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बैंक वाले अब लोन पर फर्जी का ब्याज नहीं ले पाएंगे, ये खबर पढ़ा देना!

RBI ने लोन और ब्याज की गलत वसूली को लेकर नये आदेश जारी किए हैं. ये नियम तत्काल प्रभाव यानी 29 अप्रैल 2024 से ही प्रभावी भी हो गए हैं. केन्द्रीय बैंक ने नए नियमों को जो नाम दिया है उसी से सारी तस्वीर साफ हो जाती है. Fair Practices Code for Lenders – Charging of Interest.

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आरबीआई ने कर्जदारों को बड़ी राहत दी है

एक आम समझ है कि अगर कोई सा भी लोन लेते समय सारी टर्म्स एण्ड कंडीशन को गौर से पढ़ लिया जाए तो फिर लोन लेने की इच्छा ही खत्म हो जाएगी. कारण कि बैंक से लेकर निजी संस्थान (NBFC) इतनी सारी शर्तों पर साइन करवा लेते हैं कि कर्ज लेने वाला हमेशा बंधा ही रहता है. जो अगर आपने सारी शर्ते पढ़ भी लीं तो भी जरूरी नहीं कि हमें सब समझ आ भी जाए. जब कुछ समझ आता है तो बैंक कागज आगे कर देते हैं कि देखो आपने ही साइन किया था. मगर अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि,

RBI ने लोन और ब्याज की गलत वसूली को लेकर नए आदेश जारी किए हैं. ये नियम तत्काल प्रभाव यानी 29 अप्रैल 2024 से ही प्रभावी भी हो गए हैं. केन्द्रीय बैंक ने नए नियमों को जो नाम दिया है उसी से सारी तस्वीर साफ हो जाती है.  Fair Practices Code for Lenders – Charging of Interest. अब कर्ज लेने वालों को तीन फायदे होंगे.

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# जिस दिन पैसा मिलेगा ब्याज भी उसी दिन से लगेगा

बैंकिंग की भाषा में कहें तो अब लोन Disbursement के दिन से आपको ब्याज देना होगा. अभी तक ऐसा नहीं होता था क्योंकि बैंक और NBFC जिस दिन एग्रीमेंट साइन होता था और चेक बनता था, उसी दिन से वसूली स्टार्ट कर देते थे. उदाहरण के लिए आपका चेक बन गया 10 तारीख को लेकिन प्रोसेस पूरी हुई महीने के आखिर में मतलब 30 को. बैंक 20 दिन का ब्याज ले रहे थे. RBI ने कहा, अब नहीं. जिस दिन चेक भजेंगा मतलब कर्ज लेने वाले के पास जाएगा तभी से मीटर डाउन होगा.

# पूरे महीने का नहीं बल्कि दिन का ब्याज देना होगा.

उदाहरण के लिए अगर ईएमआई की तारीख 10 से 10 है तो अब ब्याज का गणित भी इसी हिसाब से होगा. बोले तो 10 से 30 या 31 तक. अभी तक कुछ बैंक पूरे महीने का ब्याज वसूल रहे थे. आगे से नहीं होगा.

# एडवांस लिया तो फिर ब्याज किस बात का

कई सारे बैंक और निजी संस्थान लोन लेने वालों से एक ईएमआई एडवांस में लेते हैं. आरबीआई को इससे कोई दिक्कत नहीं है मगर जब इस ईएमआई पर भी टोटल लोन के हिसाब से ब्याज लिया जाता है जो सही नहीं है. आम यूजर भला कहां इतना गुणा-गणित चेक करता है. आगे से ऐसा नहीं होगा. अगर बैंक ने आपसे एडवांस ईएमआई ली है तो वो पैसा लोन से घट जाएगा. उस पर कोई ब्याज भी नहीं. पढ़ने में भले ये एक ईएमआई का खेल लगे लेकिन अगर टोटल कर्जे पर इसका मीटर बिठा दें तो हो सकता है कि आपने कर्ज भले 10.1% पर लिया हो लेकिन आखिर में वो 10.3 या 10.4 फीसदी भी हो जाता है.

आगे से नहीं होगा क्योंकि आरबीआई इज हियर. काम की जानकारी है. सभी को बता देना.  

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