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NEET विवाद: 2015 में भी पेपर लीक हुआ था, तब किसने रद्द की थी मेडिकल परीक्षा?

AIPMT 2015 के लिए 6 लाख 32 हजार 625 कैंडिडेट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था. इनमें से लगभग 4 लाख 22 हजार 859 कैंडिडेट्स ने परीक्षा का एडमिट कार्ड डाउनलोड किया था.

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परीक्षा से जुड़ी जांच में पता चला था कि क्वेश्चन पेपर और आंसर की 10 राज्यों में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के माध्यम से लीक कर दी गई थी. (फोटो- इंडिया टुडे)
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प्रशांत सिंह
21 जून 2024 (Published: 20:59 IST)
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NEET एग्जाम 2024 में गड़बड़ी के आरोपों के बाद से पेपर (NTA NEET Exam 2024) को रद्द किए जाने की लगातार डिमांड हो रही है. सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक एग्जाम को लेकर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 20 जून को मीडिया को बताया कि एग्जाम रद्द नहीं किया जाएगा. मामले की जांच के लिए सरकार ने एक हाई लेवल कमेटी बनाने की बात भी कही है. सरकार ये मेडिकल एग्जाम रद्द करती है या नहीं, ये तो आने वाले समय में पता लगेगा. लेकिन साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद AIPMT मेडिकल परीक्षा (AIPMT 2015 was cancelled) को रद्द किया गया था.

3 मई 2015 को आयोजित की गई परीक्षा

2015 में अंडर ग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम को AIPMT के नाम से जाना जाता था. माने ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट. तब इसे कराने का जिम्मा CBSE यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के पास था. मेडिकल परीक्षा 3 मई 2015 को आयोजित कराई गई थी. देश के 1050 सेंटरों पर लाखों स्टूडेंट्स परीक्षा देने के लिए बैठे थे.

15 जून को परीक्षा रद्द की गई

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक 15 जून 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से इसे रद्द कर दिया था. कोर्ट ने CBSE को परीक्षा फिर से आयोजित करने और रिजल्ट घोषित करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया था. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि AIPMT परीक्षा को कुछ लोगों ने निरर्थक बना दिया. कुछ असामाजिक लोगों ने अपने वित्तीय लाभ के लिए परीक्षा में धांधली की है.

90 आंसर-की ऑनलाइन लीक हुईं

रिपोर्ट के अनुसार मेडिकल परीक्षा से जुड़ी जांच में पता चला था कि क्वेश्चन पेपर और आंसर की 10 राज्यों में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के माध्यम से लीक कर दी गई थी. जिसके आधार पर कोर्ट ने परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया था.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक AIPMT एग्जाम से जुड़ी 90 आंसर-की ऑनलाइन लीक कर दी गई थीं. इसके लिए कैंडिडेट्स से 15 से 20 लाख रुपये लिए गए थे. हरियाणा के रोहतक में पुलिस ने इस मामले से जुड़े सात लोगों को गिरफ्तार किया था. इसमें दो डॉक्टर और एक MBBS छात्र शामिल थे. पुलिस पूछताछ में इन लोगों ने बताया था कि आंसर-की पहुंचाने के लिए माइक्रो सिम लगी वेस्ट और ब्लूटूथ का इस्तेमाल किया गया था.

6 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स ने अप्लाई किया था

बता दें कि साल 2015 में AIPMT परीक्षा देश और विदेश के 50 शहरों में स्थित 1,065 सेंटरों पर आयोजित की गई थी. उस साल AIPMT के लिए 6 लाख 32 हजार 625 कैंडिडेट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था. इनमें से लगभग 4 लाख 22 हजार 859 कैंडिडेट्स ने परीक्षा का एडमिट कार्ड डाउनलोड किया था.

वीडियो: सरकार का 'एंटी पेपर लीक' कानून, ये सज़ा हो सकती है

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