Himanta Biswa Sarma, Assam के मुख्यमंत्री और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता Amsterdam में हैं. वो दिल्ली से दुबई होते हुए वहां गए हैं. इतना पढ़कर आप समझ ही गए होंगे कि हमने भी उनका पोस्ट देखा है. वही पोस्ट जिसमें वो अपने साथ सफर कर रहे यात्री से संपर्क करना चाह रहे हैं, जिसने उनको अपना इंटरनेशनल चार्जर और केबल दिया था. बंदा दुबई में उतर गया और अपना सामान वापस लेना भूल गया. कोई बात नहीं. क्योंकि अब Himanta ने पोस्ट किया है तो संपर्क हो ही जाएगा. सब ठीक है मगर इस शुक्रिया-शुक्रिया के बीच में कहीं से हैकिंग आ गई है.
हेमंता बिस्वा सरमा ने एक चार्जर-केबल लौटाने का पोस्ट किया, लोग जूस-जैकिंग की बात कर डराने लगे
Himanta Biswa Sarma की पोस्ट के कमेंट्स सेक्शन में यूजर्स ने हैकिंग की बात लिखी. उनको अपना फोन चेक करने की सलाह भी दी. डेटा हैकिंग, यूएसबी हैकिंग, juice-jacking जैसे साइबर अपराध की बात होने लगी. क्या होता है?

दरअसल Himanta Biswa Sarma की पोस्ट के कमेंट्स सेक्शन में यूजर्स ने हैकिंग की बात लिखी. उनको अपना फोन चेक करने की सलाह भी दी. डेटा हैकिंग, यूएसबी हैकिंग, juice-jacking जैसे साइबर अपराध की बात होने लगी. क्या वाकई में ऐसा है.

साइबर अपराध का बेहद उन्नत तरीका. देशी भाषा में भले इसको चार्जर हैकिंग कहते हैं लेकिन इसका टेक्निकल नाम है Juice Jacking. आपके पास हो आईफोन या एंड्रॉयड, दिन खत्म होते-होते बैटरी हांफने लगती है. अमूमन हम ऐसे में क्या करते हैं. केबल उठाई और चार्जिंग पोर्ट में घुसेड़ दी. बेफिक्र, बिंदास, बिना किसी टेंशन के. यही बेफिक्री आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है. स्मार्टफोन हैक हो सकता है. खासकर, कोई भी पब्लिक प्लेस जैसे रेलवे स्टेशन, मॉल, एयरपोर्ट, मेट्रो और बस स्टैंड, होटल, रेस्तरां, ऑफिस इत्यादि. आसान शब्दों में कहें तो ऐसी कोई भी जगह जहां बहुत से लोग अपना फोन चार्ज करते हैं और वहां USB चार्जिंग पोर्ट लगे हुए हैं तो आपके साथ कांड हो सकता है. इसलिए पब्लिक प्लेस पर अपना फोन चार्ज नहीं करें तो ही अच्छा.

2011 में सबसे पहले ये शब्द सामने आया. जूस इसलिए क्योंकि आम भाषा में हम कहते हैं ना कि अभी बैटरी में कितना जूस है. मतलब कितनी पावर बची हुई है. हालांकि पिछले कई सालों से इससे जुड़े अपराध सामने नहीं आए हैं मगर साल 2022 में हैदराबाद में एक कंपनी के CEO के साथ ऐसी ही ठगी का मामला सामने आया था. पब्लिक प्लेस पर अपना मोबाइल USB पोर्ट के जरिए चार्ज करते समय उन्हें पता चला की उनके अकाउंट से 16 लाख रुपये निकाल लिए गए हैं.
अमेरिकी खुफिया एजेंसी FBI (Federal Bureau of Investigation) ने भी साल 2023 में इसको लेकर वार्निंग दी थी. इस किस्म के अपराध के लिए जिस तरीके का इस्तेमाल होता है, उसे Crawler Program कहते हैं. इसके बारे में आप लिंक पर क्लिक करके जान सकते हैं.

वैसे बात करें Himanta Biswa Sarma की तो इसमें ऐसा कुछ हुआ होगा, वो संभव नहीं. क्योंकि चार्जर और केबल दिया गया था. उन्होंने फ्लाइट के चार्जिंग पोर्ट का इस्तेमाल किया होगा, जहां ऐसा कोई प्रोग्राम रन करना मुश्किल है. हालांकि साइबर अपराधियों के लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं. फिलहाल उनकी नई पोस्ट के मुताबिक उनके साथ सफर करने वाले शख्स का पता चल गया है.

नोएडा के रहने वाले Deepak Kapoor से उनकी बात भी हो गई है. चार्जर लौटाने की प्रोसेस जारी है.
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