्तारी पर सवाल पूछा. इस पर उन्होंने जवाब में दिया, “वो जो तारिगाम वाला…” इसके बाद मीडिया में उनके नाम के आगे तारिगामी शब्द लिखा जाने लगा. इस तरह वो मोहम्मद यूसुफ तारिगामी हो गए. अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर के जिन नेताओं को हिरासत में लिया गया था, उनमें तारिगामी भी शामिल थे. 

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