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ऋषभ पंत रिकवरी के लिए 7 करोड़ के ट्रेडमिल पर दौड़ रहे, ऐसा क्या खास है इसमें?

Rishabh Pant के NCA में ट्रेनिंग के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं. ट्रेडमिल जैसी इस मशीन के बारे में कहा जा रहा है कि इसको अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने डेवलप किया है. Anti-Gravity मशीन की कीमत भी करोड़ों में है.

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पंत के रिकवरी से जुड़े वीडियो वायरल हैं.

ऋषभ पंत (Rishabh Pant) दिसंबर 2022 में हुए भयानक सड़क हादसे के बाद से ही क्रिकेट से दूर हैं. ऋषभ इस समय BCCI द्वारा संचालित National Cricket Academy (NCA) बेंगलुरू में रिकवरी कर रहे हैं. वो गाहे-बगाहे अपने ट्रेनिंग प्रोग्राम से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं. हाल में ऐसे ही एक वीडियो में वो ट्रेडमिल जैसी मशीन पर दौड़ते नजर आए थे. हालांकि ये ट्रेडमिल नहीं, एक एंटी-ग्रैविटी मशीन थी. इसकी मदद से ऋषभ पंत गुरुत्वाकर्षण को चैलेंज कर रहे हैं ताकि जल्दी रिकवर हो सकें.

ट्रेडमिल जैसी दिख रही इस मशीन के बारे में कहा जा रहा है कि इसको अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने डेवलप किया है. मशीन की कीमत भी करोड़ों में है.

नासा ने बनाई मशीन

State-of-the-art, बोले ते लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से बनी इस मशीन को NASA ने Alter-G कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर साल 2005 में डेवलप किया था. मशीन का असल उद्देश्य स्पेस स्टेशन में काम करने वाले एस्ट्रोनॉट्स को जीरो ग्रैविटी में मांसपेशियों और हड्डियों के नुकसान से बचाना था. इस मशीन के ईजाद होने से पहले तक अंतरिक्ष यात्री अपने आपको एक बेल्ट से बांधकर व्यायाम करते थे.

Anti-Gravity मशीन (तस्वीर: नासा)

नासा के रिसचर्स ने इस मशीन को इस तरह डेवलप किया कि ये स्पेस में भी हवा के प्रेशर से ग्रैविटी का फ़ील देती थी. थोड़ा और आसान करें तो मशीन पैरों में वजन होने का अहसास करवाती थी.

ये तो हुई स्पेस की बात. नासा के मुताबिक, जमीन पर इसी मशीन का इस्तेमाल लोअर बॉडी को हल्का महसूस करवाने के लिए हो सकता है. माने कि अगर किसी व्यक्ति को पैरों में तकलीफ है और उसको चलने फिरने में दिक्कत है तो मशीन के अंदर होने पर उसको अपने शरीर के निचले हिस्से का एहसास काफी कम होगा. इस कारण वो आराम से वॉक कर सकेगा. जमीन से बिल्कुल थोड़ा ऊपर हवा में उड़ते हुए टाइप या कहें एंटी-ग्रैविटी. ये मशीन इसे इस्तेमाल करने वाले को बॉडी के निचले हिस्से का वजन फ़ील नहीं होने देती है. नतीजा, उसके लिए चलना या दौड़ना बहुत आसान हो जाता है और रिकवरी में काफी मदद मिलती है.

मरीज के शरीर के निचले हिस्से को मशीन के अंदर एयर टाइट तरीके से सील किया जाता है. नासा के मुताबिक मशीन मरीज के साइज और वजन के हिसाब से तय करती है कि शरीर के निचले हिस्से का कितना वजन कम महसूस करवाना है. अब नीचे का हिस्सा हवा में लटका सा महसूस होता है और ऊपर से ग्रैविटी भी नहीं है तो बस, हवा में पैर मारते रहो. नासा की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक अगर मरीज का असल वजन 72 किलो है तो मशीन पर सिर्फ 14 किलो ही महसूस होगा. वैसे हवा में रहते हुए कितना हल्कापन महसूस करना है वो भी बस एक बटन के सहारे कंट्रोल किया जा सकता है.

नासा के मुताबिक Alter-G ने इस मशीन का “anti-gravity” ट्रेडमिल के तौर पर व्यावसायिक रजिस्ट्रेशन करवाया था. साल 2008 में अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने इसके मेडिकल इस्तेमाल की मंजूरी भी दे दी. अब पेशेवर ऐथलीट से लेकर बड़े मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स तो मशीन का इस्तेमाल करते ही हैं, मरीजों के लिए भी ये बड़े कमाल की है. विशेषकर ऐसे लोग जो चोट या दुर्घटना के बाद फिर से चलना सीख रहे हों या जो आर्थराइटिस (गठिया रोग), मोटापे जैसी समस्या से जूझ रहे हों.  

अब इतनी कमाल मशीन है तो कीमत भी शानदार-जबरदस्त-जिन्दाबाद ही होगी. रपट के मुताबिक नासा वाली इस मशीन का दाम 4-7 करोड़ के बीच होता है. हालांकि इस मशीन के सस्ते वर्जन भी उपलब्ध हैं जो दूसरी कंपनियों ने डेवलप किए हैं.