मैगी बनने में कितना टाइम लगता है. सभी को पता है कि उतना तो नहीं लगता जितना कंपनी अपने विज्ञापन में बोलती है. मतलब हमने तो जब भी बनाई, 13 मिनट लगे. अब जो आपको लगे कि काहे टाइम नोट किया था, तो जनाब जब बताए गए समय में नहीं बनी तो असल समय जानना बनता था. खैर लंतरानी खूब हुई. अब मुद्दे पर आते हैं. मैगी बनने में 13 मिनट लगते हैं और इसके लिए मेहनत भी बहुतई करनी पड़ती है. लेकिन जो इसमें 2 मिनट और जोड़कर बिना कुछ किए ही मैगी आपके सामने हो तो?
Zomato, Swiggy, Zepto Cafe की '10-15 मिनट वाली डिलीवरी' में खुशी नहीं, झोल ढूंढिए!
हम इंडियन क्विक कॉमर्स बाजार की सबसे तेज रेस '15 minutes food delivery' की बात कर रहे हैं. मतलब जितनी देर में आप सब्जी लेकर आएंगे या फिर जितनी देर में कुकर की सीटी आएगी, उतनी देर में तो चम्मच और प्लेट के साथ खाना आपके सामने होगा.

इशारा आप समझ ही गए होंगे कि हम इंडियन क्विक कॉमर्स बाजार की सबसे तेज रेस 15 minutes food delivery की बात कर रहे हैं. मतलब जितनी देर में आप सब्जी लेकर आएंगे या फिर जितनी देर में कुकर की सीटी आएगी, उतनी देर में तो चम्मच और प्लेट के साथ खाना आपके सामने होगा. मगर कैसे?
फूड डिलीवरी ऐप्स का नया शगलएक जमाना था जब किसी रेस्टोरेंट से खाना मंगाना मुश्किल काम था. एक ही तरीका था कि कोई जाए और पैक करवा कर ले आए. इसमें भी अपनी पसंद का खाना चुनने की लिमिट थी क्योंकि एक ही जगह जा सकते थे. कई रेस्टोरेंट फोन पर खाना भेज भी देते थे तो पेमेंट से लेकर खाने की मात्रा का झंझट. कम पड़ा तो फिर सब ‘बेस्वाद’ हो जाता था.
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मगर फिर आया FOODIEBAY. नहीं पहचाने, अरे भाई Zomato का पहला नाम यही था. इसकी कहानी आप यहां क्लिक करके पढ़ लो. खैर, Zomato आया और फिर भारत में खाने का धंधा हमेशा के लिए बदल गया. Zomato और Swiggy ने यूजर को घर बैठे खाना मंगवाने का जुगाड़ दिया. अपने मन का रेस्टोरेंट, अपने मन की डिश से लेकर मिर्च कम और चीनी ज्यादा तक का भी प्रबंध किया.
दोनों ही ऐप्स की मार्केट वैल्यू बताती है कि इनका जलवा है. मगर ये सब तो कुछ मिनट का काम है. माने अगर जो आप किसी रेस्टोरेंट के पास में भी रहते हैं तो 30 मिनट तो लगेंगे ही सही. लेकिन अब तो 15 मिनट की बात हो रही.

इसकी शुरुआत हुई Zepto Cafe से जो 10 मिनट में ही खाना पहुंचा रहा. अभी इसमें चाय, कोल्ड ड्रिंक, मैगी, पाव-भाजी, डोसा-इडली जैसे प्रोडक्ट ही हैं. मगर जल्द ही इधर सब मिलेगा. वैसे Zomato और Swiggy ने साल 2023 में 'Cafe’ नाम से सर्विस स्टार्ट की थी, मगर उसे कोई रिस्पॉन्स मिला नहीं. अब आ गए हैं Bistro by Zomato और Snacc by Swiggy. जरूरी बात, इनका कंपनी की दूसरी क्विक कॉमर्स सर्विस से कोई लेना-देना नहीं है. मतलब Zomato का Blinkit और Swiggy का इंस्टा मार्ट आपको दूध-ब्रेड सप्लाई करते रहेंगे. पहले की तरह 30 मिनट या उससे ज्यादा में रेस्टोरेंट से खाना आता रहेगा.

यहां गेम खुद की फूड सप्लाई चेन का है. मतलब 10 मिनट में खाना किसी रेस्टोरेंट से नहीं बल्कि इन ऐप्स के अपने सोर्स से आएगा. खाना मंगाने वाले इससे खुश होंगे या दुखी, वो हम नहीं कह सकते, मगर National Restaurant Association of India (NRAI) इससे चिंता में है.
ये संगठन '10 मिनट में खाना डिलीवरी' वाली सर्विस से नाराज है. उन्होंने Competition Commission of India (CCI) से इस मामले में दखल देने को कहा है. NRAI का कहना है कि इन ऐप्स ने ग्राहकों का तगड़ा डेटाबेस तैयार कर लिया है. मतलब इनको अच्छे से पता है कि मिस्टर Z कब क्या खाते हैं और मिस्टर S कब क्या पीते हैं. अब इस डेटा के दम पर सुपर क्विक कॉमर्स सर्विस चालू करने जा रहे. सोशल मीडिया पर भी खाने की गुणवत्ता को लेकर काफी-कुछ बोला जा रहा है. लोग इसे ताजा नहीं बल्कि ‘फ्रोजन’ फूड कह रहे हैं.

इस बीच Blinkit के सीईओ Albinder Dhindsa ने साफ किया है कि उनकी पैरेंट कंपनी Zomato कभी भी अपने ऐप पर ये वाली सर्विस चालू नहीं करेगी. वहां खाना रेस्टोरेंट से ही आएगा और Bistro by Zomato अलग ही रहेगा.
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