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Sim Card Rules: सिम के नेटवर्क पर बन गया है तगड़ा नियम, एक कोड डालते ही खुल जाएगा कच्चा चिट्ठा!

1 अक्टूबर (sim card rules 1 October) से कॉल ड्रॉप, कमजोर कनेक्टिविटी, गोल-गोल घूमती स्क्रीन से शायद थोड़ी सी निजात मिल सकती है. वजह है TRAI का नया नियम जिसके कारण Airtel, Jio, VI समेत BSNL को कमजोर और शानदार जबरदस्त जिन्दाबाद नेटवर्क की जानकारी वेबसाइट पर देनी ही होगी.

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मोबाइल नेटवर्क को लेकर नया रूल (सांकेतिक तस्वीर)

मोबाइल नेटवर्क 2G से 3G  हुआ फिर 4G से होता हुआ आजकल 5G पर गनगना रहा है. अगले कुछ सालों में मामला 6G तक पहुंच जाएगा. अंदाजे से कहें तो साल 2030 तक. माने मोबाइल इंटरनेट की स्पीड फर्राटा भर रही होगी. चंद सेकंड में बड़ी से बड़ी फ़ाइल ट्रांसफर हो जाएगी. AI को बूस्ट मिलेगा वगैरा-वगैरा. बढ़िया मुंगेरीलाल के सपने हैं मगर नींद से जागते ही हकीकत (sim card rules 1 October) कुछ और ही है. नेटवर्क कोई सा भी हो, आज भी पूरे डंडे मिल जाएं तो क्या ही बात है. आज भी बंद कमरे या बेसमेंट में नेटवर्क कम ही मिलता है.

माने कि कॉल ड्रॉप, कमजोर कनेक्टिविटी, गोल-गोल घूमती स्क्रीन नेटवर्क के हर G को बढ़िया नहीं है जी कहने के लिए मजबूर कर ही देती है. मगर शायदकल यानी 1 अक्टूबर से इससे थोड़ू सी निजात मिल सकती है. वजह है TRAI का नया नियम.

नेटवर्क कंपनियों का रियल्टी चेक

TRAI यानी Telecom Regulatory Authority of India सिम नेटवर्क के लिए नया नियम लेकर आई है. नया नियम Airtel, Jio, VI समेत BSNL पर लागू होगा. माने कि चाहे आपके पास सरकारी बीएसएनएल की सिम है या किसी प्राइवेट प्लेयर की. आपका थोड़ा तो फायदा होगा. हालांकि, इस नियम के आने से नेटवर्क सुधर जाएगा या मोबाइल पर पूरे सिग्नल फड़फड़ाने लगेंगे, तो ऐसा कछु नहीं है. फिर भी कुछ तो सहूलियत होगी.

new trai rules for network check come into effect from 1 October: jio airtel vi
सांकेतिक तस्वीर

सहूलियत नया कनेक्शन लेते समय या अपना पुराना नंबर पोर्ट करवाते समय नेटवर्क वाकई में कितना ‘वर्क’ कर रहा है, वो जानने की. दरअसल, TRAI ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को आदेश दिया है कि वो अपनी वेबसाइट पर साफ-साफ बताएं कि किस इलाके में उनका नेटवर्क शानदार-जबरदस्त-जिन्दाबाद है और कहां एक डंडी भी मुश्किल से आती है.

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अब ये कोई छिपी हुई बात तो है नहीं कि किसी भी कंपनी का नेटवर्क हर जगह तगड़ा हो. उदाहरण के लिए, मेरी सिम मेरे ऑफिस के अंदर आते ही जवाब दे जाती हैं. ऐसा दिल्ली शहर में कई और जगह होता है. अगर जो हमें इस बात का पहले से पता हो तो थोड़ी आसानी होगी. मसलन फलां कंपनी का नेटवर्क घर में सही है और फलां का ऑफिस में. अब इसको पता करने का कोई सीधा जुगाड़ तो नहीं है. हालांकि, ऐप्स वगैरा के जरिए पता तो चलता है मगर वो सिरदर्द ही ठहरा.

नया नियम इसको आसान करेगा. आपके इलाके की लोकेशन या पिन कोड संबंधित कंपनी की वेबसाइट पर डालते ही उनके नेटवर्क की जानकारी स्क्रीन पर उतारने लगेगी.

मतलब दर्द से पूरी तरह छुटकारा भले नहीं मिले. आराम तो मिलेगा. फिर भले ऑफिस या घर के लिए दो सिम रख लीजिए या पोर्ट करवा लीजिए.     

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