गर्मी का मौसम आते ही ठंडी हवा देने वाला AC हॉट की-वर्ड बन जाता है. अब तो ऑप्शन भी भतेरे हैं. विंडो और स्प्लिट के बारे में तकरीबन सभी को पता है. 3 स्टार और 5 स्टार वाला गुणा-गणित भी अब सीक्रेट नहीं. आजकल बहस जरा दूसरी होती है. Inverter AC या परंपरागत non-inverter AC. कमरे में भले इसको लेकर बात कम होती है, लेकिन सोशल मीडिया पर इसे लेकर खूब गर्म हवा चलती है.
इन्वर्टर एसी या नॉन इन्वर्टर एसी, कौन-सी लें? अंदर की बात आज जान लीजिए
Inverter AC or non-inverter AC: हमें लगा इसके ऊपर बात करनी चाहिए. दोनों के फायदे और नुकसान समझने चाहिए. जानने की कोशिश करनी चाहिए कि नई तकनीक अच्छी है या ओल्ड स्कूल ही ठीक रहेगा.

हमें लगा इसके ऊपर बात करनी चाहिए. दोनों के फायदे और नुकसान समझने चाहिए. जानने की कोशिश करनी चाहिए कि नई तकनीक अच्छी है या ओल्ड स्कूल ही ठीक रहेगा.
Inverter AC है तो इनवर्टर पर चलता होगा?नहीं दोस्त. ऐसा एकदम नहीं है. कोई सा भी AC इनवर्टर पर नहीं चलता. हां बड़े जनरेटर पर चला सकते हैं. क्योंकि इस टाइप का AC ऊर्जा की कम खपत करता है, हल्ला भी नहीं करता और कूलिंग भी जल्दी करता है. इतना ही नहीं, इसकी उम्र भी ज्यादा होती है. वैसे ही जैसे घर में लगे इनवर्टर की. एक बार लगा दिया तो सालों-साल की चिंता खत्म. बैटरी चार्जिंग में भी कोई बहुत ज्यादा पैसा नहीं लगता और आउटपुट तो अच्छा होता ही है. आधुनिक AC भी ऐसे ही हैं, बस उनके नाम में इनवर्टर लग गया.

हमें पता है आप क्या कहोगे. आगे पढ़ने की जरूरत नहीं. जब इतने फायदे हैं तो बस खरीद लेते हैं इनवर्टर AC. अजी जनाब, जरा रुकिए तो सही, ठहरिए तो जरा. अभी बात खत्म नहीं हुई.
Inverter AC या non-inverter ACइसका फैसला करने के लिए non-inverter AC के नुकसान जानते हैं. ये वो परंपरागत AC हैं जिनका कंप्रेसर थोड़ी देर चलता है और थोड़ी देर बंद होता है. वो भी फिक्स स्पीड पर. जबकि इनवर्टर AC में कंप्रेसर लगातार चलता है. जब तक inverter AC नहीं था तो पुराना तरीका अच्छा माना जाता था. लेकिन बाद में पता चला कि ऐसा होने से तो ज्यादा बिजली खर्च होती है.
इसको कार या बाइक के उदाहरण से समझते हैं. कार हमेशा टॉप गियर में और एक फिक्स स्पीड पर सबसे बढ़िया माइलेज देती है. कहा जाता है कि हाइवे पर भी 80-100 पर चलो तो तेल कम जलता है. जब गाड़ी पहले गियर में होती तो इसके उलट होता है. गाड़ी का पूरा दम निकल जाता है. ऐसा ही कुछ प्रोग्राम inverter AC का है.

इसमें कंप्रेसर एक बार टॉप गियर में चला जाता है तो फिर सब मक्खन हो जाता है. तापमान को मैनेज करने के लिए कंप्रेसर बंद नहीं होता बल्कि स्पीड कम ज्यादा करता है. 80-100 वाला गेम. ऐसा होने से बिजली की खपत कम होती है. कमरा ठंडा भी जल्दी होता है क्योंकि टॉप गियर में जाने में टाइम नहीं लगता.
इसके साथ सबसे बड़ा फायदा इसकी उम्र का भी है. अब गाड़ी को लगातार बंद-चालू करेंगे तो पार्ट्स जल्दी घिसेंगे. यहां भी यही होता है. इनवर्टर AC KR लाइफ लंबी होती है. तो इस हिसाब से तो ऐसा AC ही अच्छा. मगर पॉकेट का भी तो खयाल रखना है.
यहां भी कार को लेकर आते हैं. गियर वाली कार ऑटोमैटिक के मुकाबले सस्ती होती है. ऐसे ही परंपरागत AC का दाम non-inverter AC की तुलना में कम होता है. मगर काम तो गियर डालने से भी चलता है. तो फैसला आपका है. अगर बजट का पिरोबलम नहीं तो इनवर्टर AC ठीक रहेगा. जो 20-20 फीसदी कम पैसा खर्च करना है तो फिर परंपरागत AC की परंपरा प्रतिष्ठा और अनुशासन कायम रखिए.
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