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स्मार्टफोन स्क्रीन पर लगेगी आर-पार दिखाने वाली लकड़ी, वैज्ञानिकों ने कमाल कर दिया है!

भविष्य में पारदर्शी लकड़ी से स्मार्टफोन स्क्रीन पर ग्लास और प्लास्टिक को बदला जा सकेगा. कमाल बात ये है कि इसका पहला प्रोटोटाइप (नमूना) बन भी गया है. तो क्या आने वाले वक्त में स्मार्टफोन स्क्रीन लकड़ी की होगी, जानने की कोशिश करते हैं.

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लकड़ी की स्क्रीन

फोन चाहे कुछ हजार रुपये का हो या लाखों का, एक दर्द और डर हम सभी को होता है. स्क्रीन पर स्क्रैच आने का या फिर उसके टूट जाने का. कितने ही जतन कर लो, जैसे स्क्रीन गार्ड लगाओ या मोटा सा कवर, टूटने और चटकने वाली धुकधुकी कम नहीं होती. लेकिन कल्पना कीजिए कि स्क्रीन कांच की जगह लकड़ी से बनी हो तो. 

हैरानी की वजह से कुछ चटकता सा महसूस हुआ क्या? आपको तो सिर्फ महसूस हुआ, अपना तो दिमाग ही चटक गया, जब हमें पता चला कि ऐसा वाकई में होने वाला है. क्योंकि… 

रिसर्चर ऐसी पारदर्शी लकड़ी बनाने पर काम कर रहे हैं जिसको भविष्य में स्मार्टफोन स्क्रीन पर ग्लास और प्लास्टिक से बदला जा सकेगा. कमाल बात ये है कि इसका पहला प्रोटोटाइप (नमूना) बन भी गया है. तो क्या आने वाले वक्त में स्मार्टफोन स्क्रीन लकड़ी की होगी?

अभी क्या हाल है?

‘गोरिल्ला’ है. ठीक पढ़े आप. अधिकतर स्मार्टफोन में जो स्क्रीन होती है वो गोरिल्ला ग्लास होती है. कंपनी का नाम है Corning Gorilla Glass. जैसे हर साल स्मार्टफोन के लिए नया प्रोसेसर (स्नैपड्रेगन/ मीडियाटेक) आता है, वैसे ही स्क्रीन के लिए भी नया प्रोटेक्शन लॉन्च होता है. हाल फिलहाल के टॉप स्मार्टफोन में Corning Gorilla Victus लगा होता है. मसलन पिक्सल फोन में Victus लगा हुआ है तो सैमसंग गैलक्सी S सीरीज में Victus 2 लगा हुआ है. अब इतना बता दिया तो ये भी जान लीजिए कि ऐप्पल बाबा क्या करते हैं.

‘अपनी डफली अपना राग बजाते हैं’. जैसे आईफोन में चिपसेट ऐप्पल का खुद का. वैसे ही ग्लास भी खुदई का. नाम है ‘Ceramic Shield’. ये शील्ड बनाता कौन है, वो ऐप्पल कभी बताता नहीं. दूसरी तरफ, उसने 2021 में Corning में करीब 374 करोड़ रुपये इन्वेस्ट किए थे.

वैसे हम ये बातें क्यों ही कर रहे. बहुत हुआ ग्लास पर फिसलना. अब लकड़ी पर ध्यान लगाते हैं.

दो बहुत बड़े इंस्टिट्यूट हैं. पहला Royal Institute of Technology (RIT स्वीडन) और University of Maryland (UoM अमेरिका). दोनों के बीच दूरी हजारों किलोमीटर की. RIT के रिसर्चर Lars Berglund पारदर्शी प्लास्टिक का कोई और विकल्प खोज रहे थे तो अमेरिका वाले लकड़ी पर दिमाग लगा रहे थे. दोनों को प्रेरणा मिल रही थी Sie gfried Fink नाम के एक और रिसर्चर के 1992 में प्रकाशित आर्टिकल से. आर्टिकल पारदर्शी लकड़ी को लेकर था.

साल 2023, स्वीडन इंस्टिट्यूट के मटेरियल रिसर्च का सालाना रिव्यू. जहां Lars Berglund के साथ लैब में काम करने वाले रिसर्चर Qiliang Fu और UoM के वैज्ञानिक Liangbing Hu ने बताया कि आखिरकार पारदर्शी लकड़ी बनाने में पहली कामयाबी मिल गई है.

तस्वीर साभार: USDA

अब ये हुआ कैसे उसके पूरे डिटेल तो समय के साथ पता चलेंगे. लेकिन मोटा-माटी ये जान लीजिए कि शोधकर्ताओं ने लकड़ी के अंदर मौजूद एक पदार्थ lignin के साथ खेला किया है. Lignin को एक किस्म की गोंद समझ लीजिए. गोंद जैसा ये पदार्थ लकड़ी में नली की तरह काम करता है और पानी से लेकर पोषक तत्वों के ट्रांसपोर्ट में हेल्प करता है. इसी पदार्थ की वजह से लकड़ी को उसका भूरा रंग भी मिलता है. वैज्ञानिकों ने इसी lignin को ब्लीच किया या हटा दिया और उसके बाद लकड़ी में ‘epoxy resin’ नाम का चिपचिपा पदार्थ भर दिया.

नतीजा पारदर्शी लकड़ी तैयार. इस लकड़ी से 80 से 90 फीसदी लाइट आर-पार हो जाती है. शोधकर्ताओं का दावा है कि ये लकड़ी ग्लास से दस गुना ताकतवर है. इसे स्मार्टफोन से लेकर दूसरे प्रोडक्टस में इस्तेमाल किया जा सकता है. इतना ही नहीं, इसका उपयोग कांच वाली खिड़की बनाने में भी हो सकता है.

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