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A2 motivation वाले अरविंद अरोड़ा शार्क टैंक में पहुंचे, जजों ने ये हाल करके वापिस भेजा!

जजों का मूड किस बात पर हुआ खराब?

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शार्क टैंक इंडिया सीजन 2

अगर कोई पहले से सफलता के घोड़े पर सवार हो. मोटा पैसा कमा रहा हो और वो शार्क टैंक इंडिया सीजन 2 (Shark Tank India Season-2) में आए तो क्या होगा. आइडियल कंडीशन तो यही कहती है कि जज उसको हाथों हाथ लेंगे. ब्लैंक चैक लेकर खड़े हो जाएंगे. लेकिन जैसा हम सोचते हैं अगर जज भी ऐसा ही सोचते होते तो फिर हम जज होते. चलिए स्टोरी का मीटर फिट कर दिया अब मुद्दे पर आते हैं. यूट्यूब पर तकरीबन डेढ़ करोड़ सब्सक्राइबर वाले बंदे का पासा एकदम उल्टा पड़ गया. क्यों, वो हम बताते हैं.

YouTube पर सुपरहिट लेकिन शार्क टैंक में फ्लॉप

शार्क टैंक इंडिया सीजन 2, एपिसोड 42. इसमें इंट्री ली अरविंद अरोरा ने. बेंगलुरू के अरविन्द ने Conker के नाम से ऐप बनाया है. ऐप के अभी तक 9 लाख से ज्यादा डाउनलोड हैं. अरविंद के मुताबिक उनका ऐप स्किल बेस्ड कोर्स कराता है. मतलब ऐसे कोर्स जिनको करके आपको जॉब मिल सके. इसके साथ कई और कोर्स भी ऑफर करता है. मसलन रील बनाने में या यूट्यूब पर वीडियो बनाने में मास्टर कैसे हों. ऐप पर सर्विस मुफ़्त नहीं है मतलब आपको जेब ढीली करना पड़ेगी. यहां हम लगाते हैं एक अल्प विराम.

अरविंद का एक और परिचय है. वो A2 Motivation के नाम से एक यूट्यूब चैनल चलाते हैं जिसके तकरीबन 14.5 मिलियन बोले तो डेढ़ करोड़ के आस-पास यूजर्स हैं. उनका दावा है कि वो इस चैनल से महीने के 12-15 लाख रुपये कमाते हैं. कहने का मतलब उनका एक जमा जमाया सेटअप पहले से है. वापस आते हैं शो पर

अरविंद ने अपना आइडिया जजों से शेयर किया और उसके बाद अजीब-सी डिमांड सामने रख दी. एक तरफ जहां शो में हर कोई फंडिंग से जुड़ी प्रॉपर डिमांड लेकर आता है, जैसे कितना चाहिए और कितनी हिस्सेदारी पर. वहीं अरविंद ने कहा उनको तो बस शगुन का एक रुपया ही चाहिए.

अरविंद का ये दांव एकदम उल्टा पड़ गया. उनकी बात खत्म होती उसके पहले पीयूष ने साफ-साफ बोल दिया कि वो बाहर हैं क्योंकि आप बात को घुमा रहे. इतना ही नहीं जब शार्क ने एक बार फिर से पूछा तो अरविंद ने इंवेस्टमेंट के बदले उनकी कंपनी के वास्तविक कीमत की दोगुनी हिस्सेदारी ऑफर कर दी.

जाहिर-सी बात है जजों के ये पसंद नहीं आया. हालांकि उनको एक प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले 40 लाख रुपये चाहिए थे. सिंगल-डबल के ऑफर से जज अमन भी चिढ़े नजर आए. वैसे सारे जजों को ऐप का आइडिया और उसको बनाने का कारण खूब पसंद आया.

शार्क टैंक से क्या मिला

उम्मीद से उलट कुछ भी नहीं. जैसे हमने बताया जज अरविंद की पिच से प्रभावित नहीं लगे जबकि उनका ऐप मुनाफे में है. शार्क अनुपम ने तो उनको दूसरी कंपनियों जैसे बायजु से तुलना करने से साफ मना भी कर दिया. उनको साफ-साफ कहा कि बात को घुमाइए मत. जब एक ऐप के बारे में अनुपम ने जिक्र किया लेकिन उसके बारे में अरविंद को नहीं पता था. लंबी बातचीत से जज इस नतीजे पर पहुंचे कि प्रोडक्ट काम नहीं कर रहा है. शार्क टैंक से उनको सिर्फ शुभकामनाएं ही मिल सकीं.

 

वीडियो: शार्क टैंक में आया अनोखा ऐप आपको पेट्रोल पंप की लाइन में लगने से बचा लेगा