UPI अब हमारे देश में लाइफ स्टाइल का हिस्सा है. बिना इसके काम करना बेहद मुश्किल है. क्या शहर, क्या कस्बा और क्या गांव. अब जो आपने पेमेंट करने के लिए अगर नगदी पकड़ा दी तो मुमकिन है सामने वाला आंखे तरेर लेगा. मगर लगता है जैसे फीचर पैक्ड इस प्रोडक्ट से एक जरूरी फीचर बाहर खींचा (pull payment) जा सकता है. UPI का प्रबंधन देखने वाली संस्था National Payments Corporation of India (NPCI) ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है. NPCI यूपीआई से 'पुल ट्रांजैक्शन' खत्म करने पर विचार कर रहा है.
UPI से एक तगड़े फीचर को हटाने की तैयारी, क्योंकि फ्रॉड होने लगे थे
UPI में एक बढ़िया फीचर होता है 'Collect Payments' या 'पुल ट्रांजैक्शन' (pull payment) जिसका उपयोग ऐप्स से लेकर व्यापारी तक करते हैं. इस फीचर की मदद से व्यापारी अपने ग्राहकों से पैसा ले पाते हैं. मगर अब शायद ऐसा नहीं हो पाएगा.

दरअसल UPI में एक बढ़िया फीचर होता है 'Collect Payments' या 'पुल ट्रांजैक्शन' जिसका उपयोग ऐप्स से लेकर व्यापारी तक करते हैं. इस फीचर की मदद से व्यापारी अपने ग्राहकों से पैसा ले पाते हैं. मगर अब शायद ऐसा नहीं हो पाएगा.
पुल होगा बंद और ‘पुश’ को लगेगा धक्काबड़ा अंग्रेजीदा सा शब्द हो गया है. इसे आसान भाषा में समझते हैं. इस फीचर के तहत पैसे पाने वाला व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से पैसे भेजने की रिक्वेस्ट कर सकता है. उसके बाद पैसे भेजने वाला यूपीआई ऐप से उस ट्रांजैक्शन को अप्रूव कर देता है. उदाहरण के लिए जब आप ऑनलाइन कोई सामान मंगवाते हैं और यूपीआई पेमेंट करते हैं, तो वह पेमेंट 'कलेक्ट पेमेंट्स' फीचर के तहत होता है. आपको अपने यूपीआई ऐप पर जाकर पेमेंट अप्रूव करना होता है.

पूरी प्रोसेस औटोमेटिक है. मतलब जैसे आपने किसी ई-कॉमर्स पोर्टल पर पेमेंट करने के UPI ऑप्शन चुना और फिर अपने पसंद के पेमेंट ऐप पर टैप किया तो फिर आप उस ऐप पर पहुंच जाते हैं. इसके बाद पिन डालते ही लेनदेन पूरा हो जाता है. आप और हम इसका कुछ खास इस्तेमाल नहीं करते मगर बिजनेस में इसका ही इस्तेमाल होता है. NPCI अब इसे बंद करने पर विचार कर रहा है. इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक अभी इसको लेकर एनपीसीआई और बैंकों के बीच प्रारंभिक स्तर की बातचीत चल रही है. मगर इस फीचर को बंद करने की जरूरत क्यों आन पड़ी.
क्योंकि आज की तारीख में अधिकांश डिजिटल फ्रॉड पुल ट्रांजैक्शन के जरिये हो रहे हैं. आपके UPI ऐप में एक पॉप-अप आता है और आप पिन डालते हैं. बस फिर खेला हो जाता है. कुछ महीनों पहले तमिलनाडु पुलिस ने ऐसे साइबर फ्रॉड को लेकर आगाह भी किया था. NPCI इसको बंद करके QR कोड और पुश पेमेंट को बढ़ाना चाहता है.
QR कोड से पेमेंट एक सेफ तकनीक मानी जाती है. अभी भी इस तरीके से कई ऐप्स और वेबसाइट पर पेमेंट होता है. उदाहरण के लिए आईआरसीटीसी पर पेमेंट करते समय UPI ID डालने की जगह स्क्रीन पर उतने पेमेंट का QR कोड स्कैन करने का फीचर होता है. दूसरा है पुश मतलब नॉर्मल तरीका. फोन में ऐप ओपन करो और मोबाइल नंबर पर UPI ID पर पैसा भेज दो.
वैसे इस फीचर को पूरी तरीके से बंद नहीं किया जायगा. यह सुविधा सिर्फ कुछ बड़े व्यापारियों और वेरिफाइड व्यापारियों को ही दी जाएगी.
वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: क़ुरान, क़लमा, औरंगजेब! नागपुर हिंसा के पीछे की पूरी कहानी क्या है?