आजकल तकनीक की दुनिया में अगर कहीं पर कुछ शानदार-जबरदस्त-जिन्दाबाद हो रहा है तो वो है बैटरी. बैटरी की क्षमता लगातार बढ़ रही है. स्मार्टफोन में ये 7500 mAh तक पहुंच गई है. परंपरागत Li-ion बैटरी की जगह Silicon-Carbon Battery का इस्तेमाल होने लगा है. नए तरह की बैटरी जिसमें परंपरागत लिथियम आयन की जगह सिलिकॉन और कार्बन का इस्तेमाल किया गया है. चार्जिंग में भी सुपर चार्ज वाला मामला सेट होता दिख रहा है. BYD पांच मिनट में इलेक्ट्रिक कार को फुल चार्ज करने की बात कह रही है. लेकिन लगता है जैसे अब सालों नहीं बल्कि दशकों की टेंशन दूर होने का टेम आ गया है.
सिक्के के आकार की बैटरी जो 50 साल चलेगी, मगर उसमें भी एक पेच है
चायनीज बैटरी कंपनी Betavolt ने हाल ही में एक सिक्के के आकार की न्यूक्लियर बैटरी पेश की है, जिसका नाम BV100 है. इस बैटरी के बारे में दावा है कि बार चार्ज होने पर 50 सालों तक चल सकती है. अब ये बैटरी अगर कंपनी के दावे से आधी क्या उसकी आधी भी चल गई तो मौजा ही मौजा.

दरअसल चायनीज बैटरी कंपनी Betavolt ने हाल ही में एक सिक्के के आकार की न्यूक्लियर बैटरी पेश की है, जिसका नाम BV100 है. इस बैटरी के बारे में दावा है कि बार चार्ज होने पर 50 वर्षों तक चल सकती है. दावे से आधी क्या उसकी आधी भी चल गई तो मौजा ही मौजा.
Nickel-63 बेस्ड बैटरीBetavolt की बनाई हुई इस बैटरी का साइज सिक्के के आकार का है. कंपनी ने इसका प्रोडक्शन भी स्टार्ट कर दिया है. Popular Mechanics के मुताबिक ये बैटरी रेडियोधर्मी तत्व Nickel-63 से संचालित होती है. बैटरी में दो मुख्य हिस्से Radioactive Emitter, Semiconductor Absorber होते हैं. रेडियोएक्टिव एमीटर धीरे-धीरे क्षय होकर उच्च गति से इलेक्ट्रॉनों को छोड़ता है, जो सेमीकंडक्टर एब्जॉर्बर से टकराते हैं. इससे “इलेक्ट्रॉन-होल” पेयर बनता है, जो एक स्थिर और छोटे स्तर की विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करता है। कंपनी ने हानिकारक बीटा कणों से बचाव के लिए पतली एल्युमिनियम शीट का इस्तेमाल किया है.

इतना सब पढ़कर लग रहा होगा कि जरूर कुछ भारी भरकम बनने वाला होगा तो जनाब अभी तो ऐसा नहीं है. ये एक छोटी बैटरी है जिसका इस्तेमाल स्मार्टफोन और कैमरा जैसे प्रोडक्ट में फिलहाल तो नहीं हो पाएगा. BV100 बैटरी की बिजली उत्पादन क्षमता 100 माइक्रोवॉट है और यह 3 वोल्ट पर कार्य करती है. इसलिए इसका इस्तेमाल मेडिकल उपकरणों, अंतरिक्ष यानों, गहरे समुद्र में तैनात सेंसरों, पेसमेकर और प्लैनेटरी रोवर्स जैसे लो-पावर डिवाइसेज में ही किया जा सकता है.
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BV100 बैटरी की एक और खूबी है. ये -60 से +120 डिग्री सेल्सियस तक के अत्यधिक तापमान को झेल सकती है . माने चाहे थार का रेगिस्तान हो या लद्दाख की ठंड. कोई दिक्कत नहीं आने वाली. Betavolt का दावा है कि यह बैटरी पर्यावरण के अनुकूल है, क्योंकि इसका रेडियोधर्मी तत्व Nickel-63 आखिर में Copper में बदल जाता है, जिसे रीसायकल करना आसान और सस्ता है.
चलिए जो भी है जितना भी है. अच्छा ही है. क्या पता इसी तकनीक का इस्तेमाल करके बड़ी साइज की बैटरी भी बन जाए.
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