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Haryana Election Results 2024: अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने हरियाणा में दम तोड़ दिया, कई सीटों पर जमानत जब्त

Haryana Election Results : हरियाणा विधानसभा चुनाव में Arvind Kejriwal की पार्टी का खाता खुलता हुआ नहीं दिख रहा है. इस बीच उन्होंने कहा है कि किसी भी चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए.

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Arvind Kejriwal
AAP उम्मदीवारों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
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रवि सुमन
8 अक्तूबर 2024 (Updated: 8 अक्तूबर 2024, 15:37 IST)
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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के गृहराज्य हरियाणा में उनकी पार्टी का दम टूट गया है. विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) का खाता खुलता हुआ नहीं दिख रहा है. 2 बजे तक की गिनती के अनुसार, अधिकतर सीट पर AAP के उम्मीदवारों को मात्र 3 हजार के आसपास वोट मिले हैं. कई सीट पर तो ये नंबर 1 हजार के आसपास है. कुछ सीटों पर तो आंकड़ा 600 पर ही अटक गया है. इससे स्पष्ट है कि अधिकतर सीटों पर AAP उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो सकती है. चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन की चर्चा चली थी लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली. केजरीवाल की पार्टी ने हरियाणा की 90 सीटों में से 89 पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. वोट शेयर के मामले में भी पार्टी की हालत खराब है. AAP को मात्र 1.77 प्रतिशत वोट मिले हैं.

इस बीच अरविंद केजरीवाल ने इस हार को लेकर एक बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि किसी भी चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि आज के चुनाव से सबसे अहम सबक ये है कि ओवर कॉन्फिडेंस में नहीं रहना है. हर चुनाव कठिन होता है और हर एक सीट कठिन होती है. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से मेहनत करते रहने की अपील की है. 

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इससे पहले केजरीवाल ने दावा किया था कि कोई भी दल हरियाणा में AAP के समर्थन के बिना सरकार नहीं बना सकती. अब तक के चुनाव परिणाम से ऐसा प्रतीत नहीं होता. दिल्ली शराब नीति मामले में केजरीवाल को 13 सितंबर को जमानत मिली थी. तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद AAP ने हरियाणा में पूरा जोर लगाया. खूब कैंपेन किया.

केजरीवाल ने हरियाणा में अपना पहला रोड शो 20 सितंबर को किया था. हालांकि, तब तक राज्य में चुनाव होने में तीन सप्ताह से भी कम समय बचा था. ऐसा लगता है कि पार्टी को वोटर्स को लुभाने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया. या पार्टी ऐसा करने में सफल नहीं हो पाई.

2019 में, AAP ने हरियाणा में जिन 46 सीटों पर चुनाव लड़ा, उन सभी पर हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें NOTA से भी कम वोट मिले थे. दरअसल, 2014 में अपने चुनावी सफर की शुरुआत के बाद से, AAP हरियाणा में किसी भी विधानसभा चुनाव या लोकसभा चुनाव में अपना खाता खोलने में विफल रही है.

AAP के हरियाणा अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने कहा है कि 

"हम चाहते हैं कि भाजपा को राज्य से बाहर किया जाए. चाहे कोई भी सरकार बनाए, इस भ्रष्ट और अहंकारी भाजपा को वहां से सत्ता से बाहर किया जाना चाहिए." 

न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, उनसे AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं होने पर भी सवाल पूछा गया था. इस पर उन्होंने कहा कि ये सोचना उनका काम नहीं है. बल्कि दोनों पार्टी के आलाकमान इस बात का आकलन करेंगे कि इससे क्या लाभ या हानि हुआ. उन्होंने कहा कि दोनों दलों के बीच राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन हुआ तो भाजपा बैसाखी पर आ गई. गुप्ता ने कहा कि अगर यहां भी ऐसा किया गया होता, तो परिणाम काफी अलग होते.

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