लखनऊ यूनिवर्सिटी को मिला A++ ग्रेड, जानिए क्या है NAAC का ग्रेडिंग सिस्टम?
NAAC ग्रेडिंग से स्टूडेंट्स अपनी उच्च शिक्षा के लिए बेस्ट इंस्टीट्यूट चुन सकते हैं.
लखनऊ यूनिवर्सिटी (LU) को हाल में जारी की गई National Assessment Accreditation Council (NAAC) की ग्रेडिंग में A++ ग्रेड दिया गया है. उत्तर प्रदेश की किसी यूनिवर्सिटी को पहली बार यह ग्रेड मिला है. यूनिवर्सिटी को साल 2014 में B ग्रेड दिया गया था जो कि साल 2019 तक वैलिड था. क्या होती है NAAC ग्रेडिंग और कैसे दी जाती है, सब जानते हैं.
NAAC ग्रेडिंगNAAC ग्रेडिंग देश के हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स (HEIs) की ग्रेडिंग होती है. माने इसके तहते देश के कॉलेज और यूनिवर्सिटीज को ग्रेड किया जाता है. ये ग्रेडिंग यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) से वित्तीय मदद लेने के काम आती है. इसके बिना UGC किसी भी इंस्टीट्यूट को फाइनेंशियल मदद नहीं देता है.
NAAC को साल 1994 में UGC के तहत बनाया गया था. ये ग्रेडिंग देश के सारे हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स के लिए कम्पलसरी है. इससे इंस्टीट्यूट्स के क्वालिटी स्टेटस के बारे में पता चलता है. ये इंस्टीट्यूट के करिकुलम, टीचिंग-लर्निंग प्रोसेस, फैकल्टी, इंफ्रास्ट्रकचर आदि को ग्रेड करता है.
NAAC ग्रेडिंग के लिए वे हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट एलिजिबल होते हैं जहां से कम से कम दो बैच ग्रेजुएट हो चुके हों या इंस्टीट्यूट को स्थापित हुए 6 साल बीत चुके हों. इसके अलावा सेंट्रल, स्टेट, प्राइवेट या डीम्ड यूनिवर्सिटी को शिक्षा मंत्रालय या UGC ने अप्रूव किया हो और वहां स्टूडेंट्स का रेगुलर बैच चलता हो. इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपॉरटेंस (INI)के लिए भी यही कंडीशन है.
ऑटोनॉमस कॉलेज और एफिलिएटेड कॉलेज का UGC द्वारा अप्रूव की गई किसी यूनिवर्सिटी से अफिलियेशन होना चाहिए. इसके अलावा जो इंस्टीट्यूट अपनी NAAC अक्रेडिटेशन सुधारने के लिए अप्लाई करना चाहते हैं, वो पिछले अक्रेडिटेशन के एक साल बाद से लेकर तीन साल तक अप्लाई कर सकते हैं.
किन चीजों के आधार पर ग्रेडिंग होती है?NAAC ग्रेडिंग नीचे दिए गए पैरामीटर्स पर होती है-
#टीचिंग-लर्निंग एंड इवैलुएशन
#इंफ्रास्ट्रकचर एंड लर्निंग रिसोर्सेज
#रिसर्च एंड इनोवेशन
#करिकुलम
#गवर्नेंस, लीडरशिप एंड मैनेजमेंट
#स्टूडेंट सपोर्ट एंड प्रोग्रेशन
#इंस्टीट्यूश्नल वैल्यूज एंड बेस्ट प्रैक्टिसेज
NAAC ग्रेडिंग हायर लर्निंग इंस्टीट्यूट्स को अपनी कमजोरी और ताकत पहचानने में मदद करता है. इसके अलावा ग्रेडिंग से फंडिंग एजेंसियां ये पता लगा सकती हैं कि इंस्टीट्यूट को फंड देना है या नहीं. NAAC ग्रेडिंग द्वारा कोई इंस्टीट्यूट नए और इनोवेटिव लर्निंग मेथड्स को अपना सकता है और पढ़ाई के तरीकों में बदलाव कर सकता है.
NAAC ग्रेडिंग से स्टूडेंट्स को क्या फायदा?NAAC ग्रेडिंग से स्टूडेंट्स को इंस्टीट्यूट की एजुकेश्नल क्वालिटी का पता चलता है. ये भी पता चलता है कि किसी भी इंस्टीट्यूट में रिसर्च क्वालिटी कैसी है और वहां का इंफ्रास्ट्रक्चर कैसा है. ये ग्रेडिंग उस इंस्टीट्यूट में दी जाने वाली डिग्री की वैल्यू पता लगाने में भी मदद करती है. कुल मिलाकर कहें तो NAAC ग्रेडिंग से स्टूडेंट्स अपनी उच्च शिक्षा के लिए बेस्ट इंस्टीट्यूट चुन सकते हैं.
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