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CIBIL स्कोर कितना रखें कि लोन लेना बच्चों का खेल हो जाए?

CIBIL स्कोर की रेंज 300 से 900 के बीच झूलती है. 750 से ऊपर का स्कोर अच्छा माना जाता है. 850 हुआ तो आप बैंक से अपने लोन की रकम और ब्याज को लेकर मोलभाव तक कर सकते हैं. स्कोर 890 भी हो सकता है, मगर 900 नहीं होता. किसी का मतलब किसी का भी नहीं. क्यों?

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क्रेडिट स्कोर 900 क्यों नहीं होता (तस्वीर: बिजनेस टुडे)

आपने पर्सनल लोन लेना है, कार लोन की जरूरत है या होम लोन के ऑप्शन तलाश रहे तो इस चीज के बिना गाड़ी आगे नहीं बढ़ेगी. अजी लोन लेने की बात तो दूर है, लोन लेने का सोच रहे तो सबसे पहले इस की जरूरत होगी. आधार कार्ड, पैन कार्ड नहीं दोस्त बल्कि अच्छा क्रेडिट स्कोर. जिसे बाजार की भाषा में CIBIL स्कोर कहा जाता है. अगर वो अच्छा नहीं तो फिर सारे कागज पत्री बेकार. इसकी रेंज 300 से 900 के बीच झूलती है. 750 से ऊपर का स्कोर अच्छा माना जाता है. फिर 900 पर तो मौज होनी चाहिए.

एकदम 900 पर मौज नहीं बल्कि मौजा ही मौजा होना चाहिए. बैंक को आपके पास चलकर आना चाहिए. मगर ये स्कोर 900 होता कहां है. आपके आसपास क्या दूर तलक भी किसी का CIBIL स्कोर 900 नहीं होता. क्यों?

900 CIBIL का मतलब क्या है?

आसान भाषा में कहें तो ये वो वर्टिकल लिमिट है जिसकी चढ़ाई कोई कर ही नहीं सकता. आपका सिबिल स्कोर खराब हो सकता है. बेहद खराब मतलब 300 भी हो सकता है. बेहद अच्छा भी हो सकता है. मगर उसकी अपर लिमिट 850 से ऊपर नहीं जाती. मतलब माने परीक्षा में आपने सारे सवालों के सही जवाब दिए, आपने क्लास में टॉप भी किया, मगर मार्कशीट पर 100/100 नहीं लिखा होगा. 

इसके पीछे का कारण बताते मगर पहले थोड़े में CIBIL स्कोर का मतलब भी जान लेते हैं.

CIBIL
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क्या है CIBIL स्कोर?

पूरा नाम है ‘क्रेडिट इंफोर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड’. ये आपकी वित्तीय ‘कुंडली’ है. जिस दिन आपने पैनकार्ड बनवाया, उस दिन से आपकी कुंडली पर सब दर्ज होने लगता है. आपके बैंक अकाउंट और पहले लोन से लेकर आखिरी हिसाब तक, सब यहां मिलता है. आपने लोन या क्रेडिट कार्ड की EMI को समय पर चुकाया या नहीं. किसी शख्स ने कितनी तरह का कर्ज लिया है, कितनी रकम का कर्ज लिया है, कितने समय के लिए लिया है और कितने समय में कर्ज वापस कर दिया गया. इन सब बातों का ध्यान रखकर CIBIL स्कोर तैयार होता है. जो शख्स क्रेडिट कार्ड से हुए खर्चों का समय पर भुगतान कर देता है या अपनी EMI लगातार टाइम से देता जाता है, उसका स्कोर मजबूत होता जाता है.

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900 क्यों नहीं होता?

आप आम ग्राहक हैं और आपने अपना वित्तीय लेनदेन एकदम सही रखा है. आपकी सैलरी बहुत अच्छी है. या आपका बिजनेस बहुत अच्छा है. तो भी आप 850 से ऊपर नहीं जाने वाले. हालांकि इतने स्कोर पर भी आप लोन की रकम और ब्याज की दर के लिए बैंक से मोलभाव कर सकते हैं. अगर आप साल के 250 करोड़ से ऊपर कमाते हैं. यानी Ultra-High-Net-Worth Individual हैं और आपका वित्तीय रिकॉर्ड शानदार है तो आप 860 से 890 के बीच भी पहुंच सकते हैं. ऐसा है तो फिर बैंक खुद ही आपको बड़ी रकम और सबसे कम ब्याज ऑफर करेगा.

मगर कुछ भी हो स्कोर 900 नहीं होगा. इसके पीछे की वजह है क्रेडिट स्कोर में बदलाव. आज की तारीख में आपका वित्तीय लेनदेन सही दिख रहा है, लेकिन हो सकता है कि अगले दिन आपसे कुछ गड़बड़ हो जाए तो. परफेक्ट 900 स्कोर का मतलब होगा कि आप लोन की दुनिया के ‘रजनीकांत’ हुए.

इसलिए स्कोर को कभी भी 900 नहीं रखा जाता. जो आपके मन में विचार आया कि ऐसा भी क्या, मैं सिबिल को सबक सिखाऊंगा. 900 लाकर रहूंगा तो जनाब आपने फिर CRIF, Equifax, Experian जैसी अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट एजेंसियों से भी अपना स्कोर लाना होगा. दूर की कौड़ी है. मुश्किल है, लेकिन नामुमकिन नहीं. अगर मन है तो कर डालिए. नहीं तो 750 से 850 का स्कोर मेंटेन रखिए. लाइफ में लोन को लेकर कोई दिक्कत नहीं होगी.

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