आप किसी भी किस्म की नौकरी करते हों, छोटी, बड़ी या मझोली. दिन के 8-10 घंटे आपने काम करना ही पड़ता है. ये तो मिनिमम है, कई जगह 12-15 घंटे भी काम करते हुए लोगों को देखा गया है. ऐसे में अगर हम आपसे कहें कि एक नौकरी है जिसमें आपको कुछ नहीं करना होगा और हर महीने मोटी पगार आपके अकाउंट में आएगी. पहले तो आप भरोसा नहीं करोगे और कर लिया तो पक्का लगेगा कोई नासा के ऑफिस में लटकने वाली या सोने वाली नौकरी होगी. नहीं, ऐसी नौकरी है गूगल में. मगर करियर बर्बाद करने वाली.
Google अपने कर्मचारियों को कुछ नहीं करने का करोड़ों दे रहा है, मगर उनका करियर बर्बाद करके
Google अपने कई कर्मचारियों को साल-साल भर कुछ भी नहीं करने, घर पर बैठने के लाखों-करोड़ों रुपये दे रहा है. ये लोग किसी रिसर्च का हिस्सा नहीं बल्कि टॉप क्लास AI इंजीनियर्स हैं. माने इनकी तो मौज होगी. ना, करियर बर्बाद हो रहा है .

एकदम दुरुस्त पढे आप. टेक दिग्गज गूगल अपने कई कर्मचारियों को साल-साल भर कुछ भी नहीं करने, घर पर बैठने के लाखों-करोड़ों रुपये दे रहा है. ये लोग किसी रिसर्च का हिस्सा नहीं बल्कि टॉप क्लास AI इंजीनियर्स हैं. इनकी तो मौज होगी, ऐसा आपको लगेगा. बताते क्या चक्कर है.
DeepMind का डर्टी गेमDeepMind मतलब गूगल का AI वाला विभाग. ये वो कंपनी है जिसे उसने साल 2014 में खरीदा था. ये तब की बात है जब आम पब्लिक AI नाम से भी ढंग से परिचित नहीं थी. ये डीप माइंड क्या-क्या करता है, उसके ज्यादा डिटेल में नहीं जाते. बस पिक्सल फोन की फोटू से समझ लेते हैं. पिक्सल फोन की फोटू का जो भौकाल आज से 7-8 साल पहले ही बन गया था, वो इसके माइंड का कमाल था. फोटू में AI का कमाल तभी दिखा.

हाल फिलहाल में जिस Gemini के दम पर कंपनी बड़ा गेम करने की तैयारी में है, उसके पीछे का माइंड भी यही DeepMind और उसके इंजीनियर्स हैं. आज की तारीख में गूगल के लिए इससे जरूरी शायद कुछ और नहीं. जाहिर सी बात है कि कंपनी इसमें काम करने वाले लोगों को तगड़ा पैसा दे रही है. मगर खेल इन लोगों के कंपनी छोड़ने के बाद होता शुरू होता है.
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गूगल AI के एक्सपर्ट को अगले एक साल तक कहीं और नौकरी नहीं करने देती है. मतलब आप नौकरी छोड़ने के लिए आजाद हैं. नोटिस पीरियड से लेकर बाकी प्रोसेस पूरी करके आप नौकरी छोड़ सकते हैं. मगर अगले एक साल कहीं और जॉइन नहीं कर पाएंगे. आपको बाकायदा सैलरी मिलती रहेगी. कंपनी इसके लिए बाकायदा कांट्रेक्ट भी करवाती है. कहने का मतलब कंपनी ऐसे जबरदस्त माइंड को किसी और कंपनी ने जाने से रोकना चाहती है.
California जैसे राज्यों में ऐसे कॉन्ट्रेक्ट की इजाजत नहीं तो गूगल ने DeepMind को UK में रजिस्टर किया हुआ है. वहां कंपनी ऐसे non-compete कॉन्ट्रेक्ट करवा सकती है. शायद आपको लगे कि इसमें क्या बुराई है, मजे करो. नहीं जनाब AI सबसे तेजी से बदलती तकनीक है. यहां तकरीबन रोज कुछ नया हो रहा है. पिछले एक महीने में ही OpenAI ने GPT-4o लॉन्च किया. Meta, Llama 4 लेकर आया तो Google | Gemini 2.5 Pro.
ऐसे में एक AI एक्सपर्ट के लिए एक साल घर में रहना उसके करियर को बर्बाद करने जैसा है. साल भर बाद तो बहुत कुछ बदल जाएगा. उस समय की तकनीक से कदमताल करना मुश्किल होगा. DeepMind के पूर्व कर्मचारी और अभी माइक्रोसॉफ्ट के साथ काम कर रहे Nando de Freitas ने इससे जुड़ा एक पोस्ट किया है. पोस्ट के मुताबिक,
DeepMind के कई कर्मचारी इस कॉन्ट्रेक्ट से निकलने का रास्ता पूछते हैं. वो सलाह देते हैं कि सबसे अच्छा है कि ऐसे कॉन्ट्रेक्ट ही साइन मत करो. DeepMind के लिए काम करना है तो यूरोप में करो. अमेरिका में उनसे शक्तिशाली कोई नहीं. ये ताकत का बेजा इस्तेमाल है.

हालांकि DeepMind का कहना है कि वो इस कॉन्ट्रेक्ट का इस्तेमाल सिर्फ जरूरत पड़ने पर करती है. वाकई में…
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