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सर्विस सेंटर में जल गई कार, ना बदले में कार मिली-ना बीमे की रकम, ऊपर से EMI कट रही वो अलग

Tata Nexon EV में सर्विस सेंटर पर आग लग (EV Burns To Ashes At Service Centre) जाती है. बेहद कम कीमत पर नई कार देने का मौखिक वादा किया जाता है. आठ महीने हो जाते हैं मगर कुछ नहीं होता. उधर जली हुई कार पर बीमा कंपनी पूरा पैसा देने से मना कर देती है. इतने बीच ईएमआई, वो तो कट रही.

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EV में सर्विस सेंटर में ही आग लग है (तस्वीर साभार: Baiju N Nair)

EMI पर खरीदी हुई कार का सबसे बड़ा दुख क्या होता है. ईएमआई कटने का. हां मतलब पूरे महीने भले कार चलाकर मौज ली हो मगर जिस दिन ईएमआई कटने का मैसेज आता है तो थोड़ा दुख तो होता है. खैर सह लेंगे क्योंकि सामने कार जो नजर आ जाती है. मगर सोचकर देखिए कि आप आठ महीने से ईएमआई तो भर रहे मगर कार नहीं चला पा रहे. आप कहोगे कि भईया कोई बड़ा रिपेयर होगा या बड़ा एक्सीडेंट हुआ होगा,  नहीं जनाब यहां मामला थोड़ा अलग है. कार में आग (EV Burns To Ashes At Service Centre) लगी वो भी सर्विस सेंटर पर.

सर्विस सेंटर ने कहा चिंता मत करो. हम आपको नई कार देंगे. आठ महीने निकल गए मगर ऐसा हुआ नहीं. दुख और बढ़ गया जब बीमा करने वाली कंपनी ने भी क्लेम देने से मना कर दिया. ईएमआई, वो तो कट रही.

Tata Nexon EV-आग-ईएमआई

तेज बारिश की एक रात मैं अपने घर लौट रहा था. सड़क पर काम चल रहा था मगर कोई सावधान रहें वाला बोर्ड नहीं लगा था. पानी से भरे एक गड्ढे में मेरी EV गिरी. हालांकि कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई मगर कार स्टार्ट नहीं हुई. कार को कंपनी के आधिकारिक सर्विस सेंटर पर छोड़ दिया जहां उसमें खड़े-खड़े आग लग गई. 

ये Tata Nexon EV के मालिक की आपबीती है जो उन्होंने Baiju N Nair यूट्यूब चैनल पर 22 मिनट लंबे वीडियो में बताई है. उन्होंने रेडिट जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी अपना दर्द बयां किया है.

उनके मुताबिक सर्विस सेंटर पर उनको बताया गया कि कार में आग बैटरी में डैमेज की वजह से लगी है. सर्विस टीम ने मौखिक तौर पर उनको बहुत ही कम पैसे में नई Tata Harrier देने की बात भी कही. पहले दो महीने तक तो सब ठीक रहा मगर अब आठ महीने हो चले हैं. नई तो क्या पुरानी जली हुई कार का भी कुछ नहीं हो रहा.

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कार मालिक ने थक-हार कर बीमा क्लेम लेने के लिए जब पॉलिसी देने वाली कंपनी से संपर्क साधा तो एक और झटका लगा. बकौल मालिक, United India Insurance ने कार की IDV (Insured Declared Value) देने से मना कर दिया है. सिर्फ बैटरी की कीमत अदा करने की बात कही है.  IDV मतलब जब बीमा होता है तो दोनों पार्टियों की सहमति से कार की एक कीमत तय होती है. इसी के आसपास क्लेम सेटल होते हैं. मसलन कीमत 100 रुपये मानी गई तो दुर्घटना होने पर 80-90 रुपये क्लेम मिलता है.

क्योंकि इस केस में कार सर्विस सेंटर पर डैमेज हुई है तो कायदे से उसे से क्लेम प्रोसेस करना चाहिए मगर वो कोई सपोर्ट नहीं कर रहा है. कई यूजर्स ने मालिक को पुलिस केस करने की सलाह दी है. करीब 12 लाख सब्सक्राइबर वाले Baiju N Nair पर वीडियो आने के बाद एनडीटीवी और Rushlane जैसी वेबसाइट्स ने भी इस घटना को रिपोर्ट किया है.

हालांकि इस मुद्दे पर टाटा या सर्विस सेंटर की तरफ से कोई बयान खबर लिखे जाने तक नहीं आया है. 

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