आजकल स्कैम वाले मार्केट में Digital Arrest सबसे ज़्यादा चलन में है. इससे जुड़े मामले इतने ज़्यादा बढ़ गए कि ख़ुद प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में इसका जिक्र किया था. हमें भी इसी तरीके से फांसने की कोशिश की गई थी मगर ऐसा हुआ नहीं. डिजिटल अरेस्ट इस समय इतना ट्रेंडिंग है कि लगा हाल फ़िलहाल कोई और ठगी नहीं होने वाली. मगर ठग तो ठग ही हैं. उन्होंने फिर एक नया तरीका निकाला है. हालांकि ये पूरी तरीके से नया नहीं है बल्कि नए और पुराने के बीच का तरीक़ा है.
SBI ग्राहक चेत जाइये! अब तो सरकार ने भी चेतावनी जारी कर दी
साइबर ठगी के इस तरीके का टारगेट हैं देश के सबसे बड़े बैंक SBI (SBI net banking reward scam) के ग्राहक. ना-ना जो आप समझ रहे वो वाले नहीं. मतलब मामला क्रेडिट कार्ड नहीं बल्कि डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग से जुड़ा है. बात इतनी बढ़ गई है कि सरकार को चेतावनी जारी करना पड़ी है. पूरा मामला बताते हैं.
साइबर ठगी के इस तरीके का टारगेट हैं देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI net banking reward scam) के ग्राहक. ना-ना जो आप समझ रहे वो वाले नहीं. मतलब मामला क्रेडिट कार्ड नहीं बल्कि डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग से जुड़ा है. बात इतनी बढ़ गई है कि सरकार को चेतावनी जारी करना पड़ी है. पूरा मामला बताते हैं.
SBI rewards स्कैमजैसे हमने बताया कि एसबीआई के नाम पर स्कैम कोई नया नहीं है. आधार और मोबाइल नंबर अपडेट के नाम पर ठगी खूब हुई है. क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड पॉइंट के नाम पर ठगी का धंधा भी खूब चमका है. मगर इस बार डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग यूजर्स को निशाना बनाया जा रहा है. Press Information Bureau ने इसको लेकर चेताया है. दरअसल ठग कई सारे एसबीआई ग्राहकों को मैसेज भेज रहे हैं. ऐसे मैसेज में उनके डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग वाले रिवॉर्ड पॉइंट के ख़त्म होने की बात लिखी होती है. आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि एसबीआई समेत दूसरे बैंक्स अपने ग्राहकों को डेबिट कार्ड से लेनदेन पर कुछ पॉइंट ऑफ़र करते हैं.
जब ये पॉइंट एक लिमिट पर पहुंच जाते हैं तो ग्राहक इनके बदले कई सारे प्रोडक्ट्स और ऑफ़र बैंक की वेबसाइट से ले सकते हैं. इन्हीं रिवार्ड पॉइंट के एक्सपायर होने का दरेरा एसएमएस और WhatsApp के ज़रिए दिया जा रहा है. मैसेज के सब्जेक्ट में SBI NetBanking Reward Points लिखा होता है और साथ में एक बड़े मूल्य के रिवार्ड के खत्म होने का जिक्र होता है. साथ में चस्पा होती है एक लिंक.
लिंक जिसमें होती है एक APK फ़ाइल. इसके आगे कुछ बताने जैसा नहीं क्योंकि ये APK फ़ाइल ही असल हथियार है ठगों का. Android Application Package फ़ोन के अंदर और यूजर की पूरी कुंडली बाहर. फिर वो फ़ोन हैक करे या बैंकिंग ऐप्स, उसकी मर्जी.
इसलिए अगर जो आपके पास ऐसा कोई मैसेज आता है तो उसको रिवार्ड नहीं डिस्कार्ड करना है.
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