उम्र सिर्फ 23 साल, लेकिन काम इतना कमाल कि शार्क टैंक इंडिया सीजन 2 (Shark Tank India Season 2) के जज दिल खोल कर तारीफ करते ना थके. यंगिस्तान, यंग इंडिया, युवा शक्ति जैसे शब्दों का सही उदाहरण लेकर आए तीन लड़के. गूगल मैप्स की मदद से ऐसा ऐप बनाया जो पेट्रोल पंपों पर हमारी बड़ी दिक्कत दूर करेगा. समय और पैसा दोनों बचाएगा. इतना ही नहीं, पंप मालिकों के भी खूब काम आएगा. कैसे होगा ये सब वो हम आपको बताते हैं.
शार्ट टैंक में आया अनोखा ऐप आपको पेट्रोल पंप की लाइन में लगने से बचा लेगा
शार्क टैंक में आए तीन लड़कों ने खींचा सारे जजों का ध्यान.

सुबह पहले ही ऑफिस जाने के लिए देरी हो चुकी है और गाड़ी का तेल भी खत्म है. जैसे-तैसे पेट्रोल पंप पहुंचे, लेकिन पता चला कि वहां लंबी लाइन लगी हुई है. ऐसा हम सभी के साथ होता है. कितना अच्छा होता कि हमें पहले से पता होता की फलां पंप पर भीड़ है या नहीं. हमारी और आपकी इसी दिक्कत का माकूल इलाज है 'Nawgati'. गूगल मैप्स (Google Maps) की API (Application Programming Interface) पर बेस्ड ऐप जो पेट्रोल पंपों की कई सारी जानकारी उपलब्ध कराता है. ऐप बनाया है आर्यन सिसोदिया (Aryan Sisodia), वैभव कौशिक (Vaibhav Kaushik) और आलाप नायर (Aalaap Nair) ने.
'नवगती फ्यूल ऐप' यूजर्स को उनके नजदीक के फ्यूल स्टेशन से जुड़ी कई काम की जानकारी उपलब्ध कराता है. जैसे वहां कौन से प्रोडक्टस उपलब्ध हैं, मसलन डीजल, पेट्रोल और CNG. वहां तक पहुंचने में कितना टाइम लगेगा और कितना इंतजार करना पड़ेगा. ऐप पर देश भर के सभी CNG स्टेशन की लाइव फ़ीड उपलब्ध है तो 80 हजार से ज्यादा फ्यूल स्टेशन के डेटा पर भी काम चल रहा है. जाहिर सी बात है ये छोटी सी लेकिन जरूरी इनफॉर्मेशन थोड़ी बचत तो करा ही सकती है. ये तो हुआ जनता का सरोकार, लेकिन 'Nawgati' पेट्रोल पंप मालिकों के लिए भी सर्विस मुहैया कराता है.
‘आवेग डैशबोर्ड’ रखेगा पंप का खयाल'Nawgati' का एक और प्रोडक्ट है Aaveg Dashboard. सब्सक्रिप्शन मॉडल पर आधारित ये डैशबोर्ड फ्यूल स्टेशन से जुड़ी कई सारी जानकारी रियल टाइम में दे सकता है. जैसे अभी कितनी गाड़ियां हैं. कौन सा फ्यूल कितना इस्तेमाल हुआ. कार में भरा गया या ऑटो रिक्शा में. इसके साथ सेफ़्टी से जुड़े फीचर्स भी इसमें शामिल हैं.

'Nawgati' इंडियन ऑइल (Indian Oil) और ‘Indraprastha Gas’ के साथ काम कर रहा है. ऐप के 6 लाख से ज्यादा डाउनलोड भी हैं. कहने का मतलब ऐप को बाजार में अच्छा रेस्पॉन्स मिला हुआ है. ऐसे में तीनों लड़कों को चाहिए थे 67 लाख रुपये कंपनी की 2 प्रतिशत हिस्सेदारी पर. बात टेक से जुड़ी है तो शार्क पीयूष, अमित और अमन को इसमें दिलचस्पी लेनी ही थी. आवेग डैशबोर्ड पर दिख रही ढेर सारी जानकारी से सारे जज प्रभावित नजर आए. जैसे एक गाड़ी का बोनट खोलने में कितना वक्त जाया होता है. हालांकि यूजर्स से और पेट्रोल पंप मालिकों से सब्सक्रिप्शन के पैसे पर जजों को थोड़ा डाउट लगा. जाहिर है काफी सारी बातचीत हुई. लेकिन आखिर में अमन और अमित ने 3 प्रतिशत हिस्सेदारी 67 लाख रुपये में खरीद ही ली. अमन तो इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपना डायलॉग ही बदल डाला.
अब वो 'आग लगा देंगे' की जगह 'आग बचा लेंगे' बोलेंगे.
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