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Nothing Phone (2) का आम जनता वाला रिव्यू, सबकुछ दमदार, बस एक चीज बहुत चुभ रही

Nothing Phone 2 का बैक पैनल ही कैचिंग पॉइंट नहीं, फोन में और भी कमाल के फीचर हैं.

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Nothing Phone (2)

एक बात से तो आप कमोबेश इत्तेफ़ाक रखेंगे कि पिछले कई सालों से स्मार्टफोन मार्केट में कुछ नया नहीं हुआ है. विशेषकर डिजाइन एलीमेंट के नाम पर कुछ खास बदलाव नहीं हुए. इधर का कैमरा उधर खिसका के काम चल्ला है. ऐसे में अगर कोई छौना सा स्मार्टफोन नया डिजाइन एलीमेंट देने की कोशिश करे और स्टॉक एंड्रॉयड का अनुभव देने की बात करे, तो उसके बारे में बात करना बनता है. मैं बात कर रहा हूं Nothing Phone (2) की. कंपनी ने पिछले साल नथिंग फोन (1)  के साथ बाजार में दस्तक दी थी जिसे मिक्स रिएक्शन मिले थे. अब फोन (2) हाजिर है, जिसके बारे में आज बात करेंगे.

डिजाइन में क्या खास?

फोन को मार्केट में आए लगभग एक महीना हो चुका है. मैंने भी फोन को इस्तेमाल किया. इसका डिजाइन लगभग पिछले साल वाले नथिंग फोन (1) जैसा ही है, मगर वेट डिस्ट्रीब्यूशन ढंग से किया गया है. कहने का मतलब फोन को काफी देर तक हाथ में पकड़े रहने पर भी कोई दिक्कत नहीं होती. नथिंग फोन (2) बॉक्स डिजाइन के साथ आता है जिसमें 6.7-इंच OLED (LTPO) स्क्रीन लगी हुई है. इस्तेमाल के दौरान फोन का रिफ्रेश रेट 120 हर्ट्ज से 1 हर्ट्ज तक अपने आप ही सेट हो जाता है.

फोन का कैचिंग पॉइंट इसका बैक पैनल है. कंपनी की भाषा में Glyph Interface. हालांकि पहले-पहल मुझे ये फीचर मार्केटिंग गिमिक लग रहा था, लेकिन इस्तेमाल के बाद कई फीचर काम के लगे. जैसे फोन उल्टा रखने पर किसी खास ऐप के लिए नोटिफिकेशन या फिर अलार्म प्रोसेस की लाइट दिखना. फोन हाथ में हो तो Glyph Interface लोगों में उत्सुकता पैदा करने का काम भी करता है. बोले तो रौला जमाने की निंजा तकनीक.

 
कैमरा और बैटरी

आपके मन में सवाल होगा कि फोन के बाकी स्पेसिफिकेशन के बारे में कोई बात नहीं. ऐसा इसलिए जनाब क्योंकि फोन का रिव्यू पब्लिक के लिए है. टेक मार ख़ां के लिए नहीं. आम पब्लिक को चाहिए बढ़िया खिचिक-खिचिक करने वाला कैमरा और बढ़िया बैटरी. बाकी स्पेसिफिकेशन का तामझाम बाद में आता है. वैसे Nothing Phone (2) में भी फ़्लैगशिप स्पेक्स हैं, जैसे स्नैपड्रैगन 8+ जेन 1 प्रोसेसर और बेस मॉडल में 8 जीबी रैम. इसलिए बात करते हैं इसके कैमरे की.

फोन में 50 मेगापिक्सल वाले दो लेंस लगे हुए हैं. फोटो शार्प और ब्राइट नजर आते हैं. दिन की रोशनी में कलर रियल और रिच लगते हैं. नजदीक वाले फ्रेम से फोटो लेने पर फोकस इधर-उधर नहीं होता. वाइड-एंगल शॉट्स भी वास्तविक लगते हैं. कहने का मतलब फोन के दोनों कैमरे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से अच्छी फोटो जनरेट करते हैं. बात नेचुरल फोटो लेने की हो या फिर नाइट फोटोग्राफी की, फोटो लेने में कोई मशक्कत नहीं करना पड़ती है. कैमरा ओपन कीजिए और फट से क्लिक कर डालिए. लेंस के साथ सॉफ्टवेयर को भी अच्छे से डेवलप किया गया है. 32 मेगापिक्सल वाला सेल्फ़ी कैमरा भी बेकार के फ़िल्टर-विल्टर लगाकर अच्छे फोटू लेता है. हालांकि पोट्रेट मोड मुझे उतना कुछ खास नहीं लगा.

कैमरा सैम्पल
बैटरी कितना साथ देती है?

Nothing Phone (2) के बैटरी परफ़ॉर्मेंस से मुझे थोड़ी हैरानी हुई. फोन में 4,700mAh की ही बैटरी है, लेकिन दिनभर साथ निभाती है. इंडोर से लेकर आउटडोर में पीक ब्राइटनेस में वॉट्सऐप चलाते हुए, इंस्टा पर रील्स और यूट्यूब पर वीडियो देखते हुए बैटरी दिनभर चलती है. फास्ट चार्जिंग का भी प्रबंध है. वैसे फोन के साथ चार्जर नहीं आता, इसलिए असल में बैटरी फुल चार्ज होने में कितना टाइम लेती है, वो कहना अभी संभव नहीं. लेकिन नॉर्मल 45 वॉट चार्जर से भी फोन 90 मिनट में फुल चार्ज हो जाता है. फोन में वायरलेस चार्जिंग का भी जुगाड़ है तो मुसीबत में काम आने के लिए रिवर्स वायरलेस चार्जिंग भी मिलने वाली है

फोन की असल ताकत

बाहर से Nothing Phone (2) एक फ़्लैगशिप एंड्रॉयड फोन जैसा नजर आता है. लेकिन इसकी असल ताकत इसका ऑपरेटिंग सिस्टम है. एंड्रॉयड 13 पर बेस्ड Nothing OS 2 एकदम नीट एण्ड क्लीन है. कंपनी ने ऑपरेटिंग सिस्टम को बेहतर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. पिछले एक महीने में तीन अपडेट आ चुके हैं. फोन में कोई बेकार के ऐप्स नहीं हैं और ब्लैक के साथ रेड कलर का यूजर इंटरफ़ेस एकदम मक्खन काम करता है. कंपनी 3 साल के OS अपग्रेड का वादा भी करती है और जैसा कि एंड्रॉयड 14 का बीटा वर्जन भी कंपनी ने सबसे पहले रिलीज किया था तो इसमें कोई दिक्कत आएगी नहीं.

Nothing OS 2
कहने क्या चाहते हो मोमेंट

Glyph Interface, ताकतवर प्रोसेसर, अच्छी बैटरी और कैमरा. Nothing Phone (2) एंड्रॉयड यूजर्स के लिए निश्चित ही फ्रेश ऑप्शन मुहैया करवाता है. मगर, कीमत हमें थोड़ी ज्यादा लगी. फोन के 8 GB रैम और 128 GB स्टोरेज वाले बेस मॉडल का दाम 44,999 रुपये है, जो मेरी नजर में थोड़ा ज्यादा है. अगर यही फोन 35-40 हजार के अल्ले-पल्ले होता तो मौज आ जाती. 

आखिरी बात. फोन में स्क्रीन प्रोटेक्टर पहले से लगा हुआ आता है जो बेहद ही बेकार क्वालिटी का है. मतलब बदल लेने में ही स्क्रीन का असल मजा मिलता है. खैर ये तो मेरा अनुभव है. आपका मेरे से अलग है या नहीं वो हमसे जरूर साझा कीजिए. रिव्यू का वीडियो लेकर जल्द हाजिर होंगे.

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