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सरकार ने क्यों बंद की KVPY स्कॉलरशिप? जानें वजह

सरकार ने बताया, KVPY स्कॉलरशिप को INSPIRE-SHE के साथ मर्ज करने की क्या वजह है?

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Now there will be no KVPY exam
अब नहीं होगी KVPY परीक्षा
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फातमा ज़ेहरा
25 जुलाई 2022 (Updated: 25 जुलाई 2022, 12:34 AM IST)
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KVPY. एक ऐसी स्कॉलरशिप जिसका 11वीं-12वीं के छात्रों में खूब क्रेज होता था. साइंस स्ट्रीम की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट इसके लिए अप्लाई करते थे ताकि आगे की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप और बेहतर गाइडेंस मिल सके. लेकिन अब KVPY को खत्म कर इसे INSPIRE SHE में मर्ज कर दिया गया है. क्यों हुआ ऐसा और क्या है नई स्कॉलरशिप की क्राइटेरिया. सरकार ने  KVPY यानी की किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना को बंद कर  INSPIRE-SHE स्कॉलरशिप के साथ मर्ज करने का फैसला लिया है.  आखिर KVPY स्कॉलरशिप को क्यों बंद करना पड़ा?  INSPIRE-SHE स्कॉलरशिप क्या है? स्टूडेंट इसके लिए कैसे कर सकते हैं अप्लाई?

सबसे पहले जानते हैं कि KVPY स्कॉलरशिप क्या है

साइंस की पढ़ाई कर रहे वो छात्र जो इसी फील्ड में रिसर्च करना चाहते हैं या करियर बनाना चाहते हैं उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट, भारत सरकार ने साल 1999 में KVPY यानी किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की थी. इस प्रोग्राम का उद्देश्य टैलेंट स्टूडेंट्स को पहचानना और रिसर्च के फील्ड में करियर बनाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना था. ताकि देश में रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए बढ़िया साइंस टैलेंट तैयार हो सके.  इसके लिए साइंस की शुरुआती पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए स्कॉलरशिप की व्यवस्था की गई थी. इस स्कॉलरशिप के लिए वो स्टूडेंट अप्लाई कर सकते थे जो साइंस स्ट्रीम से 11वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर में एनरोल्ड थे. स्कॉलरशिप के लिए नेशनल लेवल पर होने वाले एग्जाम को क्लियर करना होता था. इसके बाद स्टूडेंट को प्री-Phd लेवल तक स्कॉलरशिप मिलने का प्रावधान होता था. जो स्टूडेंट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे होते थे उन्हें हर महीने 5 हजार रुपये और 20 हजार रुपए का सालान ग्रांट जबकि पोस्ट-ग्रेजुएशन कर रहे छात्रों को 7 हजार रुपये और 28 हजार रुपए का सालाना ग्रांट मिलता था. KVPY के आयोजन और संचालन की सारी जिम्मेदारी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) बेंगलुरु की होती थी. KVPY के लिए सेलेक्ट किए गए स्कॉलर्स के लिए हर साल देश के जाने-माने रिसर्च और एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में समर कैम्प भी आयोजित किए जाते थे.


क्या है KVPY स्कॉलरशिप  को बंद करने के पीछे की वजह?

इस साल जब KVPY को बंद करने की खबर आई तो इसका काफी विरोध हुआ. छात्रों के विरोध को देखते हुए DST, यानी डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की तरफ से सफाई सामने आई की  KVPY स्कॉलरशिप को बंद नहीं किया गया है बल्कि INSPIRE-SHE स्कॉलरशिप में मर्ज कर दिया गया है. DST ने इसके पीछे की वजह भी बताई. DST ने कहा कि KVPY को रिव्यू करने के लिए भारत के टॉप साइंटिस्ट्स के अंडर एक कमेटी बनाई गई थी. कमेटी ने पाया कि सालाना करीब 250 से 300 छात्रों को स्कॉलरशिप दी जाती थी. जिसमें काफी ज्यादा financial and human resources का इस्तेमाल होता है. जबकि हायर एजुकेशन के लिए INSPIRE स्कॉलरशिप (INSPIRE - SHE)भी है. INSPIRE-SHE के तहत सालाना करीब 12,000 छात्रों को स्कॉलरशिप और फेलोशिप दी जा रही है. इसके अलावा छात्रों के ऊपर से परीक्षा के बोझ को भी कम करने के लिए ये फैसला लिया गया है. KVPY को INSPIRE-SHE के साथ इसलिए मर्ज किया गया है ताकि बचाए गए पैसों से स्टूडेंट को और ज्यादा स्कॉलरशिप दी जा सके. इसलिए इस साल KVPY का एग्जाम का नहीं होगा.

 

स्कॉलरशिप फॉर हायर एजुकेशन ( INSPIRE-SHE) क्या है?

डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, भारत सरकार का एक फ्लैगशिप स्कॉलरशिप प्रोग्राम है INSPIRE यानी “Innovation in Science Pursuit for Inspired Research. SHE यानी स्कॉलरशिप फॉर हायर एजुकेशन इसी का एक पार्ट है. KVPY की तरह इसका भी उद्देश्य ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में साइंस की पढ़ाई कर रहे छात्रों को रिसर्च की ओर आकर्षित करना है. INSPIRE-SHE के तहत UG और PG की पढ़ाई कर रहे 12 हजार छात्रों को सालाना 80 हजार रुपये की स्कॉलरशिप मिलती है.

 

स्कॉलरशिप को अप्लाई करने का एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया क्या है?

इस स्कॉलरशिप के लिए एलिजिबिलिटी की बात करें तो छात्र की उम्र 17-22 के बीच होनी चाहिये. इसके अलावा नेशनल और स्टेट बोर्ड्स के वे सभी छात्र, जिनका रिजल्ट 12वीं के टॉप 1% की मेरिट में आता हो वे भी इसके लिए एलिजिबल होते हैं. साथ ही JEE, NEET जैसे नेशनल लेवल एग्जाम्स के टॉप 10 हजार रैंक में आने वाले स्टूडेंट भी इसके लिए एलिजिबल होते हैं. इसके अलावा KVPY, नेशनल टैलेंट सर्च एग्जामिनेशन (NTSE), जगदीश बोस नेशनल साइंस टैलेंट सर्च (JBNSTS) स्कॉलर्स या इंटरनेशन ओलम्पियाड मेडलिस्ट स्टूडेंट भी इसके लिए एलिजिबल होते हैं. इन सभी एलिजिबल स्टूडेंट्स के साथ एक शर्त नत्थी है. वो ये कि कैंडिडेट का एनरोलमेंट, नेचुरल साइंसेज के किसी बैचलर या मास्टर लेवल के डिग्री कोर्स  में जरूर होनी चाहिए.


अब उन सब्जेक्ट्स के बारे में जान लेते हैं जो, इंस्पायर स्कॉलरशिप के अंडर आते हैं. ये सब्जेक्ट्स हैं- 
रसायन विज्ञान, गणित, जीव विज्ञान, सांख्यिकी, भूविज्ञान, खगोल भौतिकी, खगोल विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, वनस्पति विज्ञान, प्राणीशास्त्र, जैव रसायन, नृविज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान, भूभौतिकी, भू-रसायन विज्ञान, वायुमंडलीय विज्ञान, महासागरीय विज्ञान, पारिस्थितिकी, समुद्री जीव विज्ञान, आनुवंशिकी, जैवभौतिकी. इन सब्जेक्ट्स से बैचलर्स, मास्टर्स या इंटीग्रेटेड मास्टर्स की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं.

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