हमारे एक दोस्त आजकल जरा दुखी चल रहे हैं. हुआ यूं कि उन्होंने हमारे से एक प्रोडक्ट को लेकर सुझाव मांगे थे. हमने सुझाव के साथ लिंक भी शेयर कर दिया. उन्होंने सुझाव तो माना, प्रोडक्ट भी खरीदा. लेकिन सस्ता वाला. ई-कॉमर्स पोर्टल पर ऐसा आमतौर पर होता है. एक ही प्रोडक्ट के दाम में बहुत फर्क होता है. आदत से मजबूर हम कम दाम वाला प्रोडक्ट खरीद लेते हैं. खैर, दोस्त के दुख पर आते हैं. दरअसल कम दाम में उन्होंने जो प्रोडक्ट खरीदा था वो ‘Refurbished’ के नाम पर बेचा गया था. एक नया स्कैम जो खूब चल रहा है.
स्मार्टफोन लवर्स ने Refurbished को नहीं समझा तो नए स्कैम का शिकार हो सकते हैं
ई-कॉमर्स पोर्टल पर Refurbished टैग के 'नाम' पर कई ऐसे फोन बेचे जा रहे हैं जो 'Refurbished' छोड़ सब कुछ हैं. बेकार और गड़बड़ डिवाइस भी बेच दिए जाते हैं. तो फिर क्या करें. नया और महंगा ही विकल्प है क्या? नहीं जनाब, बस refurbished के पैरामीटर्स जान लीजिए.

इस स्कैम के असल पीड़ित हैं स्मार्टफोन या लैपटॉप खरीदने वाले. ई-कॉमर्स पोर्टल पर Refurbished टैग के नाम पर कई ऐसे फोन बेचे जा रहे हैं जो Refurbished छोड़ सब कुछ हैं. तो फिर क्या करें, नया और महंगा ही विकल्प है क्या? नहीं जनाब, बस Refurbished की परिभाषा जान लीजिए.
क्या मतलब है Refurbished का?ये कोई एक शब्द भर नहीं है जिसका मतलब नया तो नहीं बल्कि नए जैसा ही समझ लीजिए. फिल्मों में जैसे किसी किरदार के लिए बॉडी डबल होता है, मोटा-माटी वैसे ही. ऐसा कोई डिवाइस (स्मार्टफोन, हेडफोन, लैपटॉप, टैबलेट) जो भले सीधे फैक्ट्री से नहीं आया हो, मगर आता उसी रास्ते से है. Refurbished का मतलब बेकार, खराब, वापस किया हुआ प्रोडक्ट नहीं है.
इसका मतलब तो ऐसे प्रोडक्ट से है जो कई सारे चेक पॉइंट्स से गुजरा हो और फिर नया जैसा बनाया गया हो. सर्विस से लेकर वॉरंटी का भी प्रबंध हो. कई सारी वेबसाइट्स ऐसे प्रोडक्ट बेचती हैं. वो अपने सोर्स से पहले प्रोडक्ट खरीदती हैं, फिर उसको एक तयशुदा प्रोसेस से गुजारती हैं. उदाहरण के लिए, एक फोन को सबसे पहले चेक किया जाता है. मान लिया कि सब ठीक है क्योंकि बेचने वाले को अपग्रेड करना है.

ऐसे डिवाइस को क्लीन करके और फॉर्मेट करके बेचा जाता है. ऐसे डिवाइस के आगे उसकी कंडीशन भी साफ लिखी होती है. मसलन इसमें छोटे-मोटे स्क्रैच हैं या फिर ज्यादा. डिवाइस की कंडीशन का जिक्र होता ही है अगर बेचने वाला फर्जी नहीं है तो. अगर किसी डिवाइस को रिपेयर किया गया है तो वो भी बताया जाता है. इसी हिसाब से कीमत भी तय होती है.

ऐसे refurbished वाले पोर्टल कम से कम 6 महीने की वॉरंटी भी ऑफर करते ही हैं. मगर जैसे हमने पहले ही बताया. इधर कुछ प्रोडक्ट इसी कैटेगिरी में डाल कर बेचे जा रहे हैं, विशेषकर ई-कॉमर्स पोर्टल पर. मतलब कोई चेक पॉइंट नहीं. पुराना माल है या बेकार पता नहीं. वॉरंटी भी नहीं. आजकल पोर्टल डिवाइस वापस लेते नहीं तो फिर कस्टमर को कष्ट से मरते हुए सर्विस सेंटर जाना पड़ता है.
जितना पैसा बचाया उससे ज्यादा खर्च हो जाता है. जितने के ढोल नहीं उतने के नगाड़े फूट जाते हैं. इसलिए refurbished फोन, लैपटॉप वगैरा हमेशा देखभाल कर लीजिए. कई वेबसाइट हैं जहां सारे चेक पॉइंट चेक मिलेंगे और अगर गड़बड़ हुई तो वॉरंटी तो है ही. ऑफर से लेकर कार्ड डिस्काउंट और ईएमआई इधर भी मिल ही जाती है.
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