बारिश के मौसम में अक्सर एक सलाह दी जाती है. बारिश होने पर पेड़ के नीचे खड़े नहीं होना है (Don't Stand Under a Tree When It Rains). आकाशीय बिजली या जिसे आम भाषा में गाज कहते हैं, उसके गिरने का खतरा होता है. एकदम सही बात है. काफी पुरानी सलाह है. घर के बुजुर्गों से लेकर मौसम विज्ञानी तक इसके बारे में सचेत करते हैं. बोले तो इस पर चर्चा नहीं, बल्कि आंख बंद करके भरोसा कर सकते हैं. लेकिन जमाना सोशल मीडिया और वायरल वीडियो का है. ऐसे कई वीडियो आपने देखे होंगे जिनमें कहा जाता है कि बिजली गिरने का कारण मोबाइल है.
बारिश में मोबाइल लेकर निकले तो बिजली गिरेगी? आखिर होता क्या है?
सोशल मीडिया में अक्सर कई वीडियो वायरल होते हैं जिनमें बारिश में बिजली गिरने का कारण मोबाइल फोन को बताया जाता है. हम आज इसी की बात करेंगे कि बारिश में पेड़ के ऊपर गिरने वाली बिजली के पीछे मोबाइल का हाथ है या फिर बेचारे मोबाइल को बस यूं ही दोष दिया जाता है.

हम आज इसी की बात करेंगे कि बारिश में पेड़ के ऊपर गिरने वाली बिजली के पीछे मोबाइल का हाथ है या फिर बेचारे मोबाइल को बस यूं ही दोष दिया जाता है. लेकिन पहले जरा बारिश और पेड़ का तार बिठा लेते हैं.
बारिश, बिजली और बंदावैसे सही लाइन होगी बारिश, बंदा और बिजली. क्योंकि बारिश और बिजली के बीच कनेक्शन बिठाने का काम हमारा शरीर करता है. इसका मतलब ये नहीं कि अगर पेड़ के नीचे कोई इंसान नहीं खड़ा होगा तो नुकसान नहीं होगा. होगा, लेकिन कम. मतलब अगर पेड़ पर बिजली गिरी तो शायद कुछ पत्तियां जलें लेकिन अगर नीचे कोई इंसान खड़ा हुआ होगा तो पेड़ और उस इंसान का नुकसान पक्का है.
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इसका कारण इंसान का शरीर है जो बिजली का अच्छा conductor है. ऐसे में एक पेड़ और इंसान का गीला शरीर एक और एक मिलकर 11 हो जाते हैं. ऐसा नहीं है कि पेड़ बिजली का अच्छा संवाहक नहीं है, मगर इंसानी शरीर के मुकाबले कम. संवाहक बोले तो किसी चीज को कैरी करने वाला, ले जाने वाला.
इसके साथ पेड़ की ऊंचाई और जगह भी बहुत मायने रखती है. मतलब अगर पेड़ 8-10 फीट से ऊंचा है तो रिस्क है. खाली मैदान में अगर इकलौता पेड़ है तो रिस्क है. इसलिए बारिश के दौरान खासकर ऊंचे पेड़ के नीचे खड़े नहीं होने की चेतावनी दी जाती है.
कहानी खत्म और मोबाइल तो आया ही नहीं. आएगा भी नहीं क्योंकि वो है ही नहीं.

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बारिश, बिजली और मोबाइलसही लाइन यही है क्योंकि जैसे इंसानी शरीर बिजली का अच्छा conductor है, वैसे ही मोबाइल भी. मतलब मोबाइल तो सुपर-डुपर वाला कंडक्टर हुआ. इलेक्ट्रिकल पार्ट्स की दुकान जो ठहरा. ऐसे में गीले शरीर के साथ जेब में पड़ा मोबाइल या कोई भी दूसरा गजेट आकाशीय बिजली के संपर्क में आते ही फट जाता है या जल जाता है. पूरी घटना कुछ सेकंड में होती है तो लगता है कि मोबाइल की वजह से हुआ. लेकिन ऐसा नहीं है.
बिजली गिरने से डिवाइस में आग लग सकती है, लेकिन वो किसी को जान से मारने के लिए नाकाफी है. मौत होने का कारण बिजली गिरना ही है. जेब में कोई और गजेट रखा होगा वो भी बिजली से जल सकता है. लेकिन ऐसी डिवाइसेज बिजली को इनवाइट नहीं करतीं. अगर ऐसा होता तो सबसे पहले मोबाइल फैक्ट्रीज पर गाज गिरती.

एक और बात, बिजली गिरने से मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रिक डिवाइस जलने का खतरा है इसका मतलब ये भी नहीं है कि बारिश होने पर उसे दूर फेंक कर पेड़ के नीचे खड़े हो जाना है. बेहतर यही है कि किसी सुरक्षित जगह, मसलन कोई मजबूत शेड, घर वगैरा में चले जाइए. अगर बारिश में मोबाइल भीग गया है तो उसको भी तुरंत स्विच ऑफ कर दीजिए.
एक बात और, इस खबर का आइडिया हमारे एक दूर के साथी की इंस्टा पोस्ट से आया.
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