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इनकम टैक्स रिटर्न भरने जा रहे हैं? अगर इन दस बातों पर ध्यान ना दिया तो फंस जाएंगे!

Income Tax Return भरने का सीजन चल रहा है. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है. मगर ITR फाइल करने से पहले इन 10 का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. वरना टेंशन में पड़ सकते हैं.

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Income tax, ITR, ITR Filing
इनकैम टैक्स भरते हुए इन 10 बातों का ध्यान रखें (सांकेतिक फोटो)
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प्रदीप यादव
15 जुलाई 2024 (Published: 15:15 IST)
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इनकम टैक्‍स रिटर्न (Income Tax return) भरने का सीजन चल रहा है. वित्तीय वर्ष 2023-24 (Assessment Year 2024-25) के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है. ऐसे में कई करदाता खासतौर से पहली बार रिटर्न भरने वाले लोग हड़बड़ाहट में कई ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिसके चलते न सिर्फ उन्हें ज्यादा टैक्स भरना पड़ जाता है बल्कि कई बार मोटा जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. वैसे तो इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR को ऑनलाइन फाइल करने की प्रक्रिया काफी आसान हो गई है. अब कोई भी आदमी इसे घर बैठे आराम से अपना रिटर्न दाखिल कर सकता है. लेकिन एक चूक आपको मुसीबत में डाल सकती है. हम उन दस बातों को बताने जा रहे हैं जिन्हें सभी टैक्सपेयर्स को अपना ITR भरते समय ध्यान रखना चाहिए. उदाहरण के लिए कौन सा फॉर्म चुनना चाहिए. न्यू टैक्स रिजीम चुनें या पुरानी?

अगर आपने रिटर्न फाइल नहीं किया है तो यह काम आपको जल्द से जल्द कर लेना चाहिए और लास्ट डेट का इंतजार नहीं करना चाहिए. 31 जुलाई के बाद ITR फाइल करने वाले टैक्सपेयर्स को लेट फीस देनी होगी. इसलिए इसी बात में समझदारी है कि समय से रिटर्न भर लें. लेकिन ITR भरते समय आपको कुछ जरूरी सावधानी रखनी भी काफी जरूरी हैं. ऐसा न करने पर आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के चक्कर काटने पड़ सकते हैं. आइए जानते हैं कि ITR दाखिल करने से पहले वे कौन सी दस बातें आपको जाननी चाहिए.

अपनी कुल टैक्सेबल इनकम जानें

टैक्सपेयर्स को ये जानना बेहद जरूरी है कि उनकी टैक्सेबल इनकम कितनी है. आपकी कुल इनकम (वेतन और अन्य स्रोतों से कमाया गए पैसे) में टैक्स बचत करने वाली कटौतियों को घटाने पर आपकी टैक्सेबल इनकम बनती है.  

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कौन सी कर व्यवस्था चुनें?

शायद नए करदाताओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह पता लगाना होगा कि वे नई कर व्यवस्था या पुरानी व्यवस्था में से किसे चुनना चाहते हैं. जानकारों के मुताबिक नए टैक्स सिस्टम में कम टैक्स रेट चुकाना पड़ता है. वहीं पुराने टैक्स सिस्टम की खास बात ये हैं कि इसमें कुछ डिडक्शन और टैक्स से जुड़े फायदे हैं. इसलिए बिना देरी किए टैक्सपेयर्स को एक विकल्प चुनना होगा और ऐसा करने का एक तरीका ऑनलाइन टैक्स कैलकुलेटर में से एक को चुनना है ताकि पता लगाया जा सके कि किस व्यवस्था में करदाता को कम टैक्स लग रहा है. हालांकि, जानकारों का कहना है कि अगर करदाता नई कर व्यवस्था को अपनाते हैं तो उन्हें EPF, PPF और जीवन बीमा जैसे कुछ इनवेस्टमेंट्स पर विचार करना चाहिए. सीधा सा मतलब ये कि नई कर व्यवस्था में इन निवेशों का कोई कर लाभ नहीं मिलता.

अपना फॉर्म 16 प्राप्त करें

फॉर्म 16 सैलरी पाने वाले लोगों के लिए होता है. यह फार्म  एंप्लायर की तरफ से दिया जाता है. इस फॉर्म में आयकर रिटर्न दाखिल करते समय दर्ज किए जाने वाले सभी सैलरी से जुड़े विवरण शामिल होते हैं. इसमें आपके द्वारा दावा की गई कटौतियों, अर्जित वेतन और प्राप्त छूटों की जानकारी होती है.

फॉर्म 26AS है बेहद जरूरी

टैक्स पेयर्स के लिए यह भी एक बहुत ही जरूरी डॉक्यूमेंट है . इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए इस पर भरोसा किया जाना चाहिए. इसमें कमाई गई सभी इनकम का विवरण होता है जिस पर टीडीएस काटा गया है. टैक्स सलाहकार फॉर्म 16/फॉर्म 16ए में उल्लिखित विवरणों को फॉर्म 26एएस में प्रदर्शित विवरणों के साथ क्रॉस-चेक करने की सलाह देते हैं. आप अपने फॉर्म 26एएस को ऑनलाइन देख सकते हैं और डाउनलोड भी कर सकते हैं. इस फॉर्म में विवरण हर टीडीएस रिटर्न स्टेटमेंट के साथ अपडेट हो जाता है.

AIS में सारा लेनदेन शामिल

एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट यानी AIS में नई जानकारी शामिल होती है . जैसे कितना ब्याज मिला, कितना डिविडेंड मिला. शेयरों का लेनदेन, म्यूचुअल फंड लेनदेन और कितना पैसा विदेश से मिला वगैरह की जानकारी रहती है.

कौन सा ITR फॉर्म भरें?

कई टैक्सपेयर्स को ये नहीं पता होता है कि उन्हें कौन सा फॉर्म भरना है.

ITR-1 किनके लिए जरूरी

टैक्स एक्सपर्ट विनोद रावल की मानें तो वैसे तो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए कई फॉर्म हैं. लेकिन अगर आप इंडीविजुअल करदाता हैं और नौकरी करते हैं आपकी सालाना इनकम 50 लाख रुपये से कम है तो आपको इनकम टैक्स का फार्म 1 का चुनाव करना होगा. इसके अलावा अगर बैंक की एफडी है और उस पर ब्याज मिलता है और एक घर के किराये से इनकम होती है तो भी यही फार्म भरना होगा.

बिजनेस न करने वालों के लिए ITR-2 

ऐसे व्यक्तियों और हिन्दू अनडिवाइडेड फैमिली यानी HUF के लिए जो किसी प्रोपराइटशिप के तहत बिजनेस या प्रोफेशन नहीं चला रहे हैं. आपकी सैलरी के अलावा किसी दूसरे सोर्स से इनकम है तो आपको ITR 2 का इस्तेमाल करना होगा जैसे कि आपको कैपिटल गेंस, एक से ज्यादा प्रापर्टी से इनकम , फॉरेन इनकम और बिना लिस्ट हुए शेयर से होनी वाली इनकम आदि.

बिजनेस करने वालों के लिए ITR-3

इसके अलावा जो जिनकी आय 50 लाख से ज्यादा है मतलब बिजनेस वगैरह से इनकम है और आॉडिट कराना जरूरी है उनके लिए आईटीआर 3 है.

ये हैं जरूरी डॉक्यूमेंट आयकर रिटर्न दाखिल करते समय ये डॉक्यूमेंट जरूरी हैं.

बैंक के खाते का विवरण
पैन कार्ड
आधार 
वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए फॉर्म 16
निवेश प्रमाण
होम लोन इंटरेस्ट का सर्टिफिकेट 
बीमा प्रीमियम भुगतान की रसीदें

ITR का सत्यापन जरूरी

ITR दाखिल करने के बाद आपके रिटर्न को सत्यापित करना जरूरी होता है. आप अपने रिटर्न को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से सत्यापित कर सकते हैं. ऑनलाइन विकल्प के लिए, आप आधार OTP के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से IT विभाग सत्यापन की पुष्टि करने के लिए आपको एक ई-सत्यापन मेल भेजेगा. 

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