Ghibli स्टाइल इमेज से आपका अभी तक राब्ता हो चुका होगा. सच्ची में वायरल होना किसे कहते हैं, उसकी एक बानगी OpenAI का ये प्रोडक्ट है जो पिछले हफ्ते मार्केट में आया. आया और छाया. क्या आम और क्या खास और क्या खासम-खास. सब ChatGPT का इस्तेमाल करके Ghibli स्टाइल में अपनी फोटू बना रहे. नए-नए तरीके बताए जा रहे इमेज बनाने के. आपने भी ट्राइ मारा होगा. मतलब दोस्त यार मित्र सखा बंधु का प्रीमियम वाला ChatGPT अकाउंट लॉगिन करके जिब्ली-जिब्ली किया होगा. मगर फोटो वैसा नहीं आया होगा जैसा सोशल मीडिया पर दिख रहा. आएगा भी नहीं.
Ghibli वाली फोटो ढंग से नहीं बन रही, कारण जान आप अपने यार दोस्तों को कोसेंगे!
Ghibli स्टाइल इमेज (Ghibli Art Style) ढंग से नहीं बन रहे. बोले तो मजा नहीं आ रहा वाली फीलिंग आ रही. इसके पहले आप ChatGPT को चूना लगा दिया वाला मीम भेजें. ऐसा होने का कारण जान लीजिए.
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अरे इसके पहले आप ChatGPT को चूना लगा दिया वाला मीम भेजें. ऐसा होने का कारण जान लीजिए. खुद बेचारे Sam Altman ने इसके बारे में इशारा भी किया है. साफ-साफ नहीं कहा तो हम भी कुछ नहीं कहते मगर जिब्ली के जिबरिश होने का कारण जानते हैं.
Ghibli गरम हो रहाहालांकि आपको पता होगा मगर फिर भी बता देते हैं कि पिछले हफ्ते ChatGPT की पेरेंट कंपनी Open AI ने इसका एक और अपग्रेड लॉन्च किया. GPT-4o का असल मकसद इमेज प्रोसेसिंग को बेहतर करना है. मॉडल आया और इसकी मदद से बनने वाले Ghibli स्टाइल इमेज दुनिया भर में लोकप्रिय हो गया. ये एक जापानी आर्ट है जिसे 1985 में एनिमेटर हयाओ मियाजाकी ने शुरू किया था. 80 के दशक में यह आर्ट जापान में मशहूर हुई और धीरे-धीरे दुनिया इसकी कायल हो गई.

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मगर असल भौकाल आया पिछले हफ्ते. पूरी दुनिया ही ऐसी फोटो बनाने में लग गई. 2000 रुपये प्रीमियम का लगने के बाद भी लोग तस्वीरें बना रहे थे. इसके बाद OpenAI के सर्वर पर काफी दबाव बढ़ गया है. OpenAI के CEO ने लोगों से गुजारिश की कि थोड़ा स्लो हो जाइये, टीम को भी सोने की जरूरत है. मतलब Open AI के जीपीयू गर्म हो रहे थे.

क्या कहा जीपीयू गरम हो रहे थे. क्या मतलब वो गरम भी होते हैं. इसका मतलब उनको ठंडा भी करना पड़ता होगा. हां जनाब. आप कोई सा भी चैट बॉट इस्तेमाल करते हैं, उसको चलाने के लिए चाहिए होता है GPU. GPU मतलब एक कंप्यूटर चिप, जिसका उपयोग कंप्यूटर से लेकर लैपटॉप, स्मार्टफोन और अन्य डिवाइसेज में पिक्चर, वीडियो, 2D और 3D एनिमेशन को डिस्प्ले करने के लिए किया जाता है. आम भाषा में इसे ग्राफिक्स कार्ड और वीडियो कार्ड भी कहते हैं. इसी चिप की मदद से इमेज और वीडियो स्क्रीन पर जल्दी लोड होते हैं. नॉर्मल लैपटॉप में बेसिक सा जीपीयू और अगर तगड़ा गेमिंग लैपटॉप तो जबर वाला. अब इसी GPU की जरूरत चैटबॉट को होती है. मतलब, उनके सिस्टम से लेकर क्लाउड स्टोरेज को. मसलन, चैट जीपीटी के एक मॉडल को ट्रेन करने के लिए 10,000 जीपीयू यूनिट्स की जरूरत पड़ी थी.

बड़े-बड़े डेटा सेंटर्स में इन जीपीयू के काम करने से एनर्जी जनरेट होती है और वहां का तापमान बढ़ जाता है. इसको ठंडा रखने के लिए इस्तेमाल होता है पानी. पानी जो चिलर्स जैसे सिस्टम से बहता है. ये एक किस्म का सिस्टम है, जिसमें पानी के पाइप के जरिए बहुत बढ़े हुए तापमान को कंट्रोल किया जाता है.
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जाहिर सी बात है कि Ghibli स्टाइल से इस पर बहुत दवाब पड़ा. इसका असर ओवरऑल आउटकम भी पड़ा. मतलब जहां पहले दिन फोटो बहुत ही सटीक आ रहे थे तो बाद में थोड़े बिखरे और फीके भी नजर आए. हालांकि ये एक मात्र कारण नहीं हो सकता है. आप कैसी इमेज को कन्वर्ट कर रहे वो भी मायने रखता है. इंटरनेट की स्पीड, प्रोसेसर सब का भी रोल है.
आप क्या प्रॉम्प्ट दे रहे वो भी बहुत बड़ा पॉइंट है. मसलन आपने लिखा कि फलां इमेज को Ghibli स्टाइल में बना दो तो भईया सर्वर ने अपना दिमाग लगाया और फिर मिलती-जुलती इमेज बना दी. जो आपने लिखा कि जैसी इमेज है वैसी ही बनाओ मतलब कोई एक्स्ट्रा क्रिएटिविटी नहीं दिखाना तो मुमकिन है कि जस का तस इमेज बने. जैसे इस तस्वीर में लेफ्ट वाली में AI ने दिमाग लगाया और राइट वाली में हमारे कहने से बस उसे Ghibli स्टाइल में बना दिया.

मगर एक बात जान लीजिए. AI कभी भी एक इमेज दोबारा नहीं बनाता. एक जैसे प्रॉम्प्ट पर भी अलग-अलग रिजल्ट आते हैं. तो निराश नहीं होना है. वैसे भी अब निराश होने की जरूरत रही नहीं. अब तो फ्री वाले वर्जन में भी जिब्ली-जिब्ली होने लगा है.
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