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1 अप्रैल से GPay, PhonePe और Paytm का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे, अगर आपका नंबर...

1 अप्रैल 2025 से उन मोबाइल नंबरों को बैंक अकाउंट या UPI ऐप्‍स (upi won't work on inactive mobile number from 1 april) से हटा दिया जाएगा, जो इस्‍तेमाल में नहीं हैं. सीधे-सीधे कहें तो अगर आपका यूपीआई प्राइमरी नंबर की जगह दूसरे नंबर से चल रहा तो दिक्कत हो सकती है. पूरा मामला बताते हैं.

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1 अप्रैल से कई UPI अकाउंट बंद हो सकते हैं

अगर आप UPI का इस्तेमाल करते हैं, (जो आप पक्का करते ही होंगे) तो 1 अप्रैल 2025 की तारीख नोट कर लीजिए. इस डेट से आपका यूपीआई अकाउंट बंद (upi won't work on inactive mobile number from 1 april) हो सकता है. आप भले Google Pay, PhonePe और Paytm जैसी लोकप्रिय सर्विसेस का इस्तेमाल करते हों या दूसरे पेमेंट्स ऐप्स का. आपका यूपीआई अकाउंट सस्पेंड हो सकता है. ऐसा आपके कम प्यारे-दुलारे मोबाइल नंबर की वजह से होगा. दरअसल यूपीआई का प्रबंधन देखने वाली संस्था नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी NPCI ने बैंकों और ऐप्‍स से 31 मार्च तक कई नंबरों को हटा देने के लिए कहा है.

दरअसल एक अप्रैल से उन मोबाइल नंबरों को बैंक अकाउंट या यूपीआई ऐप्‍स से हटा दिया जाएगा, जो इस्‍तेमाल में नहीं हैं. सीधे-सीधे कहें तो अगर आपका यूपीआई प्राइमरी नंबर की जगह दूसरे नंबर से चल रहा तो दिक्कत हो सकती है. पूरा मामला बताते हैं.

रिचार्ज नहीं तो UPI नहीं

यूपीआई सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए एक अदद मोबाइल नंबर की जरूरत होती है. मोबाइल नंबर अगर आधार से लिंक है तो और अच्छा. मतलब ऐसी कोई बाध्यता नहीं है मगर जो नंबर आधार से लिंक हुआ तो फिर सारे बैंक अकाउंट आपके यूपीआई ऐप्स पर नजर आने लगते हैं. आम जिंदगी में इसे प्राइमरी नंबर कहा जाता है. प्राइमरी नंबर या कहें मेन नंबर जिसे आप रिचार्ज करते ही होंगे या पोस्टपेड सेवा का मजा लेते होंगे. जो ऐसा कुछ है तो आपको चिंता करने की कोनऊ जरूरत नहीं. चिल कीजिए.

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अब बात सेकेंडरी नंबर की. आम बातचीत में इसे WhatsApp नंबर भी कहा जाता है. वही नंबर जो कभी बेहतर ऑफर के लालच में लिया या फिर प्रीमियम नंबर के मोह में. नंबर ले लिया और उससे यूपीआई एक्टिव भी कर लिया. मगर रिचार्ज नहीं करवाया तो जान लीजिए 31 मार्च लेनदेन की आखिरी तारीख होगी.

रिचार्ज नहीं करवाने की वजह कुछ भी हो सकती है. मसलन जरूरत नहीं क्योंकि प्राइमरी नंबर से सारे काम हो जाते हैं. दूसरे नंबर के लिए डेटा भी इधर से मिल जाता है. मुआ टेलिकॉम कंपनियों के रिचार्ज प्लान भी तो अब किफायती नहीं रहे.

UPI
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अब चाहे जो भी हो. अगर ये दूसरा नंबर इस्तेमाल में नहीं है और पिछले 90 दिनों से उसे किसी भी तरीके से रिचार्ज नहीं किया गया तो उसे सस्पेंड माना जाएगा. वैसे 90 दिन के बाद 15 दिन का ग्रेस पीरियड भी मिलता है. TRAI का नियम कहता है कि अगर कोई नंबर लगातार 90 दिन से रिचार्ज नहीं हुआ तो संबंधित टेलिकॉम कंपनी उसे बंद कर सकती है. दूसरे यूजर को दे सकती है. हालांकि कंपनियां इतना जल्दी ऐसा नहीं करती हैं.

मगर NPCI ने बैंकों और पेमेंट ऐप्स को ऐसे नंबरों से चल रहे यूपीआई अकाउंट को बंद करने को कहा है. इसकी बड़ी वजह फर्जीवाड़े को रोकना है. बेकार और पुराने मोबाइल नंबर जो इस्‍तेमाल में नहीं हैं, उनके किसी भी बैंक अकाउंट से लिंक होने से तकनीकी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ता है. अगर किसी और के नाम वह मोबाइल नंबर जारी हो जाए तो धोखाधड़ी का डर भी बना रहता है. सरकार ऐसे हालात से बचते हुए लोगों को सुरक्ष‍ित रखना चाहती है.

अभी वक्त है. परेशानी से बचने के लिए ऐसे नंबर को किसी भी बेसिक प्लान से रिचार्ज कर लीजिए.  

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