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आखिरकार बंद होगा आपकी यादों में रचा-बसा Nokia, कंपनी ने वीडियो पोस्ट करके खुद बता दिया

नोकिया मोबाइल का मालिकाना हक रखने वाली HMD ग्लोबल ने नोकिया ब्रांडिंग को खत्म करने का फैसला लिया है. माने कि अभी तक बाजार में जो मोबाइल नोकिया के नाम से आते हैं, वो अब HMD नाम से आएंगे. कंपनी ने इस बात का संकेत खुद अपने एक वीडियो में दिया है.

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नोकिया...

नोकिया बंद हो गई. नोकिया खत्म हो गई. आखिरकार नोकिया का अंत हो ही गया. क्या यार! इतनी बड़ी कंपनी के साथ ऐसा नहीं होना था. दुखद. अगर आजकल में या निकट भविष्य में या फिर इस महीने के आखिर में आप ऐसी खबरें पढ़ें, तो जरा ठहर जाइए. मुमकिन है कि आपके पास आधी-अधूरी खबर पहुंच रही हो. आधा-अधूरा सच आपको बताया जा रहा हो. ऐसा कुछ होने तो जा रहा है लेकिन उसका दिग्गज कंपनी नोकिया से कोई सीधा लेना-देना नहीं है. लेना-देना तो बस उस नाम का है, जिसे हम सालों से नोकिया मोबाइल के नाम से जानते हैं. दरअसल,

नोकिया मोबाइल का मालिकाना हक रखने वाली HMD ग्लोबल ने नोकिया ब्रांडिंग को खत्म करने का फैसला लिया है. माने कि अभी तक बाजार में जो मोबाइल नोकिया के नाम से आते हैं, वो अब HMD नाम से आएंगे. कंपनी ने इस बात का संकेत खुद अपने एक वीडियो में दिया है.

हालांकि ऐसा होने में कोई हैरानी नहीं है क्योंकि HMD पिछले कई दिनों से ऐसे संकेत दे रही थी. वजह शायद नोकिया ब्रांडनेम से वो फायदा नहीं मिलना हो सकता है, जिसकी उम्मीद कंपनी कर रही थी. अब जो कंपनी ने नोकिया मोबाइल ब्रांडिंग खत्म करने की बात पर मुहर लगा ही दी है, तो उम्मीद लगाई जा रही है कि 26-29 फरवरी के बीच कंपनी नई ब्रांडिंग से पर्दा उठाएगी. दरअसल इस दरमियान स्पेन के Barcelona में Mobile World Congress (MWC) होने वाली है. माने कि नोकिया मोबाइल बाजार में आते रहेंगे, बस ‘नाम गुम जाएगा, चेहरा ये बदल जाएगा’ टाइप मामला है. 

अब बात नोकिया की भी कर लेते हैं. नोकिया एक दिग्गज कंपनी थी और आज भी है. नोकिया मोबाइल तो उसका एक छोटा सा हिस्सा मात्र था. नोकिया ने 2014 में अपना मोबाइल बिजनेस माइक्रोसॉफ्ट को बेच दिया था. मगर वो माइक्रोसॉफ्ट से संभला नहीं तो उसने साल 2016 में इसे HMD Global को बेच दिया. नोकिया के माफिक HMD भी एक यूरोपियन कंपनी है, जिसका हेडक्वार्टर फिनलैंड में है. रही बात नोकिया की, तो वो टेलिकॉम सेक्टर में सर्विस देने वाली बहुब्बड़ी कंपनी है. कई तरह के उपकरण बनाती है. 5G सर्विस प्रदान करती है. इतनी बड़ी कंपनी है कि अभी इसके कारण वनप्लस, ओप्पो जैसी कंपनियां यूरोपियन मार्केट से बाहर हो गई थीं. पेटेंट का लफड़ा था. जब नोकिया को मन के पैसे मिले, तब जाकर मामला सुलझा.

इतना ही नहीं, आज की तारीख में कंपनी के पास 6000 से ज्यादा पेटेंट हैं. अभी खत्म नहीं हुआ, और भी है. कंपनी बहुत स्पीड से, बोले तो एकदम 5G वाली स्पीड से, 6G डेवलप करने पर काम कर रही है. सब ठीक रहा तो साल 2030 तक नई स्पीड का मजा मिलना चालू हो सकता है.

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बोले तो Nokia ने सिर्फ मोबाइल को ‘नो-किया’. बाकी सब चल रहा है.    

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