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2800 रुपये का जूता 71 लाख में! Gen Z में ट्रेंड कर रहा Sneaker Trading क्या है?

आजकल तगड़े और भयंकर मुनाफे वाले बिजनेस के लिए बस एक जोड़ी जूते चाहिए होते हैं. मुनाफा होता है दस गुना और रौला जमता है सो अलग. Gen Z के बीच खूब लोकप्रिय हो रहे इस बिजनेस को कहते हैं Sneaker Trading. छोटा-मोटा बिजनेस समझने की भूल मत करना इसलिए फीते बांधकर देखते हैं.

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Gen Z का बिजनेस फंडा Sneaker Trading

कहते हैं कि बिजनेस के लिए चाहिए होता है एक आइडिया. एक अच्छा आइडिया अगर आपके पास है तो फिर बाकी काम अपने आप होने लगते हैं. कहने का मतलब लोग साथ आते जाते हैं और कारवां बनता जाता है. ये सारी बातें अगर मैं कुछ साल पहले कहता तो एकदम मुफीद लगती. मगर आज जमाना कुछ और है. जमाना AI का है. जमाना वेबसाइट और ऐप्स का है. जमाना Generation Z का है. तो फिर बिजनेस के लिए भी कुछ और चाहिए होगा. आजकल बिजनेस के लिए एक अदत्त आइडिया नहीं, बल्कि जूता चाहिए होता है.

आप एकदम सही पढ़े हैं. आजकल तगड़े और भयंकर मुनाफे वाले बिजनेस के लिए बस एक जोड़ी जूते चाहिए होते हैं. मुनाफा होता है दस गुना और रौला जमता है सो अलग. Gen Z के बीच खूब लोकप्रिय हो रहे इस बिननेस को कहते हैं Sneaker Trading. छोटा-मोटा बिजनेस समझने की भूल मत करना क्योंकि इसका कॉन्सेप्ट ‘शार्क टैंक इंडिया’ में भी फीचर हो चुका है. इसलिए फीते बांधकर देखते हैं.

क्या है Sneaker Trading?

एकदम वैसे ही जैसे शेयर ट्रेडिंग होती है. मतलब कम दाम में स्टॉक खरीदो और फिर मुनाफे में बेच दो. लेकिन जहां शेयर ट्रेडिंग में रिस्क है, वहीं Sneaker Trading मुनाफे का सौदा है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह स्नीकर्स की भयंकर लोकप्रियता है. वैसे ये भी एक किस्म के जूते हैं, मगर स्टाइल वाले. परिभाषा के हिसाब से कहें तो इनका सोल रबर का बना होता है.

बाकी किस्म के जूतों के पहने जाने का एक ढंग है या जगह है, लेकिन स्नीकर्स ऑलराउंडर हैं. मतलब जैसे ब्लैक फीते वाले जूते आमतौर पर फॉर्मल कपड़ों के साथ जाते हैं या स्पोर्टी लुक वाले जींस या कैजुअल कपड़ों के साथ. मगर स्नीकर्स जितने जींस-टीशर्ट के साथ जैल होते हैं, उतने ही फॉर्मल सूट के साथ इनको पहना जा सकता है. आम जूतों से इतर इनका कोई जेंडर भी नहीं. जो एक बहुत बड़ा प्लस पॉइंट हैं.

what is Sneaker Trading: new age business model featured in shark tank
रणविजय का स्नीकर्स कलेक्शन (तस्वीर: लाइफ स्टाइल एशिया)

आरामदायक बनावट, हजारों डिजाइन पैटर्न और हर बजट में उपलब्धता भी इनके लोकप्रिय होने का बड़ा कारण हैं. क्या आम और क्या खास, सबकी पसंद. रैपर बादशाह से लेकर रोडीज वाले रणविजय इनके पीछे पागल हैं. हमारे GITN में मेहमान बने अनुभव सिंह बस्सी ने भी इनके लिए अपना प्रेम समझाया था. हमारे ऑफिस के न्यू जॉइनर्स से लेकर एडिटर सौरभ तक इस पर बतियाते मिल जाते हैं. बास्केटबॉल के सर्वकालिक महान खिलाड़ी माइकल जॉर्डन ‘एयर जॉर्डन’ नाम से इसका एक मॉडल पहनते थे. इसके ऊपर एयर नाम से फिल्म भी बनी है. हमारे साथी सोम ने इसका रिव्यू किया है. आप लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं. 

स्नीकर्स पसंद करने वालों के अपने लिए एक नाम भी रखा गया है Sneaker Head. बोले तो जिसके पास इनका बड़ा कलेक्शन होता है. स्नीकर्स ज्ञान कभी खत्म नहीं होगा, इसलिए अब जूते के फीते टाइट बांध लीजिए क्योंकि अब जरा ट्रेडिंग समझ लेते हैं.

स्नीकर्स तो दुनिया जहान की कई कंपनियां बनाती हैं. मगर कुछ ब्रांड के प्रोडक्ट का बेसब्री से इंतजार होता है. ऐसे ही किसी ब्रांड के स्पेशल स्नीकर्स जब मार्केट में आते हैं या वेबसाइट पर लिस्ट होते हैं तो उनका स्टॉक पलक झपकते ही खत्म हो जाता है.

इसके बाद होता है खेला. इंस्टा से लेकर सोशल मीडिया पर वो मॉडल छाया रहता है. हर किसी को वही चाहिए. तब फिर पुराना माल बिकता है कई गुना दाम पर. पुराना नहीं कहें तो भी चलेगा, क्योंकि कई लोग एकदम नया पेयर ही खरीद कर रख लेते हैं.

ट्रेडिंग के लिए बाकायदा ऐप्स बने हैं तो सोशल मीडिया पर कम्यूनिटी भी. बड़े-बड़े शोरूम खुले हैं इसके. Gen Z का नया बिजनेस मॉडल. जो आपको लगे कि कितना ही बड़ा होगा. Upstox के मुताबिक 2003 में महज 60 डॉलर में लॉन्च हुआ एक पेयर 2023 में 89000 डॉलर में बिका था. 21 साल पहले एक डॉलर की कीमत करीब 47 रुपये थी. यानी तब 60 डॉलर करीब 2800 रुपये के बराबर थे. वहीं 2023 में एक अमेरिकी डॉलर की कीमत करीब 82 रुपये थी. रुपये में बताएं तो 71 लाख 20 हजार.

तो अपन चले किसी Sneaker Head से दोस्ती करने!

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