The Lallantop
Advertisement

उत्तर प्रदेश की 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती रद्द, इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया है.

Advertisement
Allahabad High Court cancelled the recruitment of 69 thousand assistant teachers in uttar pradesh
नई चयन सूची तैयार होने के कारण पिछले 4 वर्षों से सेवा दे रहे हजारों शिक्षक बाहर हो जाएंगे. (फोटो- आजतक)
pic
प्रशांत सिंह
16 अगस्त 2024 (Updated: 16 अगस्त 2024, 23:28 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

उत्तर प्रदेश सहायक शिक्षक भर्ती (UP Assistant Teacher Recruitment) मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती को रद्द कर दिया है. साथ ही शिक्षक भर्ती में मेरिट लिस्ट फिर से जारी करने की बात कही है. बेसिक शिक्षा विभाग को अब 3 महीने में सेलेक्टेड अभ्यर्थियों की नई लिस्ट जारी करनी होगी.

इलाहाबाद हाई कोर्ट की दो जजों की बेंच ने 16 अगस्त को शिक्षक भर्ती को रद्द करते हुए ये आदेश पारित किया. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक हाई कोर्ट ने सरकार को आरक्षण नियमावली 1994 की धारा 3(6) और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का पालन करने का भी आदेश दिया है. कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया है. बेसिक शिक्षा विभाग को अब 3 महीने में सेलेक्टेड अभ्यर्थियों की नई लिस्ट जारी करनी होगी.

हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद यूपी सरकार को बड़ा झटका लगा है. नई चयन सूची तैयार होने के कारण पिछले 4 वर्षों से सेवा दे रहे हजारों शिक्षक बाहर हो जाएंगे.

क्या है मामला?

दरअसल, सहायक शिक्षक भर्ती के लिए सरकार ने 1 जून, 2020 को लिस्ट जारी की थी. जिसके बाद शिक्षक भर्ती में आरक्षण कोटे को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लगभग 19 हजार अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती में जारी कटऑफ से 65 प्रतिशत ज्यादा अंक प्राप्त किए थे. इसके बावजूद इन अभ्यर्थियों को सामान्य कैटेगरी में शामिल नहीं किया गया था. इन शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया आरक्षित कोटे में ही पूरी कर दी गई थी. जो कि आरक्षण के नियमों का उल्लंघन था. भर्ती को लेकर छात्रों ने कई बार विरोध प्रदर्शन भी किए. 

जनवरी 2024 में प्रदर्शन में शामिल अभ्यर्थी विजय कुमार ने आजतक को बताया कि 2019 की 69 हजार शिक्षक भर्तियों की लिस्ट में आरक्षण का घोटाला किया गया. 29 अप्रैल 2021 को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग की रिपोर्ट आई. इसमें माना गया कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण घोटाला किया गया है. उन्होंने बताया,

“69 हजार शिक्षकों को नियुक्ति देने के लिए चयन सूचियां बनाई गईं. जिन आरक्षित वर्गों के अभ्यर्थियों का चयन अनारक्षित पदों पर होना चाहिए था, उनको जबरन आरक्षित कोटे में डाल दिया गया. जिससे हमारे जैसे अभ्यर्थी, जो अपने कोटे में चयन पाते, प्रक्रिया से बाहर हो गए. 69 हजार का 27% - 18,598 सीटें आरक्षित वर्ग की बनती थीं. लेकिन इसके 6,800 सीटों पर उनकी भर्ती हुई, जिनका चयन अनारक्षित पदों में होना था. जिसको लेकर हम लोगों ने आंदोलन शुरू किया. और 29 अप्रैल 2021 को आई राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग की रिपोर्ट को लागू करवाने के लिए भी हमने लंबा आंदोलन किया, तब जाकर 23 दिसंबर, 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमारी सारी समस्याओं को सुना."

यूपी सरकार ने दिसंबर, 2018 में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती लिए नोटिफिकेशन जारी किया था. परीक्षा जनवरी, 2019 में आयोजित की गई. भर्ती में 4 लाख 10 हजार उम्मीदवारों ने भाग लिया था. करीब 1 लाख 40 हजार अभ्यर्थी परीक्षा में सफल हुए थे, जिनकी मेरिट लिस्ट जारी की गई थी. मेरिट लिस्ट आते ही विवाद सामने आ गया, क्योंकि जो अभ्यर्थी आरक्षण के कारण अपना चयन तय मान रहे थे उनका नाम लिस्ट में नहीं था. इसके बाद हजारों अभ्यर्थियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

वीडियो: Lucknow: UP 69000 Assistant Teacher भर्ती मामले में पुलिस ने क्या बताया?

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement