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हरियाणा चुनाव नतीजों के बाद मुश्किल में INLD, छिन सकता है सिंबल और स्टेट्स

Haryana विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी INLD के सिंबल छिन सकता है. पार्टी को चुनाव में दो सीट तो आईं, लेकिन वोट शेयर 6 फीसदी से कम रहा.

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Haryana inld Om Prakash Chautala dushyant chautala
ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी के इलेक्शन सिंबल पर खतरा मंडरा रहा है. (इंडिया टुडे, फाइल फोटो)
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आनंद कुमार
23 अक्तूबर 2024 (Updated: 23 अक्तूबर 2024, 11:39 IST)
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हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana vidhansabha chunav) नतीजों के बाद INLD के इलेक्शन सिंबल और क्षेत्रीय पार्टी के दर्जे पर खतरा मंडरा रहा है. इस चुनाव में INLD को महज 4.14 फीसदी वोट मिले. और पार्टी केवल दो सीटों पर जीत दर्ज कर पाई. डबवाली और रानियां सीट. डबवाली से आदित्य देवीलाल और रानियां से अर्जुन चौटाला को जीत मिली है. पार्टी के सबसे बड़े चेहरे अभय चौटाला भी ऐलनाबाद सीट से चुनाव हार गए.

हरियाणा विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद INLD का इलेक्शन सिंबल और क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा छिन सकता है.  क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा बचाए रखने के लिए INLD को राज्य में 2 सीट के साथ कम से कम 6 फीसदी वोट हासिल करना जरूरी थी. लेकिन INLD पूरी तरह से इस शर्त को पूरा नहीं कर पाई. पार्टी को दो सीटें तो मिली, लेकिन उसका वोट शेयर 6 फीसदी से कम रहा.

इसके अलावा इलेक्शन सिंबल और क्षेत्रीय दल का दर्जा बचाने की एक और शर्त है. जिसके मुताबिक किसी दल को राज्य में 3 फीसदी वोट ही मिले. लेकिन कम से कम पार्टी को तीन सीटों पर जीत दर्ज करनी चाहिए. लेकिन INLD इस शर्त को भी पूरा नहीं कर पाई. 2019 के विधानसभा चुनाव में भी INLD इन शर्तों को पूरा नहीं कर पाई थी. इस चुनाव में INLD को महज 1 सीट मिली थी. और वोट शेयर 2.44 फीसदी था.

INLD इलेक्शन सिंबल और क्षेत्रीय दल का स्टेट्स बचाने के लिए चुनाव आयोग के एक्ट 1968 की धारा 6 ए और सी के तहत दी गई शर्तों को पूरा नहीं कर सकी. जिसके चलते पार्टी का चुनाव चिन्ह चश्मा उनसे छिन सकता है. किसी भी पार्टी के सिंबल या स्टेट्स खत्म करने का निर्णय चुनाव आयोग करता है. आयोग आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर कोई निर्णय ले सकता है.

जजपा के पास अभी एक और मौका

एक तरफ जहां INLD के सिंबल पर खतरा है. वहीं 2018 में INLD में हुई टूट से निकली पार्टी जेजेपी के पास अभी 2029 चुनाव तक का मौका है. इस चुनाव में जेजेपी को एक फीसदी से भी कम वोट मिले थे. लेकिन 2019 के चुनाव में उसे 15 फीसदी वोट मिले थे. 2029 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करके वह अपना सिंबल बचा सकती है.

पूर्व डिप्टी पीएम देवीलाल ने बनाई थी INLD

INLD का गठन पूर्व डिप्टी पीएम ताऊ देवीलाल ने की थी. 1998 में INLD को क्षेत्रीय पार्टी का दर्जा मिला था. INLD हरियाणा में सत्ताधारी पार्टी और मुख्य विपक्ष दोनों ही भूमिका में रह चुकी है. INLD के अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं. लेकिन पिछले कई चुनावों से इनका जनाधार सिमटता जा रहा है. 

वीडियो: वीपी सिंह के लिए चंद्रशेखर को क्यों और कैसे धोखा दिया देवीलाल ने?

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