इसी से छुटकारा पाने के लिए कुछ लोग अपने डिवाइस को रूट कर इन ऐप्स को डिलीट मार देते हैं. मगर रूट करने से फ़ोन की वॉरन्टी गुस्सा हो जाती है और टाटा बाय-बाय बोल देती है. फ़िर हम करें तो करें क्या, बोलें तो बोलें क्या? असल में एक और तरीका है जिससे आप इन ब्लोटवेयर को हटा भी सकते हैं और आपके फ़ोन की वॉरन्टी भी चिपकी रहेगी. इसमें न तो फ़ोन को रूट करना है, न कोई कस्टम ROM डालनी है और न ही किसी खास किस्म के झमेले को पालना है. तो आइए आपको स्टेप-बाय-स्टेप ये प्रोसेस बताते हैं.
USB Debugging ऑन कर लीजिए
सबसे पहला काम तो ये है कि आपको अपने फ़ोन में USB Debugging ऑन करना है. इसके लिए आपको डेवलपर ऑप्शन में जाना होगा और ऐसा करने के लिए पहले डेवलपर ऑप्शन चालू करना होगा. एक-एक कर के बताते हैं पूरा प्रोसेस.
*अपने फ़ोन की सेटिंग में जाइए फ़िर About (अबाउट) सेक्शन खोलिए

डेवलपर ऑप्शन को ऐसे चालू करना है.
*ऑपरेटिंग सिस्टम पर टैप करिए. अगर कुछ नहीं खुलता तो इसी पर सात बार टैप करिए. और अगर कुछ नया ऑप्शन खुलता है तो यहां आप अपने फ़ोन की कस्टम ROM का वर्ज़न लिखा हुआ पाएंगे. इस पर सात बार टैप करिए. ऐसा करने पर डेवलपर ऑप्शन पर लगा हुआ ताला खुल जाएगा.
*चूंकि डेवलपर ऑप्शन अलग-अलग कंपनी के फ़ोन में अलग-अलग जगह पड़ा होता है तो हम यहां पहुंचने का एक कॉमन तरीका बताते हैं. फ़ोन की सेटिंग में वापस जाकर ऊपर बने हुए सर्च बॉक्स में developer लिखिए और फ़िर डेवलपर ऑप्शन में घुस जाइए.

USB Debugging को ऐसे चालू करना है.
*यहां आपको USB Debugging को ऑन-ऑफ़ करने का स्विच मिलेगा. इसे ऑन कर दीजिए.
*और अब अपने फ़ोन को कंप्यूटर में USB केबल से जोड़ लीजिए. जब फ़ोन पूछेगा कि किस तरह का कनेक्शन बनाना है कंप्यूटर से, तब “File Transfer” (फाइल ट्रांसफ़र) सेलेक्ट कर लीजिए. बस फ़ोन में इतना ही काम है.
कंप्यूटर का सेटअप
आगे का काम करने के लिए आपके पास एक कंप्यूटर होना चाहिए. डेस्कटॉप या लैपटॉप से फ़र्क नहीं पड़ता और न ही इस बात से कि वो आपका खुद का पर्सनल हो. दोस्त या किसी रिश्तेदार का भी हो तो चलेगा. सबसे ज़्यादा कॉमन कंप्यूटर सिस्टम विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम वाले होते हैं इसलिए हम उसी के बारे में चर्चा करेंगे.
*सबसे पहले आपको इस कंप्यूटर में ADB या Android Debugging Bridge (एंड्रॉयड डीबगिंग ब्रिज) सेट करना है. डेवलपर्स के काम के लिए ये तिकड़म खुद गूगल ने दे रखा है.
*विंडोज़ के लिए ADM आप नीचे दी हुई लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं. इसे बस कॉपी करके अपने इंटरनेट ब्राउजर के अड्रेस बार में पेस्ट कर दीजिए: dl.google.com/android/repository/platform-tools-latest-windows.zip
*डाउनलोड होने के बाद अब इस बन्डल वाले ज़िप फ़ोल्डर को अपने कंप्यूटर के किसी फ़ोल्डर में उडे़ल लीजिए, यानी कि एक्स्ट्रैक्ट कर लीजिए. इसके लिए आप इसपर राइट क्लिक करके “extract” पर क्लिक करिए. अब जो नॉर्मल सा पीले रंग का फ़ोल्डर खुल कर आया है उसमें जाइए.

एक्स्ट्रैक्ट किया हुआ फ़ोल्डर.
*ऊपर की तरफ़ अड्रेस बार में cmd लिख कर एंटर कर दीजिए. नीचे पिक्चर में जिस तरह लिखा गया है ठीक वैसे:

CMD लिख कर एंटर करना है.
*अब आपके सामने कमांड प्रॉम्प्ट खुल कर आ जाएगा. हां यही काला वाला बॉक्स जिसको सन् 2002 में अंग्रेज़ी मीडियम स्कूल के टीचर प्रैक्टिकल के नाम पर बच्चों को दिखाते थे और इसमें अपना नाम लिखने को बोलते थे.

कमांड प्रॉम्प्ट खुलकर आ जाएगा.
*मगर आपको यहां अपना नाम नहीं, adb devices लिखना है.

adb devices लिखकर एंटर करिए
*आपका कनेक्ट किया हुआ एंड्रॉयड फ़ोन सामने लिस्ट हो जाएगा. इसके बाद आपको adb shell लिख कर एंटर करना है.
*सामने success लिख कर आने के बाद अब आपको फ़ालतू के ऐप्स डिलीट करने का काम करना है. इसके लिए टाइप करिए: pm uninstall -k --user 0 <ऐप के पैकेज का नाम>

adb shell कमांड दीजिए.
*ऐप के पैकेज का नाम ऐप के नाम से अलग होता है. एग्ज़ामपल के तौर पर facebook (फ़ेसबुक) ऐप के पैकेज का नाम है com.facebook.katana. तो यानी कि अगर आपको फ़ेसबुक को डिलीट करना है तो आपको टाइप करना होगा: pm unsintall -k --user 0 com.facebook.katana और एंटर दबा देना है. (यूजर के आगे 'ज़ीरो' लिखा है, 'ओ' नहीं)
*ऐप डिलीट होने पर success लिख कर आ जाएगा. फ़िर इसी तरह बिना और कुछ किये हुए, दूसरी ऐप को डिलीट करने के लिए भी ठीक इसी तरह pm uninstall -k --user 0 <ऐप पैकेज का नाम> लिखकर एंटर दबा दीजिए.

कुछ इस तरह से हटाए जा सकते हैं ब्लोटवेयर
अब आप सोच रहे होंगे कि ये पैकेज का नाम कहां से पता करना है? इसके दो तरीके हैं. पहला तो ये है कि ऐप की डीटेल में जाकर इसका पैकेज नाम देख सकते हैं. इसके लिए आपको ऐप को देर तक टैप करके इन्फॉर्मेशन वाले i बटन पर टैप करना होगा. कुछ फ़ोन में सामने ही पैकेज का नाम आ जाता है और कुछ में दोबारा से i बटन को दबाना पड़ता है.

ऐसे देखना है ऐप के पैकेज का नाम.
इसके अलावा आप App Inspector (ऐप इन्स्पेक्टर) नाम का ऐप गूगल प्ले स्टोर से इंस्टॉल कर सकते हैं. ये ऐप आपके फ़ोन में पड़े हुए हर ऐप का पैकेज का नाम बता देती है.
सावधानी की बातें
अब आप तरीका तो जान गए कि अपने फ़ोन से ब्लोटवेयर को कैसे हटाना है. मगर ये बात ध्यान रखिए कि बहुत से ऐप एक दूसरे के ऊपर डिपेंड होते हैं. अगर एक हटता है तो दूसरा काम नहीं करता. जैसे शाओमी के फ़ोन में yellow pages ऐप हटाने से कॉल इन्टरफ़ेस बंद हो जाता है. मतलब कि कॉल आएगी, बेल भी बजेगी मगर आप फ़ोन उठा नहीं पाएंगे. ऐसे ही अगर आप कॉल करेंगे तो सिर्फ़ बात होगी, सामने स्क्रीन पर कुछ नहीं आएगा, न ही आप कॉल कट कर पाएंगे, न स्पीकर पर कॉल लगेगी और न ही कोई और चीज़ हो पाएगी.
ऐसे ही अगर किसी जरूरी सिस्टम ऐप को आप हटा देंगे तो उससे जुड़े हुए फंक्शन बंद हो जाएंगे. अगर अपने मैसेज ऐप को डिलीट कर दिया तो आपको SMS ही दिखना बंद हो जाएंगे. एक लौता चारा यही बचेगा कि आप फ़ोन को रीसेट करें. और अगर अपने कोई जरूरी सिस्टम सर्विस डिलीट कर दी है तो फ़ोन क्रैश भी हो सकता है. इसलिए सिर्फ़ उन्हीं ऐप्स को हटाएं जिनके बारे में आपको पता है कि इन्हें हटाने से कुछ गड़बड़ नहीं होगी.
चेतावनी: दी लल्लनटॉप ने केवल आपको अनचाहे ऐप्स से मुक्ति पाने का तरीका बताया है. लेकिन इस तरीके का इस्तेमाल करने का फैसला आपका खुद का होगा. किसी भी स्टेप में किसी भी तरह की गलती, या जरूरी सिस्टम ऐप हटाने पर आपके फोन को नुकसान हो सकता है, इसकी जिम्मेदारी दी लल्लनटॉप की नहीं होगी.