आज हम जिस डिवाइस की बात करने वाले हैं, उसके बारे में लोगों में दो मत हैं. ज्यादातर कहते हैं बहुत देर से मार्केट में एंट्री की. और कम लोग मानते हैं कि नहीं, एकदम सही वक्त पर दरवाजा खटकाया है. मैं दूसरी तरफ वाला हूं, क्योंकि इस डिवाइस को मैं पिछले एक महीने से अपने डेली ड्राइवर जैसे इस्तेमाल कर रहा. बोले तो जैसे ही मुझे (Vivo X Fold 3 Pro review) मिला, मैंने अपने आईफोन में से सिम निकाली और इसमें खोंस दी. तब से रगड़े पड़ा हूं. रगड़े इसलिए क्योंकि कंपनी ही ऐसा कहती है.
Vivo X Fold 3 Pro रिव्यू: दिन में 100 बार फोल्ड-अनफोल्ड की क्षमता, लेकिन बाकी फीचर्स में कितना दम है?
Vivo X Fold 3 Pro कंपनी का भारतीय मार्केट में पहला फोल्डेबल फोन जो पिछले महीने लॉन्च हुआ. कंपनी ने पहला और दूसरा वर्जन भारतीय मार्केट में नहीं उतारा था. पिछले एक महीने में हमने इस फोन को खूब अनफोल्ड किया. खूब रगड़ा क्योंकि कंपनी खुद ही ऐसा कहती है.
मैं बात कर रहा हूं Vivo X Fold 3 Pro की. कंपनी का भारतीय मार्केट में पहला फोल्डेबल फोन जो पिछले महीने लॉन्च हुआ. कंपनी ने पहला और दूसरा वर्जन भारतीय मार्केट में नहीं उतारा था. पिछले एक महीने में हमने इस फोन को खूब अनफोल्ड किया. क्या मिला, बताते हैं.
दो फोन की जगह एक फोनVivo X Fold 3 Pro में वो करना तकरीबन मुमकिन हो गया है जो अभी दूसरी कंपनियों को करना है. अभी तक जितने फोल्ड फोन मैंने इस्तेमाल किए, लगता था जैसे दो फोन कब्जे से चिपका दिए हों. बीच में क्रीज साफ महसूस होती और इस्तेमाल में चावल में मिले कंकड़ जैसी लगती. Fold 3 में ऐसा एकदम नहीं लगता. फोन वजन में मार्केट में उपलब्ध सबसे हल्का फोल्ड है. इसलिए इसको पकड़ना आसान है. जहां नॉर्मल स्मार्टफोन कई बार हाथ से गिर जाते हैं, वहीं इसके फोल्ड होने की वजह से ये हथेलियों में चिपका रहता है.
Vivo X Fold 3 Pro में अनफोल्ड होने पर फोन में 8.03 इंच डिस्प्ले, तो वहीं फोल्ड होने पर 6.53 इंच की स्क्रीन मिलती है. इसके साथ कोने में एक साइलेंट बटन भी मिलता है जो इतने बड़े फोन में बहुत काम आता है.
ज्यादा काम करवाने वाला फोनइसे मल्टीटास्किंग कहते हैं, जो Vivo X Fold 3 Pro में कुछ ज्यादा ही होती है और मजे से होती है. एक तरफ इंस्टा पर रील शर्र-शर्र करो और दूसरी तरफ Lallantop ऐप पर खबरें पढ़ते रहो. सब आराम से हो जाता है. लैपटॉप जैसी फीलिंग के लिए नीचु की तरफ हाल ही में इस्तेमाल हुए ऐप्स भी फड़फड़ाते रहते हैं. 8.03 इंच का डिस्प्ले है तो ओटीटी पर फिल्में एंजॉय कीजिए या फिर हमारे यूट्यूब चैनल पर GITN में सौरभ के साथ मेहमान की इत्मिनान भरी बातें.
वैसे यहां एक दुख है. Vivo X Fold 3 Pro के स्पीकर थोड़े कमजोर लगे मुझे. ऐसा फोन पर कॉल करने के दौरान भी महसूस हुआ. फोन की बात चली तो जान लीजिए कि नेटवर्क रिसेप्शन अच्छा है. घर के कोने में भी बात करने में दिक्कत नहीं होती. कॉन्टेन्ट देखते समय सब शानदार-जबरदस्त-जिन्दाबाद लगता है, लेकिन कई बार ऐप्स के साथ ऐसा नहीं होता. मगर ये समय के साथ ठीक होगा क्योंकि धीरे-धीरे सारे डेवलपर्स ऐप्स को फोल्ड के हिसाब से डिजाइन कर ही देंगे.
अब Vivo है तो कैमरा डिपार्टमेंट की बात करे बिना कैसे चलेगा. फोन में Zeiss की कैमरा असेंबली लगी हुई है. नॉर्मल कैमरे से फ़ोटो अच्छे आते हैं. एकदम सजीव लगते हैं. Dynamic range एकदम बैलेंस रहती है तो फ़ोटो में shadow clipping का भी झंझट नहीं.
दिन की रोशनी में कलर कंपोजिशन बहुत सही लगती है. रही बात नाइट फोटोग्राफी की तो वहां तो पहले से कंपनी की मास्टरी है. हालांकि फोटोग्राफी के लिए कंपनी के इमेज प्रोसेसिंग की भी दाद देनी होगी. उदाहरण के लिए, अगर सनलाइट बहुत तेज है तो फोन का प्रोसेसर अपने आप ही उसको डाउन कर देता है. नतीजतन, फ़ोटो नेचुरल लगते हैं. वीवो का ये फोल्डेबल फोन 4K सिनेमैटिक पोर्ट्रेट वीडियो भी रिकॉर्ड कर सकता है, तो वहां भी कोई दिक्कत नहीं.
वीवो फोन अपने पोर्ट्रेट शॉट्स के लिए जाना जाता है और यहां कंपनी इसमें एकदम कामयाब रही है. बैकग्राउन्ड ब्लर और dge detection ऑन पॉइंट. इंसान के बालों से लेकर, कपड़ों का कलर और चेहरे की ई स्किन टोन बराबर से कैप्चर होती है. Vivo X Fold 3 Pro का पोर्ट्रेट कैमरा आपको बार-बार क्लिक करने के लिए मजबूर करता है. सेल्फ़ी की बात मैंने नहीं करनी क्योंकि ब्यूटी मोड बंद होने के बाद भी स्किन टोन के साथ जो प्रोसेसिंग होती है, वो मुझे समझ नहीं आती.
Vivo X Fold 3 Pro का क्या करना है?आपको लगेगा कि सीधे मुद्दे पर आ गए. फोन के स्पेसिफिकेशन तो बता दो. अरे भइयो ये कंपनी की फ्लैगशिप डिवाइस है. सब मिलेगा इसमें. मसलन, क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 8 जेनरेशन 3 प्रोसेसर और IPX8 रेटिंग. 5700 एमएएच की बैटरी और जो 100 वॉट वायर्ड और 50 वॉट वायरलेस चार्ज सपोर्ट करती है. 120 वॉट का चार्जर बॉक्स में ही आता है जो फोन के साथ लैपटॉप भी चार्ज करता है. बैक कवर और स्क्रीन प्रोटेक्शन भी साथ में. हालांकि स्क्रीन प्रोटेक्टर निकालने पर वारंटी रहेगी या नहीं, ये अभी तक साफ नहीं है.
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बात करें इस फोन का करना क्या है. जो आप एक फ़ोन लेना चाहते हैं तो 16 जीबी रैम और 512 जीबी स्टोरेज वैरिएंट वाले Vivo X Fold 3 Pro की 1 लाख 59,999 रुपये की कीमत आपको ज्यादा लग सकती है. मगर जो आप स्मार्टफोन के बदलते स्वरूप का मजा लेना चाहते हैं, तकनीक के नए कॉन्सेप्ट पर हाथ फरारे करना चाहते हैं, भीड़ में अलग दिखना चाहते हैं, तो फिर पैसा वैसे ही पीछे रह जाता है. बोले तो डिसपॉइन्ट् नहीं करेगा Vivo X Fold 3 Pro (मिर्जापुर इफेक्ट).
जो आपको लग रहा हो कि हमने अपनी बात कुछ जल्दी समेट दी, तो आप सही पकड़े. दरअसल हमने वीवो की एक बात पकड़ ली. कंपनी का दावा है कि 12 सालों तक अगर कोई व्यक्ति हर दिन भी इस फोन को 100 फोल्ड-अनफोल्ड करेगा तो भी इस फोन का कुछ नहीं बिगड़ेगा.
हमने भी ठान लिया. 12 साल ना सही 12 महीना तो फोल्ड-अनफोल्ड खेलेंगे. फिर हाजिर होंगे डिटेल्स के साथ.
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