अगर ब्रेकिंग न्यूज टाइप या फिर श्रेय लेने जैसा कोई गेम खेलना होता तो आज मैं लिखता, देखो हमारी रिपोर्ट का असर हुआ है. दरअसल अभी हम जिसकी बात करने वाले हैं, उसके ऊपर हमारे साथी रवि सुमन ने काफी डिटेल में लिखा था. वो स्टोरी आपको जरूर पढ़ना चाहिए. खैर अब बात करते हैं उस जवाब (India's ChatGPT moment) की जिसे आज शायद भारत ने देने की कोशिश की है. टेक की दुनिया में हमेशा कहा जाता है कि गूगल, माइक्रोसॉफ्ट या एप्पल जैसी कंपनियां इंडिया में क्यों नहीं बनती? ChatGPT और DeepSeek जैसे प्रोडक्ट हम क्यों नहीं बना पाते?
कौन है ये Sarvam AI जो बनाएगा देसी ChatGPT
ChatGPT और DeepSeek जैसे प्रोडक्ट हम क्यों नहीं बना पाते? शायद इसी का जवाब (India's ChatGPT moment) है Sarvam. Ian Bishop से 'Remember the name' डायलॉग उधार ले लीजिए और Sarvam AI का नाम याद कर लीजिए. भारत सरकार ने देसी Large Language Model (LLM) डेवलप करने के लिए इसी स्टार्टअप को चुना है.

शायद इसी का जवाब है Sarvam. Ian Bishop से Remember the name डायलॉग उधार ले लीजिए और Sarvam AI का नाम याद कर लीजिए. भारत सरकार ने देसी Large Language Model (LLM) डेवलप करने के लिए इसी स्टार्टअप को चुना है.
भारत का ChatGPT momentहालांकि इसे चैट जीपीटी मोमेंट कहना ठीक नहीं होगा क्योंकि बात तो तब से चल रही जबसे गूगल, एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी टेक कंपनियां इंडिया में आईं. हमेशा इस बात का दरेरा दिया गया कि हम ऐसा क्यों नहीं कर पाए. जब ChatGPT आया तब भी यही बात हुई और हाल फिलहाल में चीन वाले DeepSeek के आने पर भी यही राग अलापा गया.
कहा गया कि लो भईया अब तो चीन ने भी अपना चैट बॉट बना लिया. भारत ऐसा कब करेगा? वही भारत जिसके बंदे आज गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज कंपनियों के सर्वेसर्वा हैं. वही भारत जो दुनिया भर में आईटी एक्सपर्ट और सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स की सप्लाई करता है लेकिन अपना कुछ नहीं करता.
इसी का जवाब है Sarvam AI जिसे भारत सरकार ने अपना चैट जीपीटी बनाने के लिए चुना है. केन्द्रीय मंत्री Ashwini Vaishnaw ने इसकी घोषणा की. Sarvam AI अगले 10 महीनों में देश का पहला AI model तैयार करेगा. वैसे आपकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि ये सब एक दिन में नहीं हुआ है.

इस साल फरवरी महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस समिट में इसके बारे में बताया था. उन्होंने कहा था कि देश IndiaAI Mission के तहत अपना Large Language Model (LLM) डेवलप करने की राह पर है. आज यानी 26 अप्रैल 2025 को Sarvam AI को इसके लिए चुन लिया गया है. इस प्रोग्राम के लिए देश भर से 67 प्रपोजल आए थे, जिसमें से ‘सर्वम’ को चुना गया है. आने वाले समय में 2-3 और कंपनियों को इसमें जोड़ा जाएगा.
‘सर्वम’ को सरकार की तरफ से तगड़े कंप्यूटिंग डिवाइस और बाकी सपोर्ट मिलेगा ताकि वो देश में ही AI मॉडल डेवलप कर सके. ये मॉडल वॉयस कमांड तो सपोर्ट करेगा ही, साथ में देश की कई भाषाओं में सपोर्ट भी करेगा. सर्वम (LLM) के तीन मॉडल डेवलप किए जाएंगे. कंपनी IIT Madras के साथ मिलकर ये प्रोग्राम डेवलप करने वाली है.
# Sarvam-Large जो रीजनिंग और जनरेशन का एडवांस वर्जन होगा.
# Sarvam-Small जो रियल टाइम में ऐप्स के साथ काम करेगा
# Sarvam-Edge ऐसा मॉडल होगा जो डिवाइस के अंदर ही सारे काम करेगा
पता है-पता है, अभी आपके मन में कीड़ा कुलबुला रहा होगा. आखिर ये (LLM) क्या बला है और जब ChatGPT इंडिया में चलता ही है तो फिर एक देसी मॉडल की क्या जरूरत है. हम बताते हैं.
क्या है Large Language Model (LLM)?इसके नाम में ही सब छिपा है. बस उसे थोड़ा और लार्ज करने की जरूरत है. सब्जी के उदाहरण से समझ लेते हैं. एक होती है आलू की सब्जी, भिंडी की सब्जी, लौकी और गोभी की सब्जी. अब इनको रोज-रोज तो नहीं बना सकते. जिस दिन सभी का स्वाद लेना हो तो उस दिन बनती है मिक्स वेज. एक कढ़ाई में सभी का अलग-अलग स्वाद मिल जाता है. LLM जानकारी का मिक्स वेज है. बड़े से सर्वर में या कहें बहुत बड़े सर्वर में दुनिया की हर जानकारी को डाल दिया जाता है और फिर अपने हिसाब से खा लिया जाता है.
आप कहोगे गूगल भी तो यही करता है. नहीं दोस्त, गूगल आलू, भिंडी, गोभी है. मतलब इस पर आपको जानकारी अलग-अलग लिंक्स में मिलती है. जबकि LLM ऐसा नहीं करता बल्कि वो तो काम और आसान कर देता है. आसान भाषा में कहें तो इंटरनेट पर उपलब्ध सारी लिंक्स को ‘लिंक’ करके आपके काम की जानकारी देता है. इतना ही नहीं, ऑप्शन भी भतेरे हैं.
माने अगर गूगल से पूछेंगे कि दाल मखनी बनाने का तरीका बताओ तो वो तो लिंक-लिंक खेलेगा. आपको खुद हर लिंक पर जाकर चेक करना होगा. वहीं LLM ‘हुकुम मेरे आका’ टाइप है. आप कहोगे दाल बनाने का तरीका संक्षेप में समझाओ या विस्तार में, वो जवाब दे देगा. आपकी भाषा में जवाब का प्रबंध है. सिर्फ जवाब ही नहीं देगा. मतलब दाल के साथ चावल और रोटी भी बनाएगा. माने जवाबों का सिलसिला तभी रुकेगा जब आपके सवाल रुकेंगे. अब दूसरा सवाल. देसी LLM की जरूरत क्यों?
सर्वर का चक्कर बाबू भईयादुनिया की हर टेक कंपनी के लिए भारत सबसे बड़ा मार्केट है. बात चाहे प्रोडक्शन की हो या बिक्री की. हर कंपनी आजकल अपना वर्तमान और भविष्य इंडिया में देख रही है. मतलब कोई ऐप या चैटबॉट इंडिया में नहीं होगा, ऐसा बहुत मुश्किल है. आसान तो दरअसल इनके सर्वर का एक्सेस है. माने फिर वो चैट जीपीटी हो, Google Gemini हो या कोई और कंपनी. सभी के सर्वर देश से बाहर हैं. इनको ट्रैक करना तकरीबन असंभव है.
हाल ही में OpenAI ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया था कि उनका डेटा सेंटर इंडिया में नहीं बल्कि बाहर है. वो इस डेटा का इस्तेमाल अपने Large Language Model (LLM), बोले तो ChatGPT को ट्रेंड करने में करते हैं. माने आपके और हमारे डेटा का इस्तेमाल. हालांकि ये मामला Indian Copyright Act से जुड़ा हुआ है. मगर बात तो डेटा की है.
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बोले तो बात ‘हाथ आया और मुंह न लगा’ जैसी है. ऐसे में जब अपना LLM होगा तो फिर सब घर की चारदीवारी में रहेगा. यूजर के डेटा पर बेहतर कंट्रोल होगा. इसलिए देसी LLM जरूरी था.
जाते -जाते ये भी जान लीजिए कि Sarvam AI क्या है? साल 2023 में इन्फोसिस के दो पूर्व कर्मचारियों Vivek Raghavan और Pratyush Kumar ने इसे स्टार्ट किया था. कंपनी Generative AI से जुड़े कई AI मॉडल बनाती है.
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