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होटल रूम देने वाले OYO को क्या होयो? 100 करोड़ का मुनाफा, फिर भी 80% वैल्यूएशन गिरा दी

हम बात कर रहे हैं इंडियन होटल इंडस्ट्री की तस्वीर बदलने वाले OYO की, जो पहली बार सौ करोड़ के मुनाफे में है. इसके बाद भी कंपनी अपना आईपीओ वापस लेती है और साथ में अपनी वैल्यूएशन को 80 फीसदी से ज्यादा गिरा देती है. आखिर चल क्या रहा है OYO के होटल में. चलिए Check-in करके देखते हैं.

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OYO का मुनाफा ही उसके लिए दिक्कत बन रहा है क्या?

एक कंपनी के तौर पर आपके पास सब कुछ है. बहुत मतलब बहुत बड़ा ब्रांड नेम. 1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर की मार्केट वैल्यूएशन. 100 करोड़ से ऊपर का वार्षिक मुनाफा. इंडस्ट्री लीडर, गेम चेंजर का तमगा. मगर फिर भी आप अपना IPO वापस ले लेते हैं. एक बार नहीं बल्कि दो बार. बोले तो इंडियन मार्केट में किसी भी कंपनी के सबसे बड़े सपने को आप खुद तोड़ देते हैं. ऐसे में जेहन में सवाल कौंधना वाजिब है. आखिर हुआ क्या है? क्या पहले आपके पास प्रोग्रेस का 'रूम' नहीं था या अब जाकर दरवाजे खुले हैं?

हम बात कर रहे हैं इंडियन होटल इंडस्ट्री की तस्वीर बदलने वाले OYO की, जो पहली बार सौ करोड़ के मुनाफे में है. इसके बाद भी कंपनी अपना IPO वापस लेती है और साथ में अपनी वैल्यूएशन को 80 फीसदी से ज्यादा गिरा देती है. आखिर चल क्या रहा है OYO के 'होटल' में? चलिए Check-in करके देखते हैं.

मुनाफे में घाटा

साल 2013 में Ritesh Agarwal नाम के एक यंग लड़के ने OYO Rooms का फंडा भारतीय बाजार में पेश किया. यंग इतना कि उस समय उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था. ऐप बेस्ड एक होटल बुकिंग प्लेटफॉर्म जो आपके आसपास में उपलब्ध होटल रूम बताता था. होटल नहीं, होटल रूम, क्योंकि कंपनी का खुद का कोई होटल था ही नहीं.

कंपनी शहरों और कस्बों में पहले से चल रहे होटल के साथ पार्टनरशिप करती. कई बार पूरा होटल और कई बार कुछ रूम उसके नाम पर होते. रूम की साज-सज्जा OYO की होती मगर होटल का मालिक होटल वाला ही. रूम का किराया तो कम था ही, मगर असल खेला हुआ चेक इन प्रोसेस में.

जहां उस समय तक इंडियन होटलों में गैर-शादीशुदा कपल्स का जाना तकरीबन नामुमकिन था, वहीं OYO में इसकी कोई दिक्कत नहीं थी. हालांकि ऐसा कोई कानून नहीं था कि कपल्स होटल में नहीं जा सकते. आप वयस्क हैं मतलब 18 से ऊपर तो कहीं भी ठहरिए. लेकिन अमूमन होटल इसको नकार देते थे. कपल्स में भी इसको लेकर झिझक होती थी. मगर OYO में ऐसी कोई पूछताछ नहीं. आईडी प्रूफ दीजिए और आपका कमरे में स्वागत है. 

Texas was the most traveled-to-state in the US in 2022.
तस्वीर साभार: बिजनेस टुडे 

OYO का फॉर्मूला किफायती होटल ढूंढ रहे हर इंसान की पहली पसंद बना. हालांकि ‘कपल्स का पसंदीदा होटल’ होने का घाटा भी कंपनी को हुआ. लोगों ने OYO को 'कपल्स होटल', ‘लवर्स होटल’ जैसे तमगे दे दिए. लेकिन डिजिटल होते इंडिया में ये ऐप बेस्ड फॉर्मूला सुपर हिट रहा. कंपनी को सॉफ्ट बैंक से लेकर दुनिया जहान से फंडिंग मिली. देश के बाहर भी OYO ओपन हुआ. कंपनी ने होटल इंडस्ट्री की सबसे बड़ी परीक्षा, मतलब Covid-19 का दौर भी पार किया. भले बुकिंग नहीं के बराबर रही हों, घाटा कितना भी रहा हो, मगर कंपनी के वैल्यूएशन पर कोई असर नहीं हुआ.

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साल 2021 और पहला IPO

कंपनी ने भारतीय स्टॉक मार्केट में उतरने का फैसला किया और 12 बिलियन डॉलर के मार्केट कैप पर पेपर फ़ाइल किए. हालांकि कंपनी ने कुछ ही महीनों बाद पेपर वापस ले लिए. कोई साफ कारण नहीं.

साल 2024 और दूसरा IPO

कंपनी ने पिछले महीने फिर IPO के पेपर वापस ले लिए. इस बार ऐसा होना चौंकाने वाला था, क्योंकि कंपनी पहली बार मुनाफे में थी. पूरे सौ करोड़ रुपये का मुनाफा. मगर कंपनी तो IPO नहीं ला रही, और साथ में अब सिर्फ 2.3 बिलियन डॉलर, मतलब 19 हजार करोड़ रुपये के आसपास की वैल्यूएशन मांग रही. लेकिन क्यों, कुछ हुआ क्या?

कछु नहीं हुआ

आप सही पढ़े, क्योंकि अब जाकर कंपनी को पता चला कि उनकी वास्तविक मार्केट कैप कितनी है. Finflow के मुताबिक कंपनी ने बिना कुछ सोचे समझे होटलों के साथ पार्टनरशिप की. मार्केट में अगर 10 होटल तो 9 को अपने साथ जोड़ा. इस वजह से क्वालिटी कंट्रोल बिगड़ा. जहां पर पहले बजट में बढ़िया सुख-सुविधा वाला रूम मिलता था अब वही रूम मिल जाए तो बड़ी बात.

बड़ी संख्या में होटल वालों ने OYO वाली बुकिंग को मना कर दिया. भयंकर डिस्काउंट और पैसा आने में देरी को इसकी वजह बताया गया. आए दिन लोग सोशल मीडिया पर कंपनी को कोसते नजर आए. होटल में जाने पर OYO के बदले कम पैसे में बुकिंग के किस्से भी खूब निकले. कंपनी को देर से ही सही, समझ आया कि क्वान्टिटी नहीं बल्कि क्वालिटी पर ध्यान देना होगा.

इसीलिए कंपनी ने साल 2022-23 में अपने होटल्स की संख्या 18 हजार से कम करके 12 हजार कर दी. OYO Life जैसे घाटे वाले ब्रांड बंद किए. अपने गुरुग्राम के ऑफिस को खाली किया. नतीजा पॉजिटिव. कंपनी प्रॉफ़िट में. मगर इस कटौती ने 46 फीसदी हिस्सेदारी वाले कंपनी के सबसे बड़े इन्वेस्टर सॉफ्ट बैंक के कान खड़े किए. उनको समझ आया कि 12 बिलियन वाला मूल्यांकन वास्तविकता नहीं.

कथा सार ये कि कंपनी 19 हजार करोड़ के मार्केट कैप पर 1000 करोड़ का फंड जुटा रही है. उम्मीद है इस बार IPO से कंपनी का Check Out नहीं होगा.

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