WhatsApp अपने प्लेटफॉर्म पर नए-नए फीचर्स लगातार जोड़ता रहता है. साल 2023 स्टार्ट हुआ नहीं कि फीचर जुड़ना स्टार्ट भी हो गए. लेकिन वॉट्सऐप फीचर जोड़कर धमाका करेगा, ऐसी उम्मीद शायद किसी को नहीं थी. मेटा के मालिकाना हक वाले वॉट्सऐप ने Proxy Support क्या अनाउंस किया, दुनिया-जहान में इस पर बात होने लगी. हमने भी इसके बारे में बताया. लेकिन अब सवाल है कि आखिर ये प्रॉक्सी सर्वर है क्या? क्या है ये तरीका, जिससे बिना इंटरनेट के भी ऑनलाइन रहा जा सकता है? VPN से इसका कोई लेना-देना है क्या? चलिए समझते हैं.
क्या है ये प्रॉक्सी सर्वर, जिससे बिना इंटरनेट के WhatsApp चल रहा है?
ये सर्वर फ्री में मिलता है.

प्रॉक्सी, मतलब छद्म या प्रतिनिधि. किसी दूसरे की जगह. जैसे आपने अपने स्कूल या कॉलेज के दिनों में अपने दोस्तों के लिए जो अटेंडेंस लगाई होगी या अपनी लगवाई होगी. जैसे आपके दोस्त ने आपके और आपके टीचर के बीच मध्यस्थ का काम किया, वैसे ही इंटरनेट की दुनिया में प्रॉक्सी सर्वर यूजर्स और इंटरनेट के बीच पुल का काम करता है. एक किस्म का राउटर या कहें सिस्टम जो कई सारे कमाल कर सकता है. मसलन, ब्लॉक वेबसाइट ओपन करने के लिए. जैसा वॉट्सऐप के केस में है या फिर आपके पर्सनल नेटवर्क को साइबर क्राइम से बचाने के लिए.

आप इंटरनेट का इस्तेमाल चाहे किसी स्मार्टफोन में करें या फिर कम्प्यूटर पर, आपके डिवाइस का एक पता होता है. तकनीक की जुबान में इसको IP ऐड्रेस कहते हैं. एकदम आपके घर या दुकान के पते के माफिक. ये वो पता है, जिससे जरूरत पड़ने पर आपकी इंटरनेट एक्टिविटी को ट्रैक किया जा सकता है. ‘जरूरत पड़ने पर’, इसका ध्यान रखें.
प्रॉक्सी सर्वर मतलब, आपके डिवाइस और इंटरनेट के बीच का माध्यम. इस माध्यम से ऐसे में जब आप कुछ सर्च करते हैं, तो ये इंटरनेट तक जाने के लिए प्रॉक्सी का रूट (रास्ता) अपनाता है. प्रॉक्सी आपके लिए इंटरनेट पर सर्च करता है और फिर वेब पेज से डेटा को आपको कम्प्यूटर पर ट्रांसफर करता है.
मिलता कहां है?जैसे आप चाहें, मतलब सॉफ्टवेयर की तरह या फिर हार्डवेयर जैसे. सॉफ्टवेयर मतलब, ऐप की मदद से आपको सर्विस मिलेगी. इस केस में प्रॉक्सी को कोई अन्य प्रोवाइडर होस्ट करता है. आप खुद से सारा सेटअप कर सकते हैं. हार्डवेयर मतलब, आपके सिस्टम और इंटरनेट के बीच का राउटर.
प्रॉक्सी का इस्तेमाल करने के लिए आपको साल की या महीने की फीस देना पड़ेगी. वैसे मार्केट में कई सारे मुफ़्त वाले सर्वर भी उपलब्ध हैं, लेकिन उनसे जुड़ना काफी मुश्किल है. हां, आप तकनीकी रूप से सक्षम हैं तो फिर कोई बात नहीं. हालांकि, डेटा को लेकर इनकी विश्वसनीयता पर कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा. इसलिए पेड वर्जन ही ठीक है.

थोड़ा-थोड़ा. क्योंकि बेसिक काम तो तकरीबन एक जैसा ही है. उन वेबसाइट का एक्सेस जो आपके इलाके में ब्लॉक हैं. बस फर्क सिक्योरिटी के स्तर का है. VPN मतलब Vertual Private Network. हैकिंग से सॉलिड सेफ़्टी क्योंकि इसका ट्रैफिक एन्क्रिप्टेड होता है. हालांकि, VPN के लिए आपको पैसा भी ज्यादा खर्च करना पड़ेगा. दूसरा. इसका स्केल किसी संस्थान में ज्यादा सही से इस्तेमाल होता है. प्रॉक्सी आपके काम का तब है, जब आप सिंगल यूजर हों.
WhatsApp ने Proxy सपोर्ट इसी वजह से जोड़ा भी है. ईरान में मेटा की सर्विसेस ब्लॉक हैं, इसलिए वॉट्सऐप ने प्रॉक्सी सर्वर फीचर उपलब्ध कराया है. लोकेशन बदल कर इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए.
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