साइबर ठगी का एक बहुत पुराना तरीका है keylogger या keystroke logger. नाम से समझ में आता है कि किसी डिवाइस मसलन स्मार्टफोन या लैपटॉप के कीवर्ड में सेंधमारी की बात हो रही है. आजकल इस तरीके से ठगी या लूट के कारनामे बहुत कम दिखाई देते हैं. वजह शायद ठगी के दूसरे तरीकों का आ जाना हो सकता है या फिर लोगों ने फोन और लैपटॉप में उल्टी सीधी जगह से आने वाली लिंक पर क्लिक करना बंद कर दिया है. लेकिन इस पुराने तरीके का इस्तेमाल करके फिर से ठगी के मामले नजर आ रहे हैं. मगर...
घरेलू महिलाओं के स्मार्टफोन में घुसने के लिए घर की घंटी क्यों बजा रहे हैं ठग?
की-लॉगर को किसी भी डिवाइस में इंस्टाल करने के लिए एकदम देसी और अनोखा तरीका अपनाया जा रहा है. एसएमएस से ई-मेल से कोई लिंक नहीं भेजी जा रही बल्कि सीधे घर पर आकार, दरवाजे की घंटी बजाकर, स्मार्टफोन में दाखिल हुआ जा रहा है.
की-लॉगर को किसी भी डिवाइस में इंस्टाल करने के लिए एकदम देसी और अनोखा तरीका अपनाया जा रहा है. एसएमएस से ई-मेल से कोई लिंक नहीं भेजी जा रही बल्कि सीधे घर पर आकार, दरवाजे की घंटी बजाकर, स्मार्टफोन में दाखिल हुआ जा रहा है. आपको लगेगा ऐसा कैसे संभव है. इतना ही नहीं इस बार टारगेट भी पहले से चुन कर रखा गया है. ज्यादा सस्पेंस नहीं बनाते और की-लॉगर की चाबी खोजते हैं.
साइबर ठगों के निशाने पर इस बार घर की महिलायें हैं. विशेषकर ऐसी महिलाओं को टारगेट किया जा रहा है जो घर पर अकेली होती हैं. अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि होममेकर्स को जाल में फंसाने का टाइम आमतौर पर दोपहर का होता है. इस समय महिलायें अक्सर घर पर अकेली होती हैं.
दरवाजे पर दस्तक होती है और एक कोरियर आता है. कोरियर कई बार किसी बड़ी कंपनी के मार्फत या फिर कई बार मोहल्ले में खेल रहे बच्चे से भी पहुंचाया जाता है. बॉक्स के ऊपर बड़े अक्षरों में लिखा होता है,
अपने बेटे/पति/भाई की करतूत देख लो
बॉक्स के अंदर होती है एक पेन ड्राइव. आपको लगेगा पेन ड्राइव और स्मार्टफोन का क्या लेना-देना. जनाब वो ठग हैं. पूरी तैयारी करके कांड करते हैं. पेन ड्राइव के साथ एक ओटीजी केबल भी होती है. इस केबल की मदद से पेन ड्राइव को स्मार्टफोन में एक्सेस किया जा सकता है.
इधर पेन ड्राइव स्मार्टफोन में दाखिल उधर सारी पर्सनल जानकारी बाहर. इस पेन ड्राइव की मदद से फोन में keylogger इंस्टाल किया जाता है. अब फोन में कुछ भी टाइप होगा मसलन एसएमएस से लेकर बैंक का पासवर्ड और UPI पिन तक. इसके आगे क्या होगा वो समझ पाना कोई मुश्किल नहीं. यहां गेम बड़े सलीके से खेला जाता है. पेन ड्राइव में कुछ नहीं होता. मतलब एकदम खाली. अगर कुछ होता तो शायद महिला इसके बारे में घर में दूसरों को बताती. कुछ नहीं तो कोई ध्यान नहीं देता.
साइबर ठगी का ये पुराना तरीका फिर से दस्तक दे रहा है. इसलिए बेहतर है कि अपने परिवार में महिलाओं को इसके बारे में बताएं. करतूत बेटे/पति/भाई की नहीं बल्कि उन ठगों की देखनी है. रही बात ठगी के दूसरे तरीकों की तो बस यहां