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ये Geekbench क्या बला है जिसके आगे Samsung और Xiaomi ने कान पकड़ लिए?

गीकबेंच स्कोर स्मार्टफोन से जुड़ा एक अहम मानक है.

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Geekbench Score में गड़बड़ी के आरोप पहले भी कंपनियों पर लगते रहे हैं. (image:geekbench&makememe)
आप स्मार्टफोन खरीदने से पहले तमाम चीजें देखते होंगे. कैमरे से लेकर बैटरी तक और प्रोसेसर से लेकर कीमत तक. कई बार इसके लिए स्मार्टफोन रिव्यू पढ़ने या देखने का सहारा लिया होगा. इस दौरान आपने Geekbench का नाम पढ़ा या सुना जरूर होगा. टेक की दुनिया से जुड़े तमाम YouTube चैनल तो इसके स्कोर के बारे में बात करते ही हैं, स्मार्टफोन मेकर्स भी Geekbench score बताने से चूकते नहीं हैं. वैसे गीकबेंच स्कोर स्मार्टफोन से जुड़ा एक अहम मानक है, लेकिन कुछ दिनों से दूसरी वजह से ही चर्चा में है. अब इस वजह का कारण हैं स्मार्टफोन मार्केट के दो दिग्गज- Samsung और Xiaomi.
कुछ दिन पहले सैमसंग के वाइस चेयरमैन और CEO जोंग ही हैंग
ने Galaxy S22 सीरीज में इस्तेमाल किए जाने वाले GOS ऐप की वजह से Geekbench स्कोर प्रभावित होने वाले विवाद पर माफी मांगी थी. अब चीनी स्मार्टफोन कंपनी Xiaomi के Mi 11 सीरीज के बेंचमार्किंग स्कोर प्रभावित होने की खबर सामने आई है.
Geekbench के डेवलपर जॉन पूल (John Poole) ने ट्वीट के माध्यम से Xiaomi Mi 11 स्मार्टफोन मॉडल की परफॉर्मेंस के बारे में जानकारी दी है. ट्वीट में जॉन ने बताया कि शाओमी मी 11 स्मार्टफोन में गीकबेंच टेस्ट रन करने पर सिंगल कोर स्कोर 30 प्रतिशत और मल्टी कोर स्कोर 15 प्रतिशत तक कम है.
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geekbench(image:geekbench.com)
Geekbench कैसे काम करता है? स्मार्टफोन के प्रोसेसर के बारे में बात करते समय आजकल एक शब्द सामने आता है-ऑक्टा कोर प्रोसेसर. नाम से लगेगा कि आठ प्रोसेसर लगे होते हैं. दरअसल ऐसा नहीं है. प्रोसेसर तो एक ही है लेकिन आठ भागों में बटा हुआ है. जैसे ऑक्टोपस के 8 आर्म्स/लेग और एक सिर होता है. वैसे ही कोर को प्रोसेसर के हाथ समझ सकते हैं. अब एक वक़्त पर एक कोर अपनी क्षमता के हिसाब से ही काम कर सकता है. तो ज्यादा काम करने के लिए चाहिए ज्यादा कोर. गीकबेंच स्मार्टफोन के इन्हीं सिंगल और मल्टी-कोर के परफॉर्मेंस को नापता है.
Geekbench Score
geekbench score (image: geekbench.com)
क्या हम Geekbench स्कोर चेक कर सकते हैं? हां, बिल्कुल और यही बात इस सॉफ्टवेयर के पक्ष में जाती है. गीकबेंच ऐप google play और app store पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है. इस टेस्ट को रन करने के लिए आपके एंड्रॉयड
स्मार्टफोन का वर्जन 7.0 या उससे ऊपर का होना चाहिए. आईफोन
यूजर्स के लिए iOS 12 से ऊपर का वर्जन चाहिए होगा. Geekbench की वेबसाइट पर जाकर भी ये टेस्ट रन किया जा सकता है. जैसा हमने पहले कहा, सभी स्मार्टफोन मेकर्स भी छाती चीर कर इसका जिक्र करना नहीं भूलते तो आप ऑनलाइन भी अपने स्मार्टफोन का स्कोर देख सकते हैं. Geekbench स्कोर होना कितना चाहिए? Geekbench की वेबसाइट के मुताबिक, स्कोर का बेसलाइन 1000 है जो intel core i3-8100 प्रोसेसर का होता है. अब इसके ऊपर जितना ज्यादा उतना बढ़िया. सोचिए स्कोर डबल है तो आपका स्मार्टफोन 'अमरेन्द्र बाहुबली' है. हमने अपने iPhone पर टेस्ट रन करके देखा तो सिंगल कोर स्कोर 1322 और मल्टी कोर स्कोर 2854 आया. बताते चलें कि हमारे फोन में iOS 15.4 (एकदम अपडेटेड) है. Geekbench की वेबसाइट की मानें तो टेस्ट में Google Pixel 6 का सिंगल कोर स्कोर 1000 और मल्टी कोर 2740 रहा. आप भी यहां जाकर स्कोर चेक कर सकते हैं. जरूरी नहीं है कि स्कोर हमेशा एक सा आए. ये ऊपर नीचे भी हो सकता है जो डिपेंड करेगा कि आपका फोन कैसी स्थिति में है.
Geekbench Score On Our Iphone
geekbench score iPhone
कंपनी के लिए इस टेस्ट के क्या मायने हैं? अपना माल बेचने के लिए कंपनियां जो कुछ कर सकती हैं उसमें ऐसे टेस्ट भी सेलिंग पॉइंट होते हैं. अब जाहिर सी बात है कि Geekbench पर स्मार्टफोन का स्कोर अच्छा है तो वो ग्राहक के सामने प्रभाव भी बढ़िया होगा. वैसे Geekbench के अलावा AnTuTu भी ऐसे टेस्ट रन करता है और उसका जिक्र भी खूब होता है. GFXBench (गेमिंग के लिए), Vellamo और 3DMark भी मार्केट में चलन में हैं. कई बार फ़ोन बनाने वाली कंपनियां और चिप बनाने वाली कंपनियां बेंचमार्क स्कोर के साथ चीटिंग करते हुए भी पकड़ी गई हैं. ऐसे में इन पर आंख मूंद कर भरोसा करना कहां तक सही है वो आपको खुद तय करना होगा.
बस ये याद रखिएगा. अगली बार जब भी गीकबेंच का नाम आए और आपका कोई साथी घबरा जाए तो उसे हमारा ये आर्टिकल जरूर पढ़ने कहिएगा.