केजरीवाल सरकार का दावा '10 लाख रोजगार दिए', अखबार ने कहा- केवल 12558 नौकरियां मिलीं
अंग्रेजी अखबार द हिंदू की रिपोर्ट सामने आने के बाद केजरीवाल सरकार के '10 लाख रोजगार सृजन' के दावे पर सवाल उठ रहे हैं.
दिल्ली सरकार का दावा है कि उसने ''रोजगार बाजार' पोर्टल के माध्यम से 10 लाख रोजगार का सृजन किया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के नेताओं की ओर से भी समय-समय पर ये दावा किया जाता रहा है. लेकिन अंग्रेजी अखबार द हिंदू में छपी एक रिपोर्ट से दिल्ली सरकार के इस दावे पर सवाल उठने लगे हैं. द हिंदू में छपी निखिल एम बाबू कि इस रिपोर्ट के मुताबिक अगर आधिकारिक आंकड़ों को देखा जाए तो 1 मई तक केवल 12,588 लोगों ने पोर्टल के माध्यम से नौकरी हासिल की थी.
रिपोर्ट छपने के बाद कहा जा रहा है कि दिल्ली सरकार का 12,588 लोगों को रोजगार देने का ये वादा भी खोखला सा ही है. अखबार के मुताबिक जिन 12,588 लोगों को नौकरी देने का दावा किया जा रहा है, उनसे सरकार ने कोई सीधी बातचीत नहीं की है. ये आंकड़ा सिर्फ एंप्लॉयर्स की तरफ से और उनसे बात करके जारी किया गया है. यानी जिन लोगों को कथित रूप से रोजगार मिला, उनसे ये नहीं पूछा गया की असल में उन्हें नौकरी मिली है या नही. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक एक सूत्र ने बताया,
आम आदमी पार्टी का क्या कहना है?रोजगार पोर्टल एक बड़ी सफलता नहीं थी और वास्तव में ये पता लगाने के लिए कोई तंत्र नहीं था कि कितने लोगों को नौकरी मिली या उनका कोई विवरण मिला है. इस पोर्टल ने एक बहुत छोटी टीम के साथ काम किया था.
आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने ट्विटर अकाउंट पर 3 जुलाई को 'रोजगार बाजार' से जुड़ी जानकारी दी. पार्टी ने बताया कि 30 जून 2022 तक सरकार ने 10 लाख 21 हजार 303 लोगों को नौकरियां दीं. आंकड़ों के हवाले से AAP ने बताया था कि 15 लाख 23 हजार 526 लोगों ने रोजगार पोर्टल पर रजिस्टर किया था. उसके मुताबिक 19 हजार 402 अलग-अलग एंप्लॉयर्स ने ये नौकरियां दी हैं.
इसी साल मार्च महीने में द हिंदू को दिए एक इंटरव्यू में उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नौकरियों के सवाल पर जवाब देते हुए दावा किया था कि रोजगार बाजार पोर्टल के जरिए असल में 10 लाख लोगों को नौकरी मिली थी.
इंटरव्यू के दौरान सिसोदिया से पूछा गया था कि क्या 10 लाख रोजगार के अवसर पैदा किए गए या फिर 10 लाख लोगों को नौकरी मिली? जवाब में सिसोदिया ने कहा कि पोर्टल पर 15 लाख नौकरियों के बारे में पोस्ट किया गया था, जिनमें से 10 लाख लोगों को नौकरी मिली.
हालांकि इसके उलट अब द हिंदू अखबार के मुताबिक पोर्टल पर कुल 76 हजार 646 उम्मीदवारों की ही स्क्रीनिंग की गई और केवल 12 हजार 588 उम्मीदवारों को नौकरी के लिए चुना गया. ये आंकड़ा जुलाई 2020 से 1 मई 2022 तक का है. अखबार की रिपोर्ट कहती है कि दिल्ली सरकार ने इस आंकड़े को कभी सार्वजनिक नहीं किया.
यहां बता दे कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने अपने 2022-23 के बजट में अगले पांच वर्षों में 20 लाख नौकरियां देने का वादा किया है. कहा गया है कि इनमें से पांच लाख नौकरियां मौजूदा जॉब पोर्टल के दूसरे संस्करण ''रोजगार पोर्टल 2.0' से प्रदान की जाएंगी.
रोजगार बाजार पोर्टल क्या है?कोरोना काल से पहले दिल्ली सरकार की ओर से समय-समय पर रोजगार मेले का आयोजन किया जाता था. लेकिन महामारी के दौरान ऐसा करना संभव नहीं था. इसलिए ऑनलाइन मोड में इसे शुरू किया गया. इसके तहत 27 जुलाई, 2020 को दिल्ली रोज़गार बाज़ार पोर्टल शुरू किया गया. ये पोर्टल रोजगार देने वालों और रोजगार के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के बीच एक पुल का काम करता है. यानी इस पोर्टल पर नौकरी देने वाले और जिन उम्मीदवारों को नौकरी चाहिए होती है, दोनों रजिस्ट्रेशन कराते हैं. फिर योग्यता और जरूरत के हिसाब से लोगों का चयन होता है.