अडानी ग्रुप में विदेश से निवेश करने वाले इतने फंड बंद, किस 'खेल' का पता चला?
रिपोर्ट के मुताबिक मॉरीशस स्थित दो फंड पिछले साल बंद हुए थे. जबकि, तीसरा फंड कारोबार बंद करने के मुहाने पर है.
अडानी समूह (Adani Group) को लेकर अब एक और नई जानकारी सामने आई है. कथित तौर पर अडानी ग्रुप से जुड़े लोगों ने जिन 8 फंड्स के जरिए ग्रुप के शेयरों को खरीदा था, उनमें से 6 फंड्स बंद हो चुके हैं. बिजनेस पेपर मिंट की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से तीन फंड 2020 में SEBI की तरफ से जांच शुरू करने के बाद बंद हुए. ये जांच अडानी ग्रुप में विदेशी कंपनियों के निवेश को लेकर शुरू की गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, मॉरीशस स्थित दो फंड पिछले साल 2022 में बंद हुए थे. जबकि, तीसरा फंड कारोबार बंद करने की प्रक्रिया पर काम कर रहा है.
मालूम हो कि खोजी पत्रकारों के एक ग्लोबल नेटवर्क ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) ने हाल ही में रिपोर्ट दी थी. इसमें कहा गया था कि अडानी ग्रुप से ही जुड़े कुछ लोगों ने इन फंड्स के जरिए अडानी ग्रुप के शेयर खरीदे थे. ऐसा करना नियमों के खिलाफ है. नियमों के मुताबिक, किसी कंपनी में उसके प्रमोटरों की हिस्सेदारी एक तय सीमा से अधिक नहीं हो सकती है.
रिपोर्ट कहती है कि अगर SEBI ने समय से इन विदेशी कंपनियों की जांच शुरू की होती तो ये पता चल सकता था कि इन फंड्स के जरिए अडानी ग्रुप के शेयरों के दामों में हेरफेर किया गया था या नहीं. अब जब ये फंड्स बंद हो चुके हैं तो SEBI को ये पता करने में दिक्कत होगी कि इनसे किसे फायदा हुआ था.
एक दो साल में ही बंद हो गए फंड8 में से जो 6 फंड बंद हुए उनके नाम हैं- ग्लोबल अपॉर्चुनिटीज फंड, एसेंट ट्रेंड एंड इनवेस्टमेंट, लिंगो ट्रेडिंग एंड इनवेस्टमेंट, मिड ईस्ट ट्रेडिंग एंड इनवेस्टमेंट, EM रिसर्जेंट फंड और एशिया विजन फंड.
1. बरमूडा में रजिस्टर्ड ग्लोबल अपॉर्चुनिटीज़ फंड, जो 6 जनवरी 2005 को रजिस्टर हुआ था, इसे 12 दिसंबर 2006 को बंद कर दिया गया.
2. मॉरीशस स्थित एसेंट ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड अप्रैल 2010 में शुरू हुआ था, लेकिन जून 2019 में यह बंद हो गया.
3. लिंगो ट्रेडिंग एंड इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड दिसंबर 2009 में शुरू हुआ था और मार्च 2015 में ऑपरेशन बंद हो गया.
4. मिड ईस्ट ओशन ट्रेडिंग एंड इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड सितंबर 2011 में शुरू हुआ था और अगस्त, 2022 में बंद हो गया.
5. EM रिसर्जेंट फंड मई 2010 में बनाया गया था और ये भी पिछले साल फरवरी में बंद कर दिया गया था.
6. वहीं, एशिया विज़न फंड मई 2010 में शुरू हुआ था और अप्रैल 2020 में इसने कारोबार बंद करने के लिए लिक्विडेटर नियुक्त किया है. फिलहाल यह फंड अपना कामकाज बंद करने की प्रक्रिया में है.
रिपोर्ट में दो नियामक विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि इन फंड्स में आमतौर पर लंबी अवधि के लिए निवेश किया जाता है. लेकिन ये फंड्स जिस समय पर बंद हुए हैं वो कुछ हजम नहीं होता. किसी फंड के बंद होने के कई कारण हैं. जैसे कि फंड अगर दिवालिया हो जाए या फिर कोई नया मालिक फंड को खरीद ले या जब निवेशक खुद बंद करने का फैसला कर लें. इन रिपोर्ट्स पर अभी तक अडानी समूह और SEBI से टिप्पणी मांगी लेकिन दोनों जगहों से कोई जवाब नहीं आया है.