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रोबोटिक्स, ऑटोमेशन, AI की पढ़ाई शुरू कर करियर के नए विकल्प खोलेगा IIT दिल्ली

कहा जा रहा है कि रोबोटिक्स, ऑटोमेशन, मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जानने वालों की भविष्य में ज्यादा मांग होगी.

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IIT Delhi
IIT दिल्ली. (फाइल फोटो)
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प्रशांत सिंह
2 जुलाई 2022 (Updated: 2 जुलाई 2022, 01:43 PM IST) कॉमेंट्स
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IIT दिल्ली हायर एजुकेशन और करियर के अन्य ऑप्शन्स के लिए एक करिकुलम बनाने जा रहा है. ये करिकुलम छात्रों को रोबोटिक्स और ऑटोमेशन के क्षेत्र में ट्रेन करेगा.  इसके लिए दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (DBSE) ने I-Hub Foundation for Cobotics (IHFC), IIT दिल्ली के टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब के साथ एक समझौता किया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, DBSE के डायरेक्टर हिमांशु गुप्ता ने कहा, 

यह महत्वपूर्ण है कि स्कूल अब वैसे कोर्स और पाठ्यक्रम पढ़ाना शुरू करें, जो रेगुलर शिक्षा से अलग हों. भविष्य में उन व्यक्तियों की ज्यादा सराहना होगी जो रोबोटिक्स, ऑटोमेशन, मशीन लर्निंग (ML), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे नए टेक्नोलॉजिकल क्षेत्रों में पढ़े-लिखे होंगे और स्किल्स के साथ आएंगे.

IHFC बनाएगा सिलेबस

स्कूल ऑफ स्पेशलाइजड एक्सीलेंस (SoSE)ने IHFC को सिलेबस बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है. ये सिलेबस इंडस्ट्री के आज के पैमानों के अलावा भविष्य के हिसाब से भी बनाया जाएगा. इसमें मैकेनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और रोबोटिक्स से जुड़ी सारी जानकारियां शामिल होगीं. ये सब इसके करिकुलम को और आसान बनाने में मदद करेगा. IHFC इंडस्ट्री के लोगों से भी जुड़ेगा और करिकुलम को इंडस्ट्री से भी जोड़ा जाएगा. इससे SoSE के छात्रों के लिए भविष्य में नौकरी के नए विकल्प भी खुलेंगे. यह इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप, गेस्ट लेक्चर, मास्टरक्लास, विज़िट और प्रोजेक्ट में इंडस्ट्री की भागीदारी भी सुनश्चित करेगा. जिससे छात्रों को इमर्सिव और प्रैक्टिकल नॉलेज मिलेगी. 

IIT दिल्ली के प्रोफेसर और IHFC के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ एसके साहा ने कहा, 

यह महत्वपूर्ण है कि छोटी उम्र से ही छात्रों को सीखने के कौशल का एक सेट दिया जाता है. ये उन्हें तकनीकी रूप से इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए अधिक कुशल बनाएगा. हम चाहते हैं कि सभी तकनीकी रूप से उन्नत दुनिया का सामना करने के लिए तैयार हों, जिसमें हम निकट भविष्य में रहने जा रहे हैं.

इसके अलावा IHFC शिक्षकों की पहचान, ऑन-बोर्डिंग और क्षमता निर्माण में भी सक्रिय रूप से शामिल होगा. साथ ही छात्रों का समर्थन और मार्गदर्शन भी करेगा.

वीडियो: पुराने कोर्स से नए जमाने में नौकरी कैसे मिलेगी?

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