देर से ही सही ठंड आ ही गई है. पारा धीरे-धीरे लुढ़कने लगा है और आग में हाथ सेंकने का टाइम भी आ गया है. मतलब मान तो सकते ही हैं कि ठंड में ठिठुरने पर सबसे पहले ध्यान तो आग का ही आता है, भले फिर रूम हीटर से काम चला लेते हैं. ठीक भी है क्योंकि जहां आग तापने के लिए तो कई जतन करने पड़ते हैं, वहीं रूम हीटर के लिए तो बस खटका (बटन) दबाना होता है. मगर क्या आपको इसके खतरों के बारे में पता है. इसका इस्तेमाल जानलेवा (Room Heater Side Effects) भी हो सकता है.
रूम हीटर पर हाथ सेंकना है तो इन बातों का ख्याल रखें वरना 'महंगा पड़िंगा'
एक्सपर्ट रूम हीटर (Room Heater) के कम इस्तेमाल की सलाह देते हैं. उनके मुताबिक़ इसके गंभीर खतरे (Room Heater Side Effects) भी हो सकते हैं. पिछले कुछ सालों में रूम हीटर से मौत के भी कई मामले आ चुके हैं. इतना पढ़कर अगर ख्यालों में 'तो क्या ठंड से मर जाएं' वाला मीम आ गया तो चिंता नक्को. आप हाथ सेंकिये बस कैसे वो जान लीजिए.
आप एकदम सही पढ़े हैं. एक्सपर्ट रूम हीटर (Room Heater) के कम इस्तेमाल की सलाह देते हैं. उनके मुताबिक़ इसके गंभीर खतरे भी हो सकते हैं. पिछले कुछ सालों में रूम हीटर से मौत के भी कई मामले आ चुके हैं. इतना पढ़कर अगर ख्यालों में 'तो क्या ठंड से मर जाऊं' वाला मीम आ गया तो चिंता नक्को. आप हाथ सेंकिये बस कैसे वो जान लीजिए.
रूम हीटर कौन सा लेना चाहिएरूम हीटर चलाते समय क्या सावधानी रखनी है, उसमें सबसे पहले है कि कौन सा हीटर खरीदना चाहिए. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हीटर तीन प्रकार के होते हैं. PTC Room Heaters, Oil Filled Room Heaters और रेडियंट हीटर्स. शुरुआत रेडियंट से करते हैं क्योंकि इसका कुनबा बहुत बड़ा है.
रेडियंट हीटर्स: ये वो वाला हीटर है जो आपको हर जगह दिख जाएगा. इसमें बीचों-बीच एक रॉड लगी होती है और इसका साइज भी छोटा होता है. आसानी से कहीं भी ले जाइए. यह बहुत ही सस्ता भी होता है. ये वाला हीटर आहिस्ता-आहिस्ता गर्मी पैदा करता है और ज्यादातर अपने आस-पास बैठे लोगों को ही गर्माहट देता है. इसी परिवार का एक और सदस्य है क्वार्ट्ज रूम हीटर. इस प्रकार के हीटर्स में दो रॉड लगी होती हैं. इसी परिवार के एक और भाई-बंधु हैं Halogen Heater जो क्वार्ट्ज रूम हीटर की तरह ही कार्य करते हैं और इसमें भी दो रॉड का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि ये क्वार्ट्ज रूम हीटर से थोड़े बेहतर होते हैं और इसमें हेलोजन रॉड होती है. इसलिए इसका नाम भी हेलोजन हीटर रखा गया है. ये क्वार्ट्ज रूम हीटर के मुकाबले ज्यादा क्षमता वाले होते हैं और इनमें बिजली की खपत भी कम होती है.
रेडियंट हीटर्स के चचेरे भाई हैं कार्बन फाइबर रूम हीटर. कार्बन फाइबर रूम हीटर में कार्बन की रॉड लगी हुई होती है और ये समान रूप से कमरे में तापमान को वितरित करते हैं. बिजली की ज्यादा खपत के बिना भी कमरे की हवा को सूखने से रोकते हैं. इसके बाद नंबर आता है फैन रूम हीटर का, जिसे आमतौर पर Blower Heater भी कहा जाता है. इस हीटर में एक पंखा होता है, जिसमें गरम एलिमेंट पर हवा को संचालित किया जाता है. सेफ्टी के लिहाज से इस प्रकार के रूम हीटर बहुत अच्छे होते हैं विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और पालतू जानवरों वाले घर के लिए.
PTC Room Heaters: पूरा नाम पॉजिटिव टेम्परेचर कोएफिशिएंट. मॉर्डन जमाने की हीटिंग टेक्नोलॉजी. ये हीटर आपके घर में लंबे समय तक आरामदायक तापमान बनाए रखते हैं और सर्दी के समय आपको गर्म और आरामदेह रखते हैं. इनमें तेज हीटिंग का जुगाड़ होता है मतलब बटन चालू किया और गर्मी बाहर. दिखने में भी काफी आकर्षक और स्टाइलिश होते हैं. मगर रेडियंट हीटर्स के मुकाबले PTC Room Heaters थोड़े महंगे होते हैं.
Oil Filled Room Heaters: ऑयल फिल्ड रूम हीटर का सबसे बड़ा फायदा इनका सेफ्टी फीचर है. इसमें कोई रॉड या पंखा सामने की तरफ़ नहीं होता तो दुर्घटना का रिस्क कम हो जाता है. ये बड़े से लेकर छोटे कमरे के लिए लिए उपयुक्त होते हैं. यदि आप चाहते हैं कि आपके कमरे का तापमान लंबे समय तक एक जैसा बना रहे, तो यह मुफीद ऑप्शन है. चूंकि इसमें ऑयल को पहले गर्म किया जाता है जिससे ये अपेक्षाकृत धीमी गति से गर्मी फैलाते हैं. कई ऑयल फिल्ड रूम हीटर में फैन भी लगा होता है, जो गर्म हवा को कमरे में फैलता है. ये स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी सुरक्षित होते है, लेकिन इनकी कीमत थोड़ी ज्यादा होती है.
सावधानी# रूम हीटर को थोड़ी-थोड़ी देर के लिए ही चलाना चाहिए. रात में हीटर चलाकर सोने का तो सोचना भी मत. यह जानलेवा भी हो सकता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर किसी रूम में वेंटिलेशन सही नहीं है तो ऐसा में रातभर हीटर चलाने से उस कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस भर जाती है और ऑक्सीजन कम हो सकती है. ऐसे में सोते-सोते सांस रूक भी सकती है.
# रूम हीटर के साइड इफेक्ट्स में सबसे पहले है स्किन की ड्राईनेस. स्किन रूखी-सूखी हो जाती है. इसलिए बेहतर रहेगा कि इसको कम करने के लिए ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें. अगर उसका जुगाड़ नहीं तो कमरे में एक बाल्टी पानी भरकर ही रख दें. घर में अगर अस्थमा और सांस के मरीज हैं तो हीटर जितना कम से कम इस्तेमाल करें.
# रूम हीटर का इस्तेमाल कभी भी कपड़े को सुखाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. अगर मुमकिन हो तो ख़ुद से बंद होने वाले हीटर का इस्तेमाल करें.
कुल मिलाकर बात ये कि रूम हीटर का इस्तेमाल जरूरत के हिसाब से करें और फिर उसे बंद कर दें. रात भर चलाने की तो कतई जरूरत नहीं है.
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