गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में इन फीचर के बारे में बताया है. साथ ही ये भी बताया है कि ये फीचर अभी कहां पर चालू हैं और बाकी जगह पर कब तक आ जाएंगे. हम आपको यहां पर बताएंगे कि ये फीचर क्या हैं और कैसे काम करेंगे. मॉल के अंदर रास्ता दिखेगा गूगल ने कुछ वक़्त पहले ऑग्मेंटेड रियलिटी (AR) पर बना हुआ Live View (लाइव व्यू) नाम का सिस्टम चलाया था. इसमें आप नक्शे पर अपनी जगह पहचानने के लिए फ़ोन के कैमरे का इस्तेमाल करते हैं. गूगल मैप्स आपके सामने की बिल्डिंग वग़ैरह को पहचानकर रास्ता दिखा देता है. ये फीचर अभी कुछ जगह पर ही मौजूद है. इसी लाइव व्यू सिस्टम को गूगल अब एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और मॉल जैसी जगह पर ले आया है. आप बस मैप में कैमरा चालू करेंगे और आपको पता चल जाएगा कि ATM, वॉशरूम, लिफ़्ट और दूसरी जगह किधर हैं. ये फीचर अभी अमेरिका के कुछ मॉल में शुरू हो गया है और आने वाले महीनों में ये टोक्यो के एयरपोर्ट, मॉल और रेलवे स्टेशन पर भी चालू हो जाएगा. इसे अच्छे से समझने के लिए नीचे ट्वीट में लगे हुए GIF को देखिए:
गूगल मैप्स में अलग-अलग जानकारी देखने के लिए अलग-अलग लेयर मौजूद रहती हैं. कोई लेयर ट्रैफिक दिखाती है, कोई सटेलाइट वाली इमेज, तो कोई रेलवे लाइन. इसी में अब एक नई वेदर लेयर (Weather Layer) जुड़ रही है. इसकी मदद से यूजर आराम से अपने एरिया के मौसम की जानकारी और एयर क्वालिटी देख सकते हैं.
गूगल का वेदर और एयर क्वालिटी मैप्स. (फ़ोटो: गूगल)
ईको-फ़्रेंडली रास्ते
अभी आप गूगल मैप्स पर जब रास्ता ढूंढते हैं तो आपको एक से ज़्यादा रूट दिखते हैं. कुछ ट्रैफ़िक से बचते हुए कम टाइम पर पहुंचाने वाले, तो कुछ कम से कम दूरी तय करके आपको मंजिल तक पहुंचने का रास्ता बताते हैं. अब इसी में गूगल ईको-फ़्रेंडली रास्ते का भी ऑप्शन जोड़ रहा है. इस रस्ते पर आपकी गाड़ी का तेल सबसे कम खर्च होगा, जिसकी वजह से कार्बन-डाई-ऑक्साइड सबसे कम पैदा होगी. गूगल का कहना है कि ईको-फ़्रेंडली वाला रास्ता लगभग उतना ही टाइम लेगा जितना सबसे तेज़ रूट टाइम लेगा. इन रास्तों की पहचान ट्रैफ़िक, चढ़ाई, ढलान और दूसरी चीजों की मदद से होगी.
गूगल अलग-अलग वाहनों के कार्बन एमिशन को भी चेक करेगा और आपको इनके बारे में बताएगा. आप जब कहीं के लिए रास्ता ढूंढेंगे, तो ये एक ही जगह पर आपको कार, बाइक, साइकिल और दूसरे वाहनों के रूट दिखाएगा और इनके कार्बन एमिशन भी. मतलब कि आपको हर वाहन के लिए अलग से टैब में जाकर रास्ता नहीं ढूंढना पड़ेगा.
इनके अलावा गूगल मैप्स में और भी दूसरे फीचर शामिल होंगे. यूजर मैप की मदद से ही किराने का सामान पहुंचाने वाले बिज़नेस ढूंढ पाएंगे और साथ ही डिलिवरी और पिकअप सर्विस का इस्तेमाल भी कर पाएंगे.