स्मार्टफोन (smartphone) की दुनिया में जैसे ही सब ठीक नजर आता है, तभी बैटरी (battery) फटने की खबरें सामने आ जाती हैं. बीते 9 सितंबर को MD Talk YT नाम के एक यूट्यूबर ने Tweet करके बताया कि Redmi 6A के ब्लास्ट होने से उनकी आंटी की मौत हो गई. ये खबर अभी ठंडी ही नहीं हुई थी कि दूसरी दर्दनाक खबर उत्तर प्रदेश के बरेली से आई, जिसमें एक आठ साल की बच्ची की मौत हो गई. खबर के मुताबिक, चार्जिंग के दौरान ही अचानक तेज धमाके के साथ मोबाइल फट गया और बिस्तर पर जा गिरा, जिस कारण बिस्तर में आग लग गई. आखिर ऐसा क्या होता है, जो मोबाइल फोन ब्लास्ट के मामले सामने आते रहते हैं. क्या करना चाहिए और क्या नहीं? इस आर्टिकल में जानने की कोशिश करेंगे.
फोन कैसे फट जाता है और इसको फटने से कैसे बचाएं?
फोन फटने से लोगों की मौत की खबरें आ रही हैं.
ज़्यादातर मामलों में मोबाइल फ़ोन के फटने की वजह बैटरी होती है. फ़ोन के गिरने या अन्य वजहों से कई बार बैटरी में लीकेज हो सकती है, जो बाद में फोन चार्ज करने पर आग पकड़ सकती है. बैटरी कई सारे सेल्स को जोड़कर बनती है. यही बैटरी जब पुरानी हो जाती है, तो कई बार सेल्स के बीच की लेयर टूट जाती है और बैटरी फूल जाती है. इससे शॉर्ट सर्किट होकर बैटरी के फटने की आशंका पैदा हो जाती है.
दूसरा कारण है हीट. हालांकि इसका किसी जगह के मौसम से कोई सीधा लेना-देना नहीं है, बल्कि किसी वजह से बैटरी का तापमान बढ़ जाने से है. उदाहरण के लिए अगर फोन बहुत देर तक कार के बोनट पर रखा रहे, तो वो गर्म हो जाता है. कई सारे स्मार्टफोन में बाकायदा इसके लिए मैसेज भी शो होता है. तापमान बढ़ गया है. अब थोड़ा ठंड रखो. बैटरी अगर ज़्यादा गर्म है, तो समझ लीजिए फटने के चांस बहुत ही ज़्यादा हैं. मगर जो चीज़ सबसे ज़्यादा ख़तरनाक है, वो है इसी टेम्प्रेचर से होने वाला ‘थर्मल रनअवे’.
अब आप पूछोगे कि ये क्या बला है? बताते हैं. जॉब और एक्सपीरियंस वाली साइकल याद है? जॉब क्यों नहीं है? क्योंकि एक्सपीरियंस नहीं है. एक्सपीरियंस क्यों नहीं है? क्योंकि जॉब नहीं है. बस इसी तरह का चक्र बैटरी को गर्म करने का कारण भी बन जाता है. इसमें टेम्प्रेचर इसलिए बढ़ता रहता है क्योंकि टेम्प्रेचर ज़्यादा है. ये तब तक होता रहता है, जब तक बैटरी में आग ना लग जाए या ब्लास्ट न हो जाए. इसी को ‘थर्मल रनअवे’ कहा जाता है. ऐसा तब होता है, जब बैटरी का कोई हिस्सा किसी वजह से बहुत ज़्यादा गर्म हो जाए और जल्दी ठंडा ना हो पाए.
अब बात स्मार्टफोन के प्रोसेसर की. वैसे कंपनियां आजकल ऐसे इंतजाम करती हैं कि प्रोसेसर पर लोड कम पड़े, लेकिन अभी भी कई फोन में ऐसा नहीं होता. प्रॉसेसर बैटरी के पास ही लगा होता है, इसलिए फ़ोन पर ज़्यादा लोड पड़ने पर प्रॉसेसर गर्म होकर बैटरी को भी गर्म कर देता है. स्मार्टफ़ोन बनाने वाली कंपनियां इसीलिए आजकल हाई-एंड चिप पर किसी ना किसी तरह का हीट सिंक लगा देती हैं. ये पैदा हुई गर्मी को बैटरी से दूर रखता है और फ़ोन को जल्दी ठंडा कर देता है. लेकिन जिन फ़ोन में हीट सिंक नहीं होता, उनमें आग लगने की कंडीशन पैदा हो सकती है. मोटा-माटी ये कुछ कारण हो सकते हैं. आप कहेंगे कि कारण सिर्फ हो क्यों सकते हैं? क्योंकि जनाब स्मार्टफोन मेकर्स कभी इसके बारे में खुलकर बोलते नहीं, तो अंदाजा ही लगाना पड़ता है.
# स्मार्टफोन को रातभर चार्जिंग पर लगाकर नहीं छोड़ना चाहिए. इस आदत से डिवाइस की बैटरी खराब हो सकती है. वैसे आजकल बहुत सारे स्मार्टफोन ऐसे फीचर्स के साथ आते हैं, जो एक निश्चित पॉइंट पर चार्जिंग स्टॉप कर देते हैं. लेकिन ऐसा अभी सिर्फ कुछ स्मार्टफोन में ही होता है. इसलिए ठीक रहेगा कि हर मोबाइल फोन को रात भर चार्ज ना किया जाए. तकिया वग़ैरह के नीचे फ़ोन रखकर कभी मत सोइए.
# हमेशा अपने स्मार्टफोन के साथ आए हुए ओरिजनल चार्जर का ही इस्तेमाल करें. अगर चार्जिंग के लिए कोई दूसरा चार्जर और केबल इस्तेमाल करते हैं, तो वो अच्छी क्वालिटी का और संबंधित कंपनी से मान्यता प्राप्त होना चाहिए. आउटपुट के वोल्टेज और करंट की जानकारी के बिना किसी दूसरे के फोन के चार्जर से दूरी ही अच्छी.
# कई लोग फ़ोन को चार्जिंग पर लगाकर गेम खेलते हैं और कुछ कॉल करते हैं. दोनों ही ख़तरनाक हैं. कॉलिंग इन्फ़्रारेड तरंगों की मदद से होती है, जो गर्म मिज़ाज की होती हैं. फ़ोन चार्जिंग पर लगाकर कॉल करने पर डबल गर्मी पैदा होती है. ऐसे ही गेम खेलने से प्रॉसेसर गर्म होता है और चार्ज पर लगे होने से बैटरी भी गर्म होने लगती है. इससे थर्मल रनअवे की कंडीशन पैदा होने के चांस बढ़ जाते हैं.
# फ़ोन में कुछ गड़बड़ी हो जाने पर फ़ौरन ही उसको ठीक करवाइए. कई बार हार्डवेयर की दिक्कत के चलते भी फ़ोन में ब्लास्ट होने या आग लगने की नौबत आ जाती है.
# बैटरी अगर फूल गई है, तो उसे फ़ौरन ही बदलवा लें. बैटरी में लीकेज होने पर वो फूलती है और फिर चार्ज पर लगाने से आग पकड़ने का ख़तरा बढ़ जाता है.
मोबाइल फोन ब्लास्ट को लेकर 'जितने मुंह उतनी बातें' जैसा हाल है. हर कोई अपने हिसाब से कारण गिनाता है. स्मार्टफोन मेकर्स तो इसके लिए बाकायदा काउंटर भी देते हैं. जैसे हम तो सारे टेस्ट करते हैं. फलाना स्टैंडर्ड फॉलो करते हैं. वग़ैरह-वग़ैरह. इसलिए बेहतर यही होगा कि आप सावधानी बरतें और सुरक्षित रहें.
वीडियो: पुराने स्मार्टफोन के ये फायदे पता हैं आपको