फोन खोए या चोरी हो. आप सबसे पहले क्या करते हैं. पुलिस के पास जाते हैं. मगर अब एक और नाम याद कर लीजिए- संचार साथी पोर्टल. ये बहुत काम आने वाला है. मोबाइल फोन को ब्लॉक और ट्रैक करने की बात हो या फिर चोरी किए गए मोबाइल फोन के दुरुउपयोग को रोकने की. ये सब करेगा. केवाईसी के साथ होने वाले फर्जीवाड़े पर लगाम कसने के लिए भी यही ठिकाना होगा. दूरसंचार विभाग ने मंगलवार यानी 16 मई 2023 को संचार साथी (Sanchar Saathi) पोर्टल को शुरू किया है. आप कहेंगे ये जानकारी तो ठीक, पर ये काम कैसे आएगा? तो चलिए बताते हैं. इसके कुल तीन माध्यम है, एक-एक करके समझिए.
नकली फोन, मोबाइल चोरी का डर, सरकार का ये नया हथियार सारे काम बना देगा!
मोबाइल चोरी पर पुलिस से ज्यादा ये काम आएगा...
'केंद्रीय उपकरण पहचान रजिस्टर' मतलब फोन खो जाने की कंडीशन में काम आने वाला टूल. हालांकि ये पोर्टल पिछले काफी महीनों से लाइव है, लेकिन इसका दायरा सिर्फ कुछ शहरों तक सीमित था. अब ये देश में हर जगह काम करेगा. यदि आप अपना मोबाइल फोन खो देते हैं, तो आप इस पोर्टल पर जा सकते हैं. बस मोबाइल चोरी होने पर आपको नजदीकी पुलिस स्टेशन पर रपट दर्ज करानी है. उसके बाद बाकी काम ये पोर्टल कर देगा. आपकी कंप्लेन के तुरंत बाद पोर्टल संबंधित एजेंसियों और टेलीकॉम प्रोवाइडर्स के साथ बातचीत करना शुरू कर देगा और खोए हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक करेगा. आप खुद से भी पूरी प्रोसेस को मॉनिटर कर सकते हैं. चूंकि पोर्टल फोन के IMEI पर बेस्ड है तो सिम बदले जाने से भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा. हमने इसका प्रॉसेस डिटेल में बताया है. आप यहां क्लिक करके जान सकते हैं.
आपका स्मार्टफोन नकली हो सकता है? पहले से इस्तेमाल किया हुआ भी हो सकता है और चोर बाजार का माल भी. स्मार्टफोन मार्केट की दिग्गज ऐप्पल के आईफोन और आइपैड के डुप्लिकेट तो कुछ ज्यादा ही बाजार में नजर आते हैं. बाकी कंपनियां भी इससे परेशान हैं. ऐसे में बचने का सबसे सही तरीका कि खरीदने से पहले पता चल जाए. जैसे बैंक में केवाईसी मतलब ‘नो योर कस्टमर’ होता है, बस ऐसा ही कुछ है Know Your Mobile. फोन या टैबलेट नया हो या पुराना, दोनों की पूरी जानकारी आपको यहां मिल जाएगी.
# डिवाइस की डिटेल जानने के लिए आपको इसके IMEI नंबर की जरूरत पड़ेगी
# अगर नया डिवाइस है तो बॉक्स और बिल पर आपको 15 डिजिट का यूनीक नंबर लिखा मिल जाएगा
# अगर डिवाइस पुराना है तो फोन ऐप या डायल पैड में जाकर *#06# प्रेस कीजिए
# IMEI नंबर कॉपी कीजिए
# नंबर डालते ही आपको स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी, ब्रांड, मॉडल और कौन सा डिवाइस है, सब स्क्रीन पर नजर आ जाएगा
# अगर डिवाइस ब्लैक लिस्ट हुई तो भी स्क्रीन पर डिस्प्ले होगा
एएसटीआरसंचार साथी पोर्टल का तीसरा चरण हैं Artificial Intelligence and Facial Recognition जिसका काम फर्जी मोबाइल ग्राहकों की पहचान करना है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड इस तकनीक से केवाईसी करना बहुत आसान हो जाएगा. देश में कहीं भी मोबाइल फोन आपके नाम पर लिया गया होगा तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए उसका पता लगाया जा सकेगा. मोबाइल फोन यूजर्स ये भी देख सकेंगे कि उनके नाम पर कितने मोबाइल कनेक्शन जारी हुए हैं. अगर उनके नाम पर कोई फर्जी कनेक्शन जारी हुए हैं तो वे उसे रिपोर्ट कर सकेंगे.
आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि संचार साथी पोर्टल के जरिए 40 लाख फर्जी मोबाइल कनेक्शन की पहचान करने में मदद मिली है और इनमें से 36 लाख कनेक्शनों को बंद किया जा चुका है. तो है ना काम की चीज. तुरंत मोबाइल पर खोलकर सेव कर लीजिए. धन्यवाद.
वीडियो: सैमसंग और आईफोन किनारे पड़े रहे, बेस्ट स्मार्टफोन का 'अवॉर्ड' इसे मिल गया!