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टायर पर लिखे नंबरों का मतलब जान लीजिए, पैसे बचेंगे और सेफ्टी भी रहेगी

हर टायर पर अलग-अलग नंबर लिखे रहते हैं.

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टायर पर लिखे अंकों का रहस्य. (image-pexels)

पहिया इंसानी इतिहास का वो पन्ना है, जिसके आने के बाद जीवन ने गति पकड़ी. पहिया आगे बढ़ा और टायर बना. लेकिन इस टायर के बारे में लोग ज्यादा कुछ जानते नहीं हैं. टायर जितना गोल है, उतनी ही गोल है उससे जुड़ी जानकारी. आप कहेंगे कि टायर की क्या जानकारी! लेकिन ये जानकारी बहुत जरूरी है और ये टायर में ही लिखी होती है. सबकुछ विस्तार से जानते हैं.

हर टायर पर होता है एक कोड

अगर आप टायर को ध्यान से देखेंगे तो उसपर कुछ कोड नजर आएंगे. जैसे अगर टायर पर 'P' लिखा है, तो वो पैसेंजर कार के लिए बना है. ‘LT’ मतलब हल्के वाहनों के लिए. टायर अगर बड़े ट्रेलर या स्पेशल ट्रेलर के लिए बना होगा, तो उसपर ST लिखा होगा. अस्थाई टायर है, तो T लिखा नजर आएगा. उदाहरण के लिए टायर पर 220/r16/85 लिखा है, तो इसमें r16 मतलब रिम साइज जो हुआ 16 इंच है. बाकी आगे बताते हैं.

टायर की चौड़ाई का गणित (195/55)

रेस वाली कार के टायर देखिए. कितने चौड़े होते हैं. ये चौड़ाई मिलीमीटर में मापी जाती है. इमेज में इसको सेक्शन विड्थ (w) कहा गया है. मतलब टायर का जो भाग सड़क से सम्पर्क में आएगा वह 195 मिलीमीटर का है. नीचे दी गई फोटोे में सेक्शन हाइट (H) है. यह प्रतिशत में होती है, मतलब सेक्शन हाइट (H) - सेक्शन विड्थ (w) का 55% है.  करीब करीब 107.25 मिलीमीटर (195 का 55%). टायर की चौड़ाई और उसकी मेटल रिम के बीच जितनी कम दूरी होगी, उतना अच्छा. इसलिए रेसिंग कार के टायर खूब चौड़े होते हैं.

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टायर के प्रकार(R)

टायर रबर का बना है, वो तो ठीक है. लेकिन इसके भी प्रकार होते हैं. उदाहरण के लिए रेडियल और क्रॉस प्लाई. ये इस बात पर निर्भर करेगा कि टायर के अंदर  नायलॉन और स्टील की परतों को कैसे फिट किया गया है. टायर कितने प्लाई का है, इसकी भी जानकारी दी जाती है. ये गाड़ी के मॉडल के हिसाब से बनाए जाते हैं. ऐसे में ये ध्यान रखना चाहिए कि चारों टायरों प्लाई समान हो.

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वजन कितना झेल पाएगा (87)

इसके लिए आपको टायर में 87-85 जैसे नंबर नजर आएंगे, जो लोड इंडेक्स बताते हैं. यह बताता है टायर कितना वज़न उठा सकता है. इसी अधिकतम वज़न को उठाने के लिए टायर डिज़ाइन किया गया है. यहां 87 का मतलब है एक टायर पर अधिकतम 545 किलो वजन डाला जा सकता है. बोले तो चारों टायर अधिकतम 2180 किलोग्राम वजन उठा सकते हैं.

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स्पीड का पता भी चलेगा (V)

इसका मतलब है स्पीड इंडेक्स. मतलब गाड़ी अधिकतम कितनी स्पीड पर फर्राटा भरेगी. जैसे “V” के लिए 240 किमी/घण्टा, H के लिए 210 किमी/घंटा . एक बात और, टेम्प्रेचर गेज और टायर प्रेशर का ध्यान रखना भी जरूरी है. भारत जैसे देश में, जहां पर अधिकतर जगहों पर तापमान ज्यादा रहता है और सड़कें काफी गर्म रहती हैं. ज्यादातर लोग इंपोर्टेड टायर लगाना चाहते हैं, लेकिन इस दौरान ये देखने की जरूरत है कि उन टायरों का टेंपरेचर गेज कितना है. क्योंकि इंपोर्टेड टायर ज्यादातर ठंडे इलाकों के हिसाब से बनाए जाते हैं और इसलिए ज्यादा तापमान में उन टायरों के फटने का खतरा रहता है. वहीं टायर के साइज के हिसाब से टायर प्रेशर मार्क दिया जाता है. गाड़ी के टायर का एयर प्रेशर उसी हिसाब से रखना चाहिए.

वीडियो: कार टायर काले ही क्यों होते हैं? पीछे की मज़ेदार साइंस जान लीजिए