मगर आपकी वेबसाइट एक वक़्त पर एक ही काम कर सकती है. एक ट्रैवल ब्लॉग पर कोई मूवी के रिव्यू किसी को नहीं चाहिए, एक एजुकेशन से जुड़े पोर्टल पर जिम या फ़िटनेस की बातें गले से नहीं उतरेंगी, हाथ से बनाए हुए स्वेटर बेचने वाली वेबसाइट पर स्टॉक और शेयर मार्केट की बातें अटपटी लगेंगी. एक आइडिया पर फोकस होइए और फ़िर उसका नाम सोचिए. आपकी वेबसाइट की जान उसका नाम ही है.
नाम ऐसा होना चाहिए जो छोटा हो, स्पेलिंग आसान हो और एक बार में ही बताने पर लोगों को याद हो जाए. नाम को लेकर जल्दबाज़ी कतई न करें, भले इसके लिए आपको पूरा महीना सोच-विचार करना पड़ जाए. जो भी नाम सोचिए, उसे गूगल पर सर्च कर के देखिए कि कहीं उसी नाम से पहले से कोई बिज़नेस, कंपनी, या वेबसाइट तो नहीं चल रही. साथ ही आपको एक नहीं कम से कम दो तीन नाम लिखकर रख लेने चाहिए. क्योंकि डोमेन लेने के टाइम पर पता चलता है कि वो नाम किसी और ने खरीद रखा है. स्टेप 2: डोमेन खरीदिए

वेबसाइट का डोमेन नेम खरीदना पड़ता है.
डोमेन यानी कि आपकी वेबसाइट का नाम. जैसे लल्लनटॉप की वेबसाइट का डोमेन नेम thelallantop.com है. ये आपको खरीदना होता है. मगर ये खरीद सब्जी खरीदने जैसा नहीं है, बल्कि ऐमज़ॉन के प्राइम सब्स्क्रिप्शन जैसा होता है. आपको साल के हिसाब से इसके लिए पैसा देना होता है.
आप जितने लंबे टाइम के लिए खरीदेंगे आपको डोमेन उतना ही सस्ता पड़ेगा. डोमेन लेने के लिए आप GoDaddy और BigRock जैसी सर्विस का इस्तेमाल कर सकते हैं. हमने Godaddy पर डोमेन का नाम सर्च किया जो मौजूद था. मतलब कि इसे किसी ने पहले से ले नहीं रखा था. इसकी कीमत एक साल के लिए 899 रुपए दिखा रहा है, मगर 2 साल की खरीद पर डोमेन का कुल खर्च 1248 रुपए है.

जितने लंबे टाइम के लिए डोमेन लेंगे ये उतना ही सस्ता पड़ेगा.
डोमेन को कार्ट में जोड़कर आप साल बदल-बदल कर चेक कर सकते हैं कि साल, दो साल, तीन साल का सब्स्क्रिप्शन कितने रुपए का पड़ेगा. कोशिश यही करिए कि आप .com वाला डोमेन खरीदें. कुछ लग्जरी डोमेन थोड़े महंगे पड़ेंगे. कोशिश करिए कि आप सस्ता मगर बढ़िया डोमेन लें, क्योंकि महंगा डोमेन हर साल आपका ज़्यादा पैसा खर्च करवाएगा. स्टेप 3: होस्टिंग लीजिए अपनी वेबसाइट को चलाने के लिए आपको होस्टिंग भी लेने की जरूरत होगी. इसे अपनी वेबसाइट का घर समझिए, वो जगह जहां इसका सारा डेटा स्टोर रहता है. होस्टिंग की ज़रूरी सभी के लिए अलग होती है.

होस्टिंग के अलग-अलग प्लान कुछ इस तरह दिखते हैं.
हमारे एक्सपीरियंस में वर्डप्रेस की मदद से वेबसाइट बनाना सबसे आसान है, फ़िर चाहे वो ब्लॉग हो, कोई सिम्पल सा पेज हो या फ़िर ई-कॉमर्स वेबसाइट हो. इसलिए हम आपको इसी के लिए होस्टिंग लेने का तरीका बता रहे हैं. जिस वेबसाइट से अपने डोमेन लिया है, वहीं आपको होस्टिंग का भी ऑप्शन दिखेगा. आप इसमें वर्डप्रेस-होस्टिंग का ऑप्शन चुनिए. आपके सामने 3-4 प्लान आ जाएंगे. हर प्लान के नीचे आपको ये लिखा हुआ मिलेगा कि उसके अंदर क्या-क्या फ़ायदे हैं.
अगर आप एक छोटा स ब्लॉग शुरू कर रहे हैं, तो शुरुआत में महंगी होस्टिंग लेने की जरूरत नहीं है. नीच लगी हुई पिक्चर में आपको 149 रुपए महीना वाला प्लान दिख रहा है, जिसमें बस 30GB स्टोरेज और इसकी परफॉरमेंस ऐसी है कि ये तब तक बढ़िया काम करेगी, जब तक आपकी वेबसाइट पर महीने के 25,000 विज़िटर ही आ रहे हैं.
एक बार आपकी वेबसाइट पर अच्छा ट्रैफ़िक आने लग जाए तब आप होस्टिंग बदल भी सकते हैं. अगर आपका काम भारी-भरकम है, जैसे ई-कॉमर्स वेबसाइट वग़ैरह वाला तब आपको महंगी होस्टिंग की जरूरत पड़ेगी. होस्टिंग के रेट भी वैसे ही हैं जैसे डोमेन के रेट. जितने ज़्यादा टाइम के लिए खरीदेंगे उतना ज़्यादा सस्ता पड़ेगा.

होस्टिंग भी जितने ज़्यादा टाइम के लिए लेंगे उतनी ही सस्ती पड़ेगी.
यहां लगी हुई पिक्चर में आपको 149 रुपए महीना लिखा हुआ दिख रहा है, मगर ये असली रेट नहीं है. ये रेट तब लागू होगा जब आप होस्टिंग 3 साल के लिए लेंगे. और ये पूरा पैसा आपको एक साथ देना होगा. नीचे लगी हुई पिक्चर में देखिए कि कैसे एक साल की होस्टिंग लगाने पर रेट 299 रुपए महीना के हिसाब से जुड़ा है. स्टेप 4: वर्डप्रेस अकाउंट और थीम आपकी डोमेन और होस्टिंग सर्विस आपको वर्डप्रेस पर अपनी वेबसाइट बनाने का ऑप्शन देगी. आपको यहीं से वर्डप्रेस पर अकाउंट बनाना है और एक थीम चुनना है. घर के लिए जैसे बहिरी दीवारें होती हैं वैसे ही वेबसाइट के लिए थीम. ये आपकी वेबसाइट का ढांचा है जिसके प्लास्टर चढ़ेगा, पेंट होगा और साज-सज्जा होगी.
आप वर्डप्रेस में लेफ्ट साइड में दिए हुए पैनल में Appearance पर क्लिक करिए. अब Themes में जाइए. यहां पर आपको पहले से एक-दो थीम पड़ी हुई मिलेंगी. आप ऊपर की तरफ़ Add Theme पर क्लिक करिए. यहां पर आपको पॉपुलर और लेटेस्ट थीम नज़र आएंगी. कुछ थीम फ़्री हैं और कुछ पैसे से मिलती हैं. कई सारी अच्छी थीम के फ़्री और प्रो वर्ज़न भी होते हैं. प्रो में पैसे लगते हैं और आपको एक्स्ट्रा फीचर मिलते हैं.

वर्डप्रेस की थीम.
थीम पर लगने वाला पैसा बस एक बार का होता है. आप गूगल पर सर्च करके अपनी पसंद की फ़्री थीम ढूंढ सकते हैं. फ़िर इसे वापस से वर्डप्रेस में ढूंढकर इंस्टॉल करिए और ऐक्टिवेट कर लीजिए. अब आप चाहें तो अपनी वेबसाइट पब्लिश कर सकते हैं या फ़िर इसे कस्टमाइज़ करने के बाद पब्लिश का बटन दबा दीजिए. स्टेप 5: थीम को कस्टमाइज़ कीजिए अब आपकी वेबसाइट की चार-दीवारी खड़ी हो गई है. अब आपको इसे कस्टमाइज़ में जाकर अपने हिसाब से ढालना है. वेबसाइट का लोगों, आइकन वग़ैरह तैयार करके सेट करना है. कौन सी चीज़ कहां पर होनी चाहिए, ये फ़ैसले लेने हैं. और कुछ ज़रूरी प्लगइन इंस्टॉल करने हैं, जैसे SEO के लिए Yaost SEO या All in One SEO. आपकी वेबसाइट की जरूरत के हिसाब से आपको अलग-अलग प्लगइन और अलग-अलग सेटिंग की जरूरत पड़ेगी. जैसे ई-कॉमर्स वेबसाइट के लिए पेमेंट सिस्टम का प्लगइन, ब्लॉग वाली वेबसाइट के लिए permalink का सेटअप वग़ैरह-वग़ैरह.

आप थीम को कुछ इस तरह एडिट कर सकते हैं.
बस ध्यान रखिए कि प्लगइन बहुत ज़्यादा नहीं होने चाहिए वरना वेबसाइट स्लो हो जाएगी. वेबसाइट को कस्टमाइज़ करना ही वेबसाइट बनाने का मेन हिस्सा है. अगर कुछ इधर उधर हो गया तो आपकी पूरी मेहनत पर पानी फिर जाएगा. थीम को कस्टमाइज़ करने से पहले थोड़ा रिसर्च कर लीजिएगा. अपनी वेबसाइट के एडिटर में जाने के लिए आप अपनी वेबसाइट के अड्रेस के बाद /wp-admin लगाकर एंटर मार दीजिए और लॉगिन डीटेल डाल दीजिए.